नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कक्षा 11वीं की परीक्षाएं स्कूलों में कराने के केरल सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी.
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि विस्तृत हलफनामा दाखिल किया जा चुका है और वे कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं.
न्यायालय ने कहा कि इस मामले में समग्र रुख अपनाया जाना चाहिए और प्राधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत हैं.
पीठ ने कहा,'राज्य ने जो विवरण दिए हैं हम उनसे संतुष्ट हैं और हम विश्वास करते हैं कि प्राधिकारी सभी एहतियाती और जरूरी कदम उठाएंगे ताकि छात्रों को किसी अप्रिय स्थिति का सामना नहीं करना पड़े, जो कम उम्र हैं और प्रस्तावित परीक्षा देने जा रहे हैं. याचिका खारिज की जाती है.'
न्यायालय ने कहा कि उसने पहले हस्तक्षेप किया था क्योंकि सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका थी.
केरल सरकार ने एक हलफनामा दाखिल करके शीर्ष अदालत को बताया कि जिन छात्रों के पास लैपटॉप और मोबाइल फोन नहीं हैं उनके लिए ऑनलाइन परीक्षा देना मुश्किल होगा.
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राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा,' ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा आयोजित करना उन छात्रों के लिए पक्षपाती होगा जिनके पास लैपटॉप, डेस्कटॉप और मोबाइल नहीं हैं. समाज के नचले तबके से ताल्लुक रखने वाले छात्र ऑनलाइन कक्षाओं के लिए मोबाइल फोन अथवा टैबलेट का सराहा लेते हैं.'
सरकार ने कहा,'कई इलाकों में इंटरनेट कनेक्शन अथवा मोबाइल डाटा जैसी सुविधा मौजूद नहीं है. ये छात्र कभी ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा नहीं दे पाएंगे.'
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने केरल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच कक्षा11 की परीक्षा स्कूलों में कराने के राज्य सरकार के फैसले पर तीन सितंबर को एक सप्ताह तक के लिए रोक लगा दी थी और कहा था, 'राज्य में हालात चिंताजनक हैं.' परीक्षाएं छह सितंबर को होनी थी.