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बेंगलुरु हिंसा: आरोपियों को जमानत देने के खिलाफ याचिका दायर, राज्य सरकार को नोटिस - न्यायमूर्ति हिरषिकेश रॉय

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हिरषिकेश रॉय की नेतृत्व वाली खंड पीठ ने कांग्रेस के विधायक आर अखंडा श्रीनिवास मूर्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते पूर्व बेंगलुरु महापौर, संपत राज और पार्षद अब्दुल रकीब नजीर को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Feb 20, 2021, 3:27 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को पूर्व बेंगलुरु महापौर, संपत राज और पार्षद अब्दुल रकीब नजीर को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है. यह दोनों पिछले साल बेंगलुरु हिंसा के आरोपी थे.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और हिरषिकेश रॉय की नेतृत्व वाली खंड पीठ ने कांग्रेस के विधायक आर अखंडा श्रीनिवास मूर्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी करने का फैसला किया.

श्रीनिवास मूर्ति ने अपनी याचिका में कहा था कि अभियुक्तों ने गंभीर अपराध किए थे और लोगों को हिंसा करने और समुदायों के बीच तनाव पैदा करने के लिए घर जलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

सुनवाई के दौरान अदालत ने तीन सप्ताह के भीतर आरोपियों से भी जवाब देने को कहा.

बता दें कि पिछले साल 12 अगस्त को सोशल मीडिया पर शेयर की गई कथित रूप से आपत्तिजनक एक पोस्ट शेयर करने पर 3000 से 4000 लोगों की भीड़ ने कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति और उनकी बहन के घर में आग लगा दी थी.

इसके अलावा भीड़ ने पुलिस थानों में भी तोडफ़ोड़ की. इस घटना में चार लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी थी.

पढ़ें - लाभार्थियों को अब मुफ्त मिलेगा आयुष्मान कार्ड

इस संबंध में पुलिस ने पूर्व मेयर और पार्षद को गिरफ्तार किया था, लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उन्हें इस महीने की शुरुआत में जमानत दी थी. याचिकाकर्ता के अनुसार हाई कोर्ट ने अपने आदेश में जमानत देने कारण नहीं बताया था.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को पूर्व बेंगलुरु महापौर, संपत राज और पार्षद अब्दुल रकीब नजीर को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है. यह दोनों पिछले साल बेंगलुरु हिंसा के आरोपी थे.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और हिरषिकेश रॉय की नेतृत्व वाली खंड पीठ ने कांग्रेस के विधायक आर अखंडा श्रीनिवास मूर्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी करने का फैसला किया.

श्रीनिवास मूर्ति ने अपनी याचिका में कहा था कि अभियुक्तों ने गंभीर अपराध किए थे और लोगों को हिंसा करने और समुदायों के बीच तनाव पैदा करने के लिए घर जलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

सुनवाई के दौरान अदालत ने तीन सप्ताह के भीतर आरोपियों से भी जवाब देने को कहा.

बता दें कि पिछले साल 12 अगस्त को सोशल मीडिया पर शेयर की गई कथित रूप से आपत्तिजनक एक पोस्ट शेयर करने पर 3000 से 4000 लोगों की भीड़ ने कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति और उनकी बहन के घर में आग लगा दी थी.

इसके अलावा भीड़ ने पुलिस थानों में भी तोडफ़ोड़ की. इस घटना में चार लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी थी.

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इस संबंध में पुलिस ने पूर्व मेयर और पार्षद को गिरफ्तार किया था, लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उन्हें इस महीने की शुरुआत में जमानत दी थी. याचिकाकर्ता के अनुसार हाई कोर्ट ने अपने आदेश में जमानत देने कारण नहीं बताया था.

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