ETV Bharat / bharat

AP News : संत रामपाल मामला हो या अविनाश रेड्डी केस, कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​विफल क्यों?

आंध्र प्रदेश के सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी की गिरफ्तारी को लेकर घमासान मचा हुआ है. सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करना चाहती थी, लेकिन रेड्डी के समर्थक उनके रास्ते में आ गए. रेड्डी समर्थकों ने मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया. 2014 में हरियाणा में संत रामपाल की गिरफ्तारी के दौरान भी ऐसा हुआ था, जब उनके अनुयायी बाधा बने थे. लेकिन शीर्ष एजेंसी चाह ले तो वह हर हाल में गिरफ्तार करने में कामयाब होगी, क्योंकि पहले भी कई राजनेताओं को ऐसे ही हालातों में गिरफ्तार किया जा चुका है.

Sant Rampal Avinash Reddy
संत रामपाल अविनाश रेड्डी
author img

By

Published : May 25, 2023, 3:54 PM IST

अमरावती : हरियाणा के हिसार में सतलोक आश्रम के मुखिया संत रामपाल पर हत्या समेत कई आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्होंने अदालती कार्यवाही में भाग लेना बंद कर दिया था. रामपाल ने अपने आश्रम के बाहर और अंदर हजारों अनुयायियों को तैनात कर दिया था. सभी ने पुलिस को अंदर जाने से रोक दिया था इससे कई दिनों तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही थी. सभी बाधाओं को पार करने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर किया था. नवंबर 2014 में हुई इस घटना ने उस समय पूरे देश में सनसनी मचा दी थी.

संत रामपाल के मामले में जो स्थिति देखने को मिली थी, वही अब कुरनूल में सांसद अविनाश रेड्डी (MP Avinash Reddy) के मामले में देखने को मिल रही है. संत रामपाल हरियाणा पुलिस को धमकी दे रहा था, अविनाश रेड्डी देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था सीबीआई को धमकी दे रहे हैं. उस वक्त हरियाणा पुलिस ने बेहद तनावपूर्ण स्थिति में संत रामपाल को गिरफ्तार किया था. अब सीबीआई अविनाश के समर्थकों से पूछताछ कर रही है और उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही है. अंतर कहां है?

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में आरोपी कडप्पा सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी अपनी मां के इलाज के लिए चार-पांच दिनों से कुरनूल में विश्व भारती सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हैं. हत्या के मामले में जांच के लिए सीबीआई की टीमें उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कुरनूल पहुंचीं. उससे पहले अस्पताल के बाहर और अंदर अविनाश के सैकड़ों समर्थक और वाईएसआरसीपी के कार्यकर्ता तैनात हो गए. सीबीआई को विरोध का सामना करना पड़ा. अविनाश के समर्थकों ने कवरेज करने गए मीडिया प्रतिनिधियों पर हमला किया. राज्य की वर्तमान स्थिति पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है.

जिस तरह से हरियाणा में सरकार ने हस्तक्षेप किया था जिसके बाद संत रामपाल को गिरफ्तार किया गया था, आंध्र प्रदेश में राज्य सरकार ने सीबीआई के साथ सहयोग नहीं किया. कभी कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण आदि के लिए देश भर में चर्चित आंध्र प्रदेश में, सीबीआई ने शायद सोचा नहीं होगा कि हत्या के एक मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने जाने पर उन्हें ऐसे कटु अनुभवों का सामना करना पड़ेगा.

अगर सीबीआई जैसी संस्था सोच ले तो चाहे कितने भी लोग उन्हें रोकें वह उन्हें हटाकर अविनाश को गिरफ्तार कर सकती है. क्यों कदम पीछे खींच रही है सीबीआई? दूसरे की हैसियत जो भी हो, पुलिस चाहे तो उसे गिरफ्तार कर लेगी. पूर्व में करुणानिधि, जयललिता, कांची कामकोटि के प्रमुख जयेंद्र सरस्वती आदि को गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे में आशंका है कि सीबीआई अविनाश को भी इसी तरह गिरफ्तार कर लेगी.

