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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, हेट स्पीच मामले में राज्य सरकार स्वतः दर्ज करेगी एफआईआर - FIR on hate speech

सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में सभी राज्यों को बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति हेट स्पीच दे, तो उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए किसी की शिकायत करने की जरूरत नहीं है. सरकार स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज करवाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई करने में किसी भी धर्म को आड़े आने नहीं दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि कार्रवाई इस तरह से होनी चाहिए, जिससे कि देश का धर्मनिरपेक्ष चरित्र, जिसे प्रस्तावना में निर्धारित किया गया है, वह सुरक्षित रहे.

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सुप्रीम कोर्ट
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Published : Apr 28, 2023, 5:50 PM IST

Updated : Apr 28, 2023, 6:09 PM IST

नई दिल्ली : हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला दिया है. कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि वे इस तरह के मामलों में स्वतः ही एफआईआर दर्ज कर लें, अगर किसी ने शिकायत नहीं की है तो. इस आदेश को सुनाते हुए कोर्ट ने बहुत ही महत्वपूर्ण टिप्पणी भी की.

  • Supreme Court directs all the States and Union Territories to ensure that as and when any hate speech is made, they shall take suo moto action for registration of FIR even without any complaints.

    Supreme Court makes it clear that such action shall be taken irrespective of the… pic.twitter.com/yFOlG6QQnq

    — ANI (@ANI) April 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया गया है, इसलिए इसे हर हाल में सुरक्षित रखना होगा. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की स्पीच चाहे जो कोई भी दे, और वह किसी भी धर्म का क्यों न हो, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी ही चाहिए.

आपको बता दें कि शुरुआती तौर पर सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली को दिया गया था. पर आज के फैसले में कोर्ट ने देश के सभी राज्यों को शामिल कर लिया. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएफ जोसेफ ने कहा कि इस तरह का मामला देश के ताने बाने को प्रभावित करता है. जज ने कहा कि यह कोई छोटा मोटा अपराध नहीं, बल्कि गंभीर अपराध है. यह रिपब्लिक की गरिमा पर आघात करता है.

कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच पर किसी से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है. जज ने कहा कि पहले राज्य सरकार को स्वीकार करना होगा कि हेट स्पीच गंभीर अपराध है और यह एक समस्या है, तभी सरकार उसके खिलाफ कदम उठा सकती है.

शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी कि अगर इस फैसले को लागू करने में देरी की जाएगी, तो इसे कोर्ट की अवमानना की कैटेगरी में डाला जाएगा. आपको बता दें कि याचिका शाहीन अब्दुल्ला ने दाखिल की थी. वह एक पत्रकार हैं. उन्होंने अपनी याचिका में यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली का ही जिक्र किया था. कोर्ट ने तब इन्हीं तीनों राज्यों को आदेश दिया था. लेकिन बाद में अब्दुल्ला ने अपनी याचिका में सभी राज्यों के नामों को डाल दिया. आज कोर्ट ने इस पर ही अपना फैसला सुनाया.

ये भी पढ़ें : WFI Controversy : बृजभूषण सिंह पर FIR दर्ज करेगी दिल्ली पुलिस, सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी

नई दिल्ली : हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला दिया है. कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि वे इस तरह के मामलों में स्वतः ही एफआईआर दर्ज कर लें, अगर किसी ने शिकायत नहीं की है तो. इस आदेश को सुनाते हुए कोर्ट ने बहुत ही महत्वपूर्ण टिप्पणी भी की.

  • Supreme Court directs all the States and Union Territories to ensure that as and when any hate speech is made, they shall take suo moto action for registration of FIR even without any complaints.

    Supreme Court makes it clear that such action shall be taken irrespective of the… pic.twitter.com/yFOlG6QQnq

    — ANI (@ANI) April 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया गया है, इसलिए इसे हर हाल में सुरक्षित रखना होगा. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की स्पीच चाहे जो कोई भी दे, और वह किसी भी धर्म का क्यों न हो, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी ही चाहिए.

आपको बता दें कि शुरुआती तौर पर सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली को दिया गया था. पर आज के फैसले में कोर्ट ने देश के सभी राज्यों को शामिल कर लिया. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएफ जोसेफ ने कहा कि इस तरह का मामला देश के ताने बाने को प्रभावित करता है. जज ने कहा कि यह कोई छोटा मोटा अपराध नहीं, बल्कि गंभीर अपराध है. यह रिपब्लिक की गरिमा पर आघात करता है.

कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच पर किसी से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है. जज ने कहा कि पहले राज्य सरकार को स्वीकार करना होगा कि हेट स्पीच गंभीर अपराध है और यह एक समस्या है, तभी सरकार उसके खिलाफ कदम उठा सकती है.

शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी कि अगर इस फैसले को लागू करने में देरी की जाएगी, तो इसे कोर्ट की अवमानना की कैटेगरी में डाला जाएगा. आपको बता दें कि याचिका शाहीन अब्दुल्ला ने दाखिल की थी. वह एक पत्रकार हैं. उन्होंने अपनी याचिका में यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली का ही जिक्र किया था. कोर्ट ने तब इन्हीं तीनों राज्यों को आदेश दिया था. लेकिन बाद में अब्दुल्ला ने अपनी याचिका में सभी राज्यों के नामों को डाल दिया. आज कोर्ट ने इस पर ही अपना फैसला सुनाया.

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Last Updated : Apr 28, 2023, 6:09 PM IST
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