नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि उसने अपने रजिस्ट्रार को तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर इकाई को बंद करने के संबंध में वेदांत समूह की याचिका पर सुनवाई करने के लिए दो समर्पित तिथियां आवंटित करने का निर्देश दिया है.
कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि याचिका को शीघ्र निपटान की आवश्यकता है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह स्थिति से अवगत है और रजिस्ट्रार को सुनवाई के लिए दो समर्पित तारीखें आवंटित करने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है. इस साल मई में शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार से अपने 10 अप्रैल के निर्देश के संबंध में उचित निर्णय लेने को कहा था, जिसके तहत उसने वेदांत समूह को तूतीकोरिन में अपनी स्टरलाइट कॉपर इकाई का रखरखाव एक स्थानीय स्तर की निगरानी समिति की देखरेख में करने की अनुमति दी थी.
शीर्ष अदालत ने कहा था कि जिला कलेक्टर ने संयंत्र परिसर में नागरिक और संरचनात्मक सुरक्षा अखंडता मूल्यांकन अध्ययन करने, पुर्जों और उपकरणों को हटाने और परिवहन करने और प्रक्रिया में बेकार पड़े रिवर्ट और अन्य कच्चे माल को निकालने जैसी गतिविधियों की सिफारिश नहीं की थी. शीर्ष अदालत ने तब संयंत्र में शेष जिप्सम को खाली करने की अनुमति दी थी.
शीर्ष अदालत ने अपने 10 अप्रैल के आदेश में कहा था कि 'जिला कलेक्टर द्वारा अनुशंसित नहीं की गई कार्रवाइयों के संबंध में, तमिलनाडु राज्य की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन का कहना है कि राज्य सरकार एक बार फिर मूल्यांकन करेगी कि क्या उस संबंध में कोई और या पूरक निर्देश जारी किए जाने चाहिए.'
मई 2018 में कथित तौर पर तांबा गलाने वाली इकाई के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की एक बड़ी भीड़ पर पुलिस की खुली गोलीबारी के दौरान कम से कम 13 लोग मारे गए और कई घायल हो गए थे.