नई दिल्ली : देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने विरोध के बाद गर्भवती महिलाओं के खिलाफ अपने भर्ती नियमों में बदलाव किया है. इसके साथ ही बैंक प्रबंधन ने एक पत्र जारी करके नियमों को बदलने की जानकारी दी है. बैंक प्रबंधन ने अपनी सफाई में कहा है कि हम महिलाओं का सम्मान करते हैं. लिहाजा अपने भर्ती नियमों में बदलाव किया है.
दरअसल बीते दिनों SBI प्रबंधन ने भर्ती को लेकर एक आदेश जारी किया था. इस आदेश में कहा गया था कि तीन महीने से ज्यादा अवधि की गर्भवती महिलाओं को नियुक्ति के लिए अनफिट समझा जाएगा. ऐसे आवेदक को बच्चे के जन्म के चार महीने बाद ज्वॉइनिंग के योग्य समझा जाएगा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के इस आदेश का विरोध होने के बाद नियम को बदलकर सफाई देनी पड़ी है.
आदेश जारी करते हुए SBI प्रबंधन ने कहा है कि लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए बदले हुए भर्ती नियमों पर रोक लगा रही है. आगे होने वाली भर्तियां पुराने नियमों के आधार पर ही की जाएंगी. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी SBI के इस आदेश का विरोध करते हुए उसे भेदभावपूर्ण और अवैध करार दिया था. AISBEU ने भी इस नियम को वापस लेने की मांग उठाई थी.
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SBI के पुराने भर्ती नियमों के तहत छह महीने की गर्भवती महिला उम्मीदवार को SBI की भर्ती में शामिल होने की इजाज़त थी, लेकिन इसके लिए उन्हें गॉयनेकोलॉजिस्ट से एक सर्टिफिकेट लेना जरूरी किया गया था. जिसमें यह लिखा हो कि काम की वजह से प्रेग्नेंट महिला की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. SBI की नई गाइडलाइन के मुताबिक तीन महीने से अधिक अवधि की गर्भवती महिलाओं की भर्ती नियम में किए गए बदलाव को दिसंबर 2021 से ही लागू कर दिया गया है. जबकि इन महिलाओं के प्रमोशन से जुड़े नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे.