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AIFF को चलाएगी प्रशासकों की कमेटी, प्रफुल्ल पटेल से छिनी चेयरमैन की कुर्सी

सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) की की कार्यकारी समिति के लिए चुनाव कराने का रास्ता साफ कर दिया है. सुप्रीम अदालत ने चुनाव होने और नई समिति बनने तक फेडरेशन का प्रशासन का संभालने के लिए प्रशासकों की कमेटी का पुनर्गठन किया है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस ए.आर. दवे इस समिति के प्रमुख बनाए गए हैं. इस आदेश के साथ ही NCP नेता प्रफुल्ल पटेल से फेडरेशन के चेयरमैन की कुर्सी छिन गई है.

committee of administrators AIFF
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Published : May 18, 2022, 4:01 PM IST

Updated : May 18, 2022, 4:24 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) की कमान संभालने के लिए प्रशासकों की कमेटी (CoA) का पुनर्गठन किया है. यह कमेटी नेशनल स्पोर्टस कोड और मॉडल गाइडलाइन के दिशा-निर्देशों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट को फुटबॉल फेडरेशन के प्रबंधन में मदद करेगी. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस ए.आर. दवे अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के मामलों का प्रबंधन करने के लिए बनाई गई इस कमेटी के प्रमुख होंगे. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस.वाई. कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी प्रशासकों की कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं.

जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, सूर्यकांत और पी.एस. नरसिम्हा ने बुधवार को प्रशासकों की कमेटी (committee of administrators) पुनर्गठन का आदेश दिया. पीठ ने कहा कि प्रशासकों की नवनियुक्त कमेटी (CoA) द्वारका के फुटबॉल हाउस या किसी अन्य सुविधा स्थल पर बैठेगी. यह कमेटी ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के दिन-प्रतिदिन के मामलों को देखेगी. फेडरेशन के नए प्रशासक ही संविधान के मुताबिक एआईएफएफ की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची तैयार कराएंगे. डॉ. एस.वाई. कुरैशी और भास्कर गांगुली की दो सदस्यीय समिति पहले ही कोर्ट के समक्ष वोटर लिस्ट पेश कर चुकी है.

कुरैशी और गांगुली वाली प्रशासकों की कमेटी की ओर से एडवोकेट समर बंसल ने अपनी दलीलें रखीं. पीठ ने स्पष्ट किया कि सीओए (CoA) टूर्नामेंट के आयोजन, खिलाड़ियों के चयन और महासंघ के अन्य मामलों के लिए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की पूर्व समिति की सहायता ले सकता है. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि कमेटी के गठन एआईएफएफ का चुनाव कराने के लिए अस्थायी व्यवस्था है. इसका काम संविधान के अनुसार लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित निकाय को फेडरेशन का दिन-प्रतिदिन का शासन सौंपना है.

बता दें कि दिल्ली फुटबॉल क्लब ने प्रफुल्ल पटेल को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष बनाए रखने के फैसले की चुनौती दी थी. क्लब की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि प्रफुल्ल पटेल फेडरेशन के संविधान को दरकिनार कर दशकों से एआईएफएफ के अध्यक्ष पद पर जमे हैं. 12 मई को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई शुरू की थी और सभी पक्षों से इस पर जवाब मांगा था. केंद्रीय खेल मंत्रालय ने सुप्रीम अदालत को सूचित किया था कि ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष के तौर पर प्रफुल्ल पटेल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. उनके पास इस स्पोर्टस बॉडी को चलाने का जनादेश नहीं है, इसलिए इस निकाय का बिना किसी देरी के चुनाव कराना चाहिए.

(आईएएऩएस)

पढ़ें : दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज जुबैर हमजा डोपिंग नियमों के उल्लंघन के कारण निलंबित

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) की कमान संभालने के लिए प्रशासकों की कमेटी (CoA) का पुनर्गठन किया है. यह कमेटी नेशनल स्पोर्टस कोड और मॉडल गाइडलाइन के दिशा-निर्देशों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट को फुटबॉल फेडरेशन के प्रबंधन में मदद करेगी. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस ए.आर. दवे अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के मामलों का प्रबंधन करने के लिए बनाई गई इस कमेटी के प्रमुख होंगे. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस.वाई. कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी प्रशासकों की कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं.

जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, सूर्यकांत और पी.एस. नरसिम्हा ने बुधवार को प्रशासकों की कमेटी (committee of administrators) पुनर्गठन का आदेश दिया. पीठ ने कहा कि प्रशासकों की नवनियुक्त कमेटी (CoA) द्वारका के फुटबॉल हाउस या किसी अन्य सुविधा स्थल पर बैठेगी. यह कमेटी ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के दिन-प्रतिदिन के मामलों को देखेगी. फेडरेशन के नए प्रशासक ही संविधान के मुताबिक एआईएफएफ की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची तैयार कराएंगे. डॉ. एस.वाई. कुरैशी और भास्कर गांगुली की दो सदस्यीय समिति पहले ही कोर्ट के समक्ष वोटर लिस्ट पेश कर चुकी है.

कुरैशी और गांगुली वाली प्रशासकों की कमेटी की ओर से एडवोकेट समर बंसल ने अपनी दलीलें रखीं. पीठ ने स्पष्ट किया कि सीओए (CoA) टूर्नामेंट के आयोजन, खिलाड़ियों के चयन और महासंघ के अन्य मामलों के लिए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की पूर्व समिति की सहायता ले सकता है. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि कमेटी के गठन एआईएफएफ का चुनाव कराने के लिए अस्थायी व्यवस्था है. इसका काम संविधान के अनुसार लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित निकाय को फेडरेशन का दिन-प्रतिदिन का शासन सौंपना है.

बता दें कि दिल्ली फुटबॉल क्लब ने प्रफुल्ल पटेल को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष बनाए रखने के फैसले की चुनौती दी थी. क्लब की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि प्रफुल्ल पटेल फेडरेशन के संविधान को दरकिनार कर दशकों से एआईएफएफ के अध्यक्ष पद पर जमे हैं. 12 मई को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई शुरू की थी और सभी पक्षों से इस पर जवाब मांगा था. केंद्रीय खेल मंत्रालय ने सुप्रीम अदालत को सूचित किया था कि ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष के तौर पर प्रफुल्ल पटेल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. उनके पास इस स्पोर्टस बॉडी को चलाने का जनादेश नहीं है, इसलिए इस निकाय का बिना किसी देरी के चुनाव कराना चाहिए.

(आईएएऩएस)

पढ़ें : दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज जुबैर हमजा डोपिंग नियमों के उल्लंघन के कारण निलंबित

Last Updated : May 18, 2022, 4:24 PM IST
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