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Azam Khan Son Conviction: आजम खान के बेटे की सजा पर SC ने रोक लगाने से किया इनकार

सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अब्दुल्ला की दोषसिद्धि पर रोक वाली याचिका खारिज कर दी थी.

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By IANS

Published : Oct 11, 2023, 6:58 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक मामले में अब्दुल्ला आजम खान की सजा पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने समाजवादी पार्टी (सपा) नेता की याचिका पर सुनवाई की. पीठ ने कहा, "अदालत किशोरवयता पर रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. हमें इस स्तर पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने का कोई कारण नहीं मिलता है. पहले के आदेश के अनुसार, मुख्य मामला किशोरवयता पर रिपोर्ट के बाद पोस्ट करें."

खान को इस साल फरवरी में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इसके कुछ दिनों बाद उन्हें मुरादाबाद की एक अदालत ने दोषी ठहराया और दो साल जेल की सजा सुनाई. अप्रैल में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी. खान का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने पहले शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था कि जब घटना हुई थी, तब उनका मुवक्किल किशोर था और कहा था कि मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड द्वारा की जानी चाहिए थी न कि किसी नियमित अदालत द्वारा.

शीर्ष अदालत ने सितंबर में मुरादाबाद जिला अदालत को 2008 के एक आपराधिक मामले में अब्दुल्ला आजम खान द्वारा किए गए किशोर होने के दावे का पता लगाने का निर्देश दिया था. एसपी नेता आजम खान और उनके बेटे को 2008 में दर्ज 15 साल पुराने आपराधिक मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत दोषी ठहराया गया था. उनकी अयोग्यता के बाद स्‍वार विधानसभा सीट के लिए भी उपचुनाव कराया गया. इस सीट पर अपना दल के शफीक अहमद अंसारी ने जीत हासिल की. शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि स्‍वार विधानसभा सीट पर चुनाव उनकी याचिका के नतीजे के अधीन होगा.

पढ़ें : SC On Termination of Pregnancy: उच्चतम न्यायालय की दो जजों की पीठ ने गर्भपात के मामले में सुनाया अलग-अलग फैसला

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक मामले में अब्दुल्ला आजम खान की सजा पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने समाजवादी पार्टी (सपा) नेता की याचिका पर सुनवाई की. पीठ ने कहा, "अदालत किशोरवयता पर रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. हमें इस स्तर पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने का कोई कारण नहीं मिलता है. पहले के आदेश के अनुसार, मुख्य मामला किशोरवयता पर रिपोर्ट के बाद पोस्ट करें."

खान को इस साल फरवरी में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इसके कुछ दिनों बाद उन्हें मुरादाबाद की एक अदालत ने दोषी ठहराया और दो साल जेल की सजा सुनाई. अप्रैल में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी. खान का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने पहले शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था कि जब घटना हुई थी, तब उनका मुवक्किल किशोर था और कहा था कि मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड द्वारा की जानी चाहिए थी न कि किसी नियमित अदालत द्वारा.

शीर्ष अदालत ने सितंबर में मुरादाबाद जिला अदालत को 2008 के एक आपराधिक मामले में अब्दुल्ला आजम खान द्वारा किए गए किशोर होने के दावे का पता लगाने का निर्देश दिया था. एसपी नेता आजम खान और उनके बेटे को 2008 में दर्ज 15 साल पुराने आपराधिक मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत दोषी ठहराया गया था. उनकी अयोग्यता के बाद स्‍वार विधानसभा सीट के लिए भी उपचुनाव कराया गया. इस सीट पर अपना दल के शफीक अहमद अंसारी ने जीत हासिल की. शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि स्‍वार विधानसभा सीट पर चुनाव उनकी याचिका के नतीजे के अधीन होगा.

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