नई दिल्ली : भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Bharat Ratna Nightingale Lata Mangeshkar dies) की मृत्यु पर पूरा देश गमजदा है. मशहूर कलाकार व राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैं यादों में जाने से पहले लता दीदी को जो सही मायने में सुर साम्राज्ञी, स्वर कोकिला और भारत रत्न और कोल्हापुर की बेटी, जय महाराष्ट्र की प्राइड और भारत का गौरव को नमन करता हैं. उनके कमिटमेंट और डेडीकेशन के लिए नमन करता हूं.
उनकी मकबूलियत का न सिर्फ भारत में बल्कि पाकिस्तान के साथ साथ कई देशों में लोग लोहा मानते हैं. उनका जाना ना सिर्फ अपने देश में बल्कि दुनिया में और हर घर में ऐसा एक सूनापन छोड़ गया है ,जैसे ऐसा लग रहा है कि हम सबके घर से कोई बिछड़ गया है. उन्होंने कहा कि उनकी गीत और संगीत तथा गायकी के तले हम सब पले और बड़े हुए हैं. हमारे लिए लता दीदी एक प्रेरणा स्त्रोत थीं.
उन्होंने बताया कि वह धर्मेंद्र जी को बहुत मानती थीं और राज कपूर से उनकी बहुत ही अच्छी मित्रता थी. दिलीप कुमार साहब तो उन्हें छोटी बहन ही मानते थे लेकिन वह न सिर्फ महान कलाकारों को बल्कि वह सभी को एक समान देखती थीं. उनकी यादें साझा करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि वह न सिर्फ मुझे बल्कि मेरे पूरे परिवार को हमेशा याद करती थीं. वह मेरी बेटी सोनाक्षी के कार्यों की कई बार फोन करके सराहना किया करती थीं. तारीफ करती थीं और वह सोनाक्षी को भी बहुत मानती थीं.
उन्होंने बताया की वह सोनाक्षी की फिल्म देखने के बाद हमेशा वह तारीफ करती थी और फोन कर पर बताती थी कि उन्होंने उसकी फिल्म देखी फिल्म बहुत अच्छी थी. यह लता मंगेशकर जैसा कलाकार ही कर सकता है जो हमेशा अपने बड़प्पन के लिए जानी जाती रहीं. शत्रुघ्न सिन्हा ने उनकी यादों को साझा करते हुए बताया कि जिनकी दुनिया फैन वह हमारी हौसला अफजाई करें, यह कहकर कि वह हमारी फैन हैं, यह उनके बड़प्पन का प्रतीक है.
उन्होंने कहा कि लता जी ने 13 साल की उम्र में घर से बाहर निकल कर जिस तरह अपनी गायकी का लोहा मनवाया बगैर किसी गॉडफादर के वह हम सबके लिए प्रेरणास्रोत रही हैं. चाहे मैं हूं, धर्मेंद्र जी हों या अमिताभ बच्चन जी, शुरुआत में सभी स्ट्रगलर थे लेकिन लता जी को देखकर हम लोगों ने एक प्रेरणा ली कि किस तरह उन्होंने गायकी में एक मुकाम हासिल किया. इसलिए मैं कहता हूं कि वह लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत की तरह थीं.
उन्होंने कहा कि हम कह सकते हैं कि 92 वर्ष की थी लेकिन बावजूद वह बहुत ही तंदुरुस्त थीं और वह बहुत हंसती-हंसाती भी थीं. इसीलिए उनका जाना कहीं ना कहीं सभी को स्तब्ध कर दिया है और खास तौर पर मुझे निजी तौर पर बहुत दुख हुआ. उन्होंने बताया कि हम कलाकारों में सिर्फ एक अमिताभ बच्चन ही हैं जो देखने में बहुत गंभीर लगते हैं लेकिन उनके अंदर भी एक बचपन छुपा हुआ है. मगर लता जी की बात ही कुछ और थी हर उम्र की हीरोइनों के लिए उन्होंने अपनी आवाज दी. एक नई हीरोइन के आवाज की खनक हो या एक पुरानी हीरोइन के गानों की गंभीरता हो हर फिल्म में उनकी आवाज अमर हो गई.
