दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मीडिया कारोबारी राघव बहल (Raghav Bahl) को बड़ी राहत दी है. ईडी द्वारा दायर मामले में उच्चतम न्यायालय ने राघव बहल के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई (गिरफ्तारी) पर रोक लगा दी है. यानि इस मामले में अब ईडी राघव बहल की गिरफ्तारी नहीं कर पाएगी.
इससे पहले 3 दिसंबर को राघव बहल द्वारा केस को खारिज करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था. हालांकि हाई कोर्ट से बहल को किसी भी तरह की अंतरिम राहत नहीं मिली थी.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को राघव बहल के वकील विकास सिंह की दलीलों को सुनने के बाद उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई ना करने का आदेश दिया. उच्चतम न्यायालय ने राघव बहल की ताजा अपील को इस मुद्दे पर लंबित अपील के साथ टैग करने का भी आदेश दिया है.राघव बहल के वकील की तरफ से बताया गया कि हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत नहीं दी थी इसलिये ये विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी.
हाइकोर्ट ने तीन दिसंबर को ईडी को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्तों का वक्त दिया था. याचिका के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग मामला रद्द करने के अलावा जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा बहल को जारी नोटिस को भी चुनौती दी गई है.
बहल के वकील ने दलील दी थी, ‘‘क्या माननीय न्यायाधीश कोई कठोर कदम नहीं उठाने का वैसा ही आदेश जारी करेंगे, जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने दिया था (मूल अपराध से जुड़े मामले में)?’’
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा था , ‘‘मैं इस पर विचार नहीं करूंगा, श्रीमान।’’ साथ ही, विषय की अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख दे दी.
राघव बहल के खिलाफ ईडी का मामला आयकर विभाग की एक शिकायत से उपजा है और यह लंदन में एक अघोषित संपत्ति की खरीद में कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है.
(पीटीआई-भाषा)