नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कहा कि इंटर्नशिप की समय सीमा आगे बढ़ाने की मांग कर रहे एमबीबीएस छात्र सरकार को प्रतिवेदन दें. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि अभ्यर्थियों के सामने आई मुश्किलों पर विचार करते हुए मंत्रालय प्रतिवेदन सौंपे जाने की तारीख से एक हफ्ते के अंदर इस पर फैसला कर सकता है.
पीठ ने कहा कि वह इस समय मुद्दे पर कोई विचार प्रकट नहीं कर रही है. वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी एमबीबीएस छात्रों की ओर से न्यायालय में पेश हुए. उन्होंने कहा कि परीक्षा आगे बढ़ा दी गई है लेकिन एक महत्वपूर्ण अर्हता पर विचार किये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अर्हता यह है कि परीक्षा में शामिल हो रहे छात्रों को 31 मई 2022 तक एक साल का अनिवार्य इंटर्नशिप पूरा करना होगा, ताकि वे नीट-पीजी-22 परीक्षा में बैठने के पात्र हो सकें.
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उन्होंने कहा कि इस मई 31 की समय सीमा को एक या दो महीने बढ़ाया जा सकता है. पीठ ने कहा कि यह एक नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप करने जैसा होगा क्योंकि इंटर्नशिप शुरू करने के लिए कोई एक तारीख नहीं है. न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया कि मार्च में आयोजित होने वाले नीट-पीजी-22 कार्यक्रम की तारीख आगे बढ़ा दी गई है.
(पीटीआई)