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देसी गायों की घटती संख्या पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और राज्यों को नोटिस - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देश में देसी गायों की घटती संख्या के साथ ही बढ़ती क्रॉस नस्लों को देखते हुए केंद्र व राज्यों को नोटिस जारी किया है.

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Published : May 6, 2022, 5:02 PM IST

नई दिल्ली: देश में देसी गायों की घटती संख्या के साथ ही बढ़ती क्रॉस नस्लों को देखते हुए स्वदेशी गायों के कृत्रिम गर्भाधान की मांग किए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया.

उक्त मामले की सुनवाई सर्वोच्च अदालत में चीफ जस्टिस एनवी रमना (Chief Justice of India Justice NV Ramana) की पीठ कर रही थी. ए दिव्या रेड्डी द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में सर्वेक्षण आंकड़ों का हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार वर्तमान में भारत में 19,34,62,871 मवेशी हैं. इनमें क्रॉस ब्रीड की संख्या 5,13,56,405 और स्वदेशी की संख्या 14,21,06,466 है. साथ ही यह भी जानकारी दी गई है कि विदेशी मवेशियों में 29.3% की वृद्धि हुई है जबकि देशी मवेशियों में 6% की कमी आई है.

पीआईएल में कहा गया है कि केवल दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए विदेशी मवेशियों की संख्या बढ़ाने पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए. साथ ही कहा गया है कि स्वदेशी मवेशियों के कई लाभ और विशेषताएं हैं जो भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं जबकि विदेशी मवेशियों के साथ ऐसा नहीं है. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है और सरकारों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो एक दिन भारत में किसी भी नस्ल के मवेशी होने के दावे के अधिकार को खो देंगे. भारत में स्वदेशी नस्लों की घटती संख्या को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा त्वरित और निर्णायक कार्रवाई किए जाने की जरूरत है. याचिकाकर्ता ने किसानों और पशुपालकों को स्वदेशी मवेशियों के लाभों और क्रॉस नस्लों की अस्थिरता के बारे में शिक्षित करने के निर्देश देने की भी प्रार्थना की.

ये भी पढ़ें - कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति धूलिया और परदीवाला को सुप्रीम कोर्ट भेजने की सिफारिश की

नई दिल्ली: देश में देसी गायों की घटती संख्या के साथ ही बढ़ती क्रॉस नस्लों को देखते हुए स्वदेशी गायों के कृत्रिम गर्भाधान की मांग किए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया.

उक्त मामले की सुनवाई सर्वोच्च अदालत में चीफ जस्टिस एनवी रमना (Chief Justice of India Justice NV Ramana) की पीठ कर रही थी. ए दिव्या रेड्डी द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में सर्वेक्षण आंकड़ों का हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार वर्तमान में भारत में 19,34,62,871 मवेशी हैं. इनमें क्रॉस ब्रीड की संख्या 5,13,56,405 और स्वदेशी की संख्या 14,21,06,466 है. साथ ही यह भी जानकारी दी गई है कि विदेशी मवेशियों में 29.3% की वृद्धि हुई है जबकि देशी मवेशियों में 6% की कमी आई है.

पीआईएल में कहा गया है कि केवल दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए विदेशी मवेशियों की संख्या बढ़ाने पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए. साथ ही कहा गया है कि स्वदेशी मवेशियों के कई लाभ और विशेषताएं हैं जो भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं जबकि विदेशी मवेशियों के साथ ऐसा नहीं है. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है और सरकारों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो एक दिन भारत में किसी भी नस्ल के मवेशी होने के दावे के अधिकार को खो देंगे. भारत में स्वदेशी नस्लों की घटती संख्या को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा त्वरित और निर्णायक कार्रवाई किए जाने की जरूरत है. याचिकाकर्ता ने किसानों और पशुपालकों को स्वदेशी मवेशियों के लाभों और क्रॉस नस्लों की अस्थिरता के बारे में शिक्षित करने के निर्देश देने की भी प्रार्थना की.

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