आधी रात को सोते समय... करुणानिधि को गिरफ्तार किया गया था : 30 जून 2001 की बात है. समय रात के 1.30 बजे. तमिलनाडु के पूर्व सीएम करुणानिधि, जो उस समय 78 वर्ष के थे, अपने आवास पर सो रहे थे. एक बार जब तमिलनाडु पुलिस घर में घुसी, तो दरवाजा तोड़कर अनके बेडरूम में चली गई. टेलीफोन की लाइनें काट दी गईं. उन्होंने उन्हें बताया कि वे उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं और जबरन अपने साथ ले गए. उन्होंने उन्हें धक्का देकर घर से बाहर निकाला और एक साधारण जीप में बिठाकर ले गए. इस गिरफ्तारी को रोकने की कोशिश करते हुए... विरोध करने पर उस वक्त केंद्रीय मंत्री रहे मुरासोली मारन और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री टीआर बालू को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें चेन्नई शहर में फ्लाईओवर के निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले में भ्रष्टाचार के संदेह में गिरफ्तार किया गया था.

हेलीकॉप्टर से आकर जयेंद्र सरस्वती को किया था गिरफ्तार : कांची मठ के प्रबंधक शंकररमन की हत्या के मामले में कांची कामकोटि के अध्यक्ष जयेंद्र सरस्वती आरोपी थे. तमिलनाडु पुलिस 2004 में एक हेलीकॉप्टर में हैदराबाद आई, यह जानने के बाद कि जयेंद्र सरस्वती संयुक्त आंध्र प्रदेश राज्य के महबूबनगर में एक गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं. उन्होंने वहां एपी पुलिस की मदद मांगी. बाद में आधी रात को जयेंद्र सरस्वती को गिरफ्तार कर लिया गया और तमिलनाडु ले जाया गया. यह गिरफ्तारी उस समय एक बड़ी सनसनी बनी थी.

जयललिता और डेरा बाबा समेत कई लोगों को ऐसे किया गया गिरफ्तार : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को कुछ साल पहले तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस सुबह 6 बजे उनके आवास पर गई और दो घंटे के भीतर उन्हें हिरासत में ले लिया. डेरा बाबा को 2017 में रेप के एक मामले में सजा सुनाई गई थी. बाद में उन्होंने अपने अनुयायियों को तैनात किया और बड़े पैमाने पर दंगे करवाए. हालांकि पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई.

पुलिस और भीड़ भाई... भाई हैं : विपक्षी दल, शिक्षक, कार्यकर्ता, जनसंगठन और किसान अगर एक छोटा सा शांतिपूर्ण विरोध कार्यक्रम करते हैं, तो पुलिस उन पर गंभीर प्रतिबंध लगाती है और कुछ मिनटों में जगह खाली करवा लेती है. लेकिन अविनाश रेड्डी के अनुयायी, वाईएसआरसीपी के कार्यकर्ता और नेता कुरनूल के विश्वभारती अस्पताल में चार-पांच दिनों से पहरा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें बाहर नहीं निकालने में सहयोग कर रहे हैं. इसके अलावा, उनका समर्थन किया जा रहा है. पुलिस और दंगाई ऐसे बर्ताव कर रहे हैं जैसे भाई-भाई हों.

पढ़ें- AP News: सांसद अविनाश रेड्डी की गिरफ्तारी पर संस्पेंस बरकरार, समर्थकों ने मीडिया कर्मियों पर किया हमला

पढ़ें- AP News : सांसद अविनाश रेड्डी के समर्थकों ने मीडियाकर्मियों पर किया हमला, ईटीवी न्यूजमैन का पीछा किया

अमरावती : हरियाणा के हिसार में सतलोक आश्रम के मुखिया संत रामपाल पर हत्या समेत कई आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्होंने अदालती कार्यवाही में भाग लेना बंद कर दिया था. रामपाल ने अपने आश्रम के बाहर और अंदर हजारों अनुयायियों को तैनात कर दिया था. सभी ने पुलिस को अंदर जाने से रोक दिया था इससे कई दिनों तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही थी. सभी बाधाओं को पार करने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर किया था. नवंबर 2014 में हुई इस घटना ने उस समय पूरे देश में सनसनी मचा दी थी.

संत रामपाल के मामले में जो स्थिति देखने को मिली थी, वही अब कुरनूल में सांसद अविनाश रेड्डी (MP Avinash Reddy) के मामले में देखने को मिल रही है. संत रामपाल हरियाणा पुलिस को धमकी दे रहा था, अविनाश रेड्डी देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था सीबीआई को धमकी दे रहे हैं. उस वक्त हरियाणा पुलिस ने बेहद तनावपूर्ण स्थिति में संत रामपाल को गिरफ्तार किया था. अब सीबीआई अविनाश के समर्थकों से पूछताछ कर रही है और उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही है. अंतर कहां है?

