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SC ने OROP के तहत बकाया रकम का 15 मार्च तक भुगतान करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन (OROP ) मामले में सरकार को आदेश दिया है कि वह 15 मार्च तक पूर्व सैनिकों को बकाया राशि का भुगतान कर दें. केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल ने कहा कि रक्षा लेखा महानियंत्रक द्वारा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अब अंतिम मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है. SC on OROP.

SC orders payment of dues under OROP by March 15 (file photo)
SC ने OROP के तहत बकाया रकम का 15 मार्च तक भुगतान करने का दिया आदेश (फाइल फोटो)
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Published : Jan 9, 2023, 2:24 PM IST

Updated : Jan 9, 2023, 5:01 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) के बकाया का भुगतान करने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया. केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि तालिकाओं की प्रक्रिया रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) द्वारा पूरी कर ली गई है. उन्होंने आगे कहा कि तालिकाओं को अंतिम मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है. SC ON OROP.

पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों को सभी बकाया राशि जल्द प्राप्त हो और आगे कोई देरी न हो. एजी ने कहा कि 15 मार्च तक सशस्त्र बलों के 25 लाख पेंशनभोगियों के अकाउंट्स में पैसा आना शुरू हो जाएगा. पीठ ने पूर्व सैनिकों के संघ को एरियर के भुगतान के संबंध में समस्या होने पर एक आवेदन दायर करने की अनुमति दी.

केंद्र सरकार ने पिछले महीने, पात्र सशस्त्र बल पेंशनरों को ओआरओपी योजना के बकाया भुगतान के लिए 15 मार्च, 2023 तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था. पिछले साल मार्च में, शीर्ष अदालत ने एक फैसले में कहा था कि ओआरओपी योजना एक नीतिगत निर्णय है और अदालत ने ओआरओपी सिद्धांत में कोई संवैधानिक कमी नहीं पाई है, जैसा कि सरकार द्वारा 7 नवंबर, 2015 को जारी संचार द्वारा परिभाषित किया गया है. सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को देय बकाया की गणना की जाएगी और तदनुसार तीन महीने की अवधि के भीतर भुगतान किया जाएगा.

पिछले साल जून में, केंद्र ने शीर्ष अदालत का रुख किया और मार्च के फैसले के अनुसार गणना और भुगतान करने के लिए समय मांगा, जो केंद्र के फार्मूले के खिलाफ भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन (आईईएसएम) द्वारा दायर याचिका पर आया था.

शीर्ष अदालत ने पूर्व सैनिकों के संघ को एक आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता दी, अगर वे ओआरओपी के बकाए के भुगतान पर केंद्र की किसी भी कार्रवाई से असंतुष्ट महसूस करते हैं. केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा कि रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) द्वारा सारणीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अब तालिकाओं को अंतिम मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है. वेंकटरमणि ने कहा, '15 मार्च तक सशस्त्र बलों के 25 लाख पेंशनभोगियों के खातों में पैसा आना शुरू हो जाएगा.' पिछले महीने, सरकार ने सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनरों को ओआरओपी योजना के बकाया भुगतान के लिए 15 मार्च, 2023 तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.

ये भी पढ़ें : Setback for Anti UCC Lobby : यूसीसी पैनल के गठन के खिलाफ लगी याचिका खारिज

(पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) के बकाया का भुगतान करने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया. केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि तालिकाओं की प्रक्रिया रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) द्वारा पूरी कर ली गई है. उन्होंने आगे कहा कि तालिकाओं को अंतिम मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है. SC ON OROP.

पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों को सभी बकाया राशि जल्द प्राप्त हो और आगे कोई देरी न हो. एजी ने कहा कि 15 मार्च तक सशस्त्र बलों के 25 लाख पेंशनभोगियों के अकाउंट्स में पैसा आना शुरू हो जाएगा. पीठ ने पूर्व सैनिकों के संघ को एरियर के भुगतान के संबंध में समस्या होने पर एक आवेदन दायर करने की अनुमति दी.

केंद्र सरकार ने पिछले महीने, पात्र सशस्त्र बल पेंशनरों को ओआरओपी योजना के बकाया भुगतान के लिए 15 मार्च, 2023 तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था. पिछले साल मार्च में, शीर्ष अदालत ने एक फैसले में कहा था कि ओआरओपी योजना एक नीतिगत निर्णय है और अदालत ने ओआरओपी सिद्धांत में कोई संवैधानिक कमी नहीं पाई है, जैसा कि सरकार द्वारा 7 नवंबर, 2015 को जारी संचार द्वारा परिभाषित किया गया है. सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को देय बकाया की गणना की जाएगी और तदनुसार तीन महीने की अवधि के भीतर भुगतान किया जाएगा.

पिछले साल जून में, केंद्र ने शीर्ष अदालत का रुख किया और मार्च के फैसले के अनुसार गणना और भुगतान करने के लिए समय मांगा, जो केंद्र के फार्मूले के खिलाफ भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन (आईईएसएम) द्वारा दायर याचिका पर आया था.

शीर्ष अदालत ने पूर्व सैनिकों के संघ को एक आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता दी, अगर वे ओआरओपी के बकाए के भुगतान पर केंद्र की किसी भी कार्रवाई से असंतुष्ट महसूस करते हैं. केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा कि रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) द्वारा सारणीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अब तालिकाओं को अंतिम मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है. वेंकटरमणि ने कहा, '15 मार्च तक सशस्त्र बलों के 25 लाख पेंशनभोगियों के खातों में पैसा आना शुरू हो जाएगा.' पिछले महीने, सरकार ने सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनरों को ओआरओपी योजना के बकाया भुगतान के लिए 15 मार्च, 2023 तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.

ये भी पढ़ें : Setback for Anti UCC Lobby : यूसीसी पैनल के गठन के खिलाफ लगी याचिका खारिज

(पीटीआई)

Last Updated : Jan 9, 2023, 5:01 PM IST
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