नई दिल्ली : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सोमवार को ओआरओपी योजना (OROP SCHEME) के तहत पूर्व सैनिकों को भुगतान में देरी के लिए रक्षा मंत्रालय की खिंचाई की (SC ON OROP SCHEME).
न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने संबंधित सचिव को 20 जनवरी के उस पत्र पर स्पष्टीकरण दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें अदालत द्वारा मार्च 2022 के आदेश के माध्यम से तय किए गए भुगतान के लिए समयसीमा बढ़ाने की मांग की गई थी.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, 'आप सचिव को बताएं कि हम उसके खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे हैं...या तो इसे वापस लें या हम रक्षा मंत्रालय को अवमानना नोटिस जारी करने जा रहे हैं...यहां आप नियम के खिलाफ युद्ध कर रहे हैं... आप ऐसा नहीं कर सकते.' सीजेआई ने टिप्पणी की, 'यह युद्ध नहीं है, बल्कि कानून के शासन के तहत है. अपने घर को व्यवस्थित करें. यदि नहीं, तो हम रक्षा मंत्रालय को अवमानना नोटिस जारी करेंगे.'
सीजेआई चंद्रचूड़ ने सवाल किया 'आप हमारे आदेशों के खिलाफ ऐसा संचार कैसे जारी कर सकते हैं.' एएसजी एन वेंकटरमन ने कहा कि मंत्रालय को अदालत के आदेश के अनुसार कवायद करने के लिए समय की आवश्यकता होगी और अप्रैल तक अनुपालन हलफनामा दाखिल करेगा.
अदालत ने मामले को होली की छुट्टियों के बाद सूचीबद्ध करने के लिए स्थगित कर दिया. 20 जनवरी, 2023 को मंत्रालय ने एक संचार जारी किया था जिसमें कहा गया था कि वे त्रैमासिक भुगतान की जाने वाली चार समान किस्तों के माध्यम से बकाया राशि का भुगतान करेंगे.
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