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प. बंगाल विस चुनाव : तारीखों को लेकर EC को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया.

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Published : Mar 9, 2021, 1:46 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 3:51 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद याचिका खारिज की. याचिका में यह भी अनुरोध किया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेताओं को राज्य में चुनाव प्रचार मुहिम के दौरान 'जय श्री राम' जैसे नारों का इस्तेमाल करने से रोका जाए.

पढ़ें : मराठा आरक्षण मामला : SC ने राज्यों से पूछा- 50% से ज्यादा हो सकता है आरक्षण

पीठ ने शुरुआत में याचिकाकर्ता एवं वकील एम एल शर्मा से कहा कि वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के पास जाएं.

शर्मा ने पीठ से कहा, ‘मैंने एक फैसले को आधार बनाया है. यह चुनाव संबंधी याचिका नहीं है. एक दल धार्मिक नारों का इस्तेमाल कर रहा है. मुझे उच्च न्यायालय क्यों जाना चाहिए?’

जब याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत के 1978 के आदेश का जिक्र किया, तो पीठ ने उसे फैसले का पैरा दिखाने को कहा. पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्रचार मुहिम में कदाचार संबंधी यचिका की सुनवाई कर सकती है.

शर्मा ने कहा कि मामले की सुनवाई कल यानी बुधवार को की जाए और पीठ ने कहा, 'हम इसे बार-बार नहीं पढ़ सकते, इसे अभी पढ़िए.'

पीठ ने कहा, 'ठीक है, हम आपसे सहमत नहीं हैं. याचिका खारिज की जाती है.'

याचिका में न्यायालय से आयोग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था कि वह राज्य में आठ चरण में विधानसभा चुनाव नहीं कराए, क्योंकि इससे संविधान के अनुच्छेद 14 (समता के अधिकार)और अनुच्छेद 21(जीने के अधिकार) का उल्लंघन होता है.

पढ़ें : जानें महिलाओं के पक्ष में न्यायालय के बड़े निर्णय

निर्वाचन आयोग ने 26 फरवरी को पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले चुनावों के लिए कार्यक्रम की घोषणा की थी. पश्चिम बंगाल में जहां 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में चुनाव होंगे वहीं तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को चुनाव होंगे. असम में तीन चरणों में चुनाव होने हैं.

याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया था कि वह पश्चिम बंगाल में चुनावों के दौरान कथित तौर पर धार्मिक नारे लगाने को लेकर सीबीआई को मामला दर्ज करने का निर्देश दे.

याचिका में कहा गया था कि “जय श्री राम और अन्य धार्मिक नारे लगाने से वैमनस्य फैल रहा है”. यह भारतीय दंड संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अपराध है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद याचिका खारिज की. याचिका में यह भी अनुरोध किया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेताओं को राज्य में चुनाव प्रचार मुहिम के दौरान 'जय श्री राम' जैसे नारों का इस्तेमाल करने से रोका जाए.

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पीठ ने शुरुआत में याचिकाकर्ता एवं वकील एम एल शर्मा से कहा कि वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के पास जाएं.

शर्मा ने पीठ से कहा, ‘मैंने एक फैसले को आधार बनाया है. यह चुनाव संबंधी याचिका नहीं है. एक दल धार्मिक नारों का इस्तेमाल कर रहा है. मुझे उच्च न्यायालय क्यों जाना चाहिए?’

जब याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत के 1978 के आदेश का जिक्र किया, तो पीठ ने उसे फैसले का पैरा दिखाने को कहा. पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्रचार मुहिम में कदाचार संबंधी यचिका की सुनवाई कर सकती है.

शर्मा ने कहा कि मामले की सुनवाई कल यानी बुधवार को की जाए और पीठ ने कहा, 'हम इसे बार-बार नहीं पढ़ सकते, इसे अभी पढ़िए.'

पीठ ने कहा, 'ठीक है, हम आपसे सहमत नहीं हैं. याचिका खारिज की जाती है.'

याचिका में न्यायालय से आयोग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था कि वह राज्य में आठ चरण में विधानसभा चुनाव नहीं कराए, क्योंकि इससे संविधान के अनुच्छेद 14 (समता के अधिकार)और अनुच्छेद 21(जीने के अधिकार) का उल्लंघन होता है.

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निर्वाचन आयोग ने 26 फरवरी को पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले चुनावों के लिए कार्यक्रम की घोषणा की थी. पश्चिम बंगाल में जहां 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में चुनाव होंगे वहीं तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को चुनाव होंगे. असम में तीन चरणों में चुनाव होने हैं.

याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया था कि वह पश्चिम बंगाल में चुनावों के दौरान कथित तौर पर धार्मिक नारे लगाने को लेकर सीबीआई को मामला दर्ज करने का निर्देश दे.

याचिका में कहा गया था कि “जय श्री राम और अन्य धार्मिक नारे लगाने से वैमनस्य फैल रहा है”. यह भारतीय दंड संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अपराध है.

Last Updated : Mar 9, 2021, 3:51 PM IST
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