उन्होंने बताया कि कई बार वह पाकिस्तान गए तो वहां लोग यह मिन्नत करते थे कि एक बार लता जी को लेकर पाकिस्तान आ जाइए और वहां से लोग लता जी के लिए सौगात भेजा करते थे. आज भी पाकिस्तान से उनके पास उनके कई दोस्तों का फोन आया जो काफी गम में हैं. उन्होंने कहा कि मैं अपने प्रधानमंत्री को भी इस बारे में बहुत मुबारकबाद देता हूं कि उन्होंने जिस तरह से लता जी के बर्थडे में विश किया था, वह भी बहुत वायरल हुआ था. उन्होंने जिस तरह से बधाई दी थी और आज जिस तरह से राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई सरकार की तरफ से वह भी एक काबिले तारीफ है.
उन्होंने कहा कि वह हमेशा से वर्तमान प्रधानमंत्री हों या भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी हों हर किसी के साथ लता जी के बहुत ही कॉर्डियल संबंध हमने देखा है. अपनी यादें साझा करते हुए सिन्हा ने कहा कि एक बार लता जी अटल जी से मिली तो उन्होंने मुझे लेकर अटल जी से यह शिकायत की थी कि यह इतना अच्छा और कुशल व्यक्ति है, आपने इसे मंत्री नहीं बनाया. जिस पर अटल जी ने कहा नहीं-नहीं बातें यहीं नहीं खत्म होती आगे बहुत कुछ है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि हर क्षेत्र में वह हौसला अफजाई करती थीं. क्रिकेट की भी वह बहुत बड़ी फैन थीं. जिन्होंने अच्छे खेल खेले हैं उनकी तो हौसला अफजाई करती ही थीं .मगर जो अच्छा नहीं खेल सके उनकी भी हौसला अफजाई किया करती थीं यह उनका बड़प्पन था.
अपनी यादों को साझा करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने एक वाकया बताया कि जब लता मंगेशकर के साथ एक गाने की रिकॉर्डिंग थी और मोहम्मद रफी साहब भी उस गाने में थे. शत्रुघ्न सिन्हा को उसमें बीच में आवाज देनी थी लेकिन वह वहां पहुंचने में कुछ लेट हो गए. जिसकी वजह से वे काफी डरे हुए थे. मगर वहां पहुंचते ही उन्होंने देखा कि लता जी चाय में बिस्किट डुबोकर बड़े ही आत्मीय भाव से उन्हें देख रही हैं और उन्होंने उन्हें सहज करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छा कलाकार है. यह तो एक टेक में अपनी रिकॉर्डिंग कर देगा. इस तरह उन्होंने मेरी हौसला अफजाई की और गाने की रिकॉर्डिंग पूरी हो गई.
लता जी को याद करते हुए सिन्हा ने कहा कि लताजी न जाति, न धर्म, न बॉर्डर में बंधती थीं. लता जी के आवाज का जादू ऐसा था की दूसरे देश के लोग भी अपने लिए बॉर्डर खोल दिया करते थे. उन्होंने कहा कि वह हमेशा अपने घर भी बुलाया करती थी. मुझे, मेरी पत्नी पूनम सिन्हा, मेरी बेटी सोनाक्षी सिन्हा और लव कुश सभी को वह बहुत चाहती थी और हम लोगों ने यह सोचा हुआ था कि जब वह हॉस्पिटल से घर आएंगी तो हम उनसे मिलने भी जाएंगे लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.
उन्होंने कहा कि लता जी एक ऐसी शख्सियत थी कि जितने भी सम्मान उन्होंने स्वीकार किए बल्कि वह सम्मान नहीं बल्कि उन सम्मानों का सम्मान बढ़ गया, उनके स्वीकार करने से. उन्हें हम अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. उन्होंने कहा कि हजारों साल नरगिस अपने बेनूरी पर रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा, ऐसी हमारी लता जी थीं.