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में आरोपी कडप्पा सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी अपनी मां के इलाज के लिए चार-पांच दिनों से कुरनूल में विश्व भारती सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हैं. हत्या के मामले में जांच के लिए सीबीआई की टीमें उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कुरनूल पहुंचीं. उससे पहले अस्पताल के बाहर और अंदर अविनाश के सैकड़ों समर्थक और वाईएसआरसीपी के कार्यकर्ता तैनात हो गए. सीबीआई को विरोध का सामना करना पड़ा. अविनाश के समर्थकों ने कवरेज करने गए मीडिया प्रतिनिधियों पर हमला किया. राज्य की वर्तमान स्थिति पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है.

जिस तरह से हरियाणा में सरकार ने हस्तक्षेप किया था जिसके बाद संत रामपाल को गिरफ्तार किया गया था, आंध्र प्रदेश में राज्य सरकार ने सीबीआई के साथ सहयोग नहीं किया. कभी कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण आदि के लिए देश भर में चर्चित आंध्र प्रदेश में, सीबीआई ने शायद सोचा नहीं होगा कि हत्या के एक मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने जाने पर उन्हें ऐसे कटु अनुभवों का सामना करना पड़ेगा.

अगर सीबीआई जैसी संस्था सोच ले तो चाहे कितने भी लोग उन्हें रोकें वह उन्हें हटाकर अविनाश को गिरफ्तार कर सकती है. क्यों कदम पीछे खींच रही है सीबीआई? दूसरे की हैसियत जो भी हो, पुलिस चाहे तो उसे गिरफ्तार कर लेगी. पूर्व में करुणानिधि, जयललिता, कांची कामकोटि के प्रमुख जयेंद्र सरस्वती आदि को गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे में आशंका है कि सीबीआई अविनाश को भी इसी तरह गिरफ्तार कर लेगी.

आधी रात को सोते समय... करुणानिधि को गिरफ्तार किया गया था : 30 जून 2001 की बात है. समय रात के 1.30 बजे. तमिलनाडु के पूर्व सीएम करुणानिधि, जो उस समय 78 वर्ष के थे, अपने आवास पर सो रहे थे. एक बार जब तमिलनाडु पुलिस घर में घुसी, तो दरवाजा तोड़कर अनके बेडरूम में चली गई. टेलीफोन की लाइनें काट दी गईं. उन्होंने उन्हें बताया कि वे उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं और जबरन अपने साथ ले गए. उन्होंने उन्हें धक्का देकर घर से बाहर निकाला और एक साधारण जीप में बिठाकर ले गए. इस गिरफ्तारी को रोकने की कोशिश करते हुए... विरोध करने पर उस वक्त केंद्रीय मंत्री रहे मुरासोली मारन और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री टीआर बालू को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें चेन्नई शहर में फ्लाईओवर के निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले में भ्रष्टाचार के संदेह में गिरफ्तार किया गया था.

हेलीकॉप्टर से आकर जयेंद्र सरस्वती को किया था गिरफ्तार : कांची मठ के प्रबंधक शंकररमन की हत्या के मामले में कांची कामकोटि के अध्यक्ष जयेंद्र सरस्वती आरोपी थे. तमिलनाडु पुलिस 2004 में एक हेलीकॉप्टर में हैदराबाद आई, यह जानने के बाद कि जयेंद्र सरस्वती संयुक्त आंध्र प्रदेश राज्य के महबूबनगर में एक गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं. उन्होंने वहां एपी पुलिस की मदद मांगी. बाद में आधी रात को जयेंद्र सरस्वती को गिरफ्तार कर लिया गया और तमिलनाडु ले जाया गया. यह गिरफ्तारी उस समय एक बड़ी सनसनी बनी थी.

जयललिता और डेरा बाबा समेत कई लोगों को ऐसे किया गया गिरफ्तार : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को कुछ साल पहले तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस सुबह 6 बजे उनके आवास पर गई और दो घंटे के भीतर उन्हें हिरासत में ले लिया. डेरा बाबा को 2017 में रेप के एक मामले में सजा सुनाई गई थी. बाद में उन्होंने अपने अनुयायियों को तैनात किया और बड़े पैमाने पर दंगे करवाए. हालांकि पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई.

पