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मकर संक्रांति पर सर्बानंद सोनोवाल ने 75 लाख लोगों संग किया सामूहिक सूर्य नमस्कार

आयुष मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सूर्य नमस्कार के सामूहिक प्रदर्शन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का संदेश भी देना है. इसके अलावा, यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में मकर संक्रांति के महत्व को रेखांकित करेगा.

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Published : Jan 14, 2022, 8:49 AM IST

सर्बानंद सोनोवाल ने किया सूर्य नमस्कार
सर्बानंद सोनोवाल ने किया सूर्य नमस्कार

नई दिल्ली: मकर संक्रांति और 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत आज पहली बार वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल समेत करीब 75 लाख लोग शामिल हुए. बता दें, आयुष मंत्रालय ने कोरोना महामारी को देखते हुए घरों पर ही सूर्य नमस्कार करने और उसके वीडियो रजिस्ट्रेशन के लिए इस्तेमाल की गई लिंक पर अपलोड करने की सलाह दी है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार मकर सक्रांति के दिन सूर्य उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश करते हैं.

इससे पहले आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मकर संक्रांति पर होने वाला सूर्य नमस्कार प्रदर्शन कोविड-19 के समय अधिक प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि यह एक सिद्ध तथ्य है कि सूर्य नमस्कार जीवन शक्ति और इम्यूनिटी बनाता है. यह कोरोना वायरस को दूर रखने में सक्षम है. सूर्य नमस्कार सूरज की प्रत्येक किरण के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए किया जाता है, क्योंकि वह सभी जीवों का पोषण करता है.

  • #WATCH केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मकर संक्रांति के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 75 लाख लोगों के साथ सामूहिक सूर्य नमस्कार प्रदर्शन में भाग लिया। pic.twitter.com/3dzdVb4enc

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) January 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आयुष मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सूर्य नमस्कार के सामूहिक प्रदर्शन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का संदेश भी देना है. इसके अलावा, यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में मकर संक्रांति के महत्व को रेखांकित करेगा. बता दें कि सूर्य नमस्कार शरीर और मन के समन्वय के साथ 12 चरणों में किए जाने वाले आठ आसनों का एक समूह है. इसे ज्यादातर सुबह में किया जाता है.

पढ़ें: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम पर जताया ऐतराज

बता दें कि सूर्य नमस्कार शरीर और मन के समन्वय के साथ 12 चरणों में किए जाने वाले आठ आसनों का एक समूह है. इसे ज्यादातर सुबह में किया जाता है.

नई दिल्ली: मकर संक्रांति और 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत आज पहली बार वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल समेत करीब 75 लाख लोग शामिल हुए. बता दें, आयुष मंत्रालय ने कोरोना महामारी को देखते हुए घरों पर ही सूर्य नमस्कार करने और उसके वीडियो रजिस्ट्रेशन के लिए इस्तेमाल की गई लिंक पर अपलोड करने की सलाह दी है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार मकर सक्रांति के दिन सूर्य उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश करते हैं.

इससे पहले आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मकर संक्रांति पर होने वाला सूर्य नमस्कार प्रदर्शन कोविड-19 के समय अधिक प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि यह एक सिद्ध तथ्य है कि सूर्य नमस्कार जीवन शक्ति और इम्यूनिटी बनाता है. यह कोरोना वायरस को दूर रखने में सक्षम है. सूर्य नमस्कार सूरज की प्रत्येक किरण के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए किया जाता है, क्योंकि वह सभी जीवों का पोषण करता है.

  • #WATCH केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मकर संक्रांति के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 75 लाख लोगों के साथ सामूहिक सूर्य नमस्कार प्रदर्शन में भाग लिया। pic.twitter.com/3dzdVb4enc

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) January 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आयुष मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सूर्य नमस्कार के सामूहिक प्रदर्शन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का संदेश भी देना है. इसके अलावा, यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में मकर संक्रांति के महत्व को रेखांकित करेगा. बता दें कि सूर्य नमस्कार शरीर और मन के समन्वय के साथ 12 चरणों में किए जाने वाले आठ आसनों का एक समूह है. इसे ज्यादातर सुबह में किया जाता है.

पढ़ें: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम पर जताया ऐतराज

बता दें कि सूर्य नमस्कार शरीर और मन के समन्वय के साथ 12 चरणों में किए जाने वाले आठ आसनों का एक समूह है. इसे ज्यादातर सुबह में किया जाता है.

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