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नितेश राणे को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, 10 दिनों तक गिरफ्तारी पर लगी रोक - आत्मसमर्पण करने और जमानत लेने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक नितेश राणे (Maharashtra BJP MLA Nitesh Rane) की गिरफ्तारी पर 10 दिनों के लिए रोक लगा दी है. साथ ही उन्हें आत्मसमर्पण करने और जमानत लेने का निर्देश (Instructions to surrender and take bail) दिया है.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 27, 2022, 3:11 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया कि वह बीजेपी विधायक नितेश राणे (Maharashtra BJP MLA Nitesh Rane) को 10 दिनों तक गिरफ्तार न करें. सिंधुदुर्ग जिले में हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज (Case registered for attempt to murder in Sindhudurg district) किया गया है.

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) के बेटे नितेश राणे की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका का निपटारा करते हुए प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन्हें इस बीच निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने और मामले में नियमित जमानत की मांग करने को कहा है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 17 जनवरी को मामले में राणे को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार कर दिया था.

यह भी पढ़ें- अरुणाचल प्रदेश से लापता युवक को चीन ने भारतीय सेना को सौंपा : किरेन रिजिजू

हाईकोर्ट ने यह देखते हुए जमानत नहीं दी थी कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के परस्पर विरोधी विचारों और मामले में उचित जांच के बीच संतुलन की आवश्यकता है. उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने राणे और एक अन्य आरोपी संदेश सावंत की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी लेकिन मामले के तीसरे आरोपी मनीष दलवी की इसी तरह की याचिका को स्वीकार कर लिया था. मामला तटीय जिले में शिवसेना के एक कार्यकर्ता पर कथित हमले से जुड़ा है.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया कि वह बीजेपी विधायक नितेश राणे (Maharashtra BJP MLA Nitesh Rane) को 10 दिनों तक गिरफ्तार न करें. सिंधुदुर्ग जिले में हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज (Case registered for attempt to murder in Sindhudurg district) किया गया है.

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) के बेटे नितेश राणे की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका का निपटारा करते हुए प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन्हें इस बीच निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने और मामले में नियमित जमानत की मांग करने को कहा है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 17 जनवरी को मामले में राणे को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार कर दिया था.

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हाईकोर्ट ने यह देखते हुए जमानत नहीं दी थी कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के परस्पर विरोधी विचारों और मामले में उचित जांच के बीच संतुलन की आवश्यकता है. उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने राणे और एक अन्य आरोपी संदेश सावंत की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी लेकिन मामले के तीसरे आरोपी मनीष दलवी की इसी तरह की याचिका को स्वीकार कर लिया था. मामला तटीय जिले में शिवसेना के एक कार्यकर्ता पर कथित हमले से जुड़ा है.

(पीटीआई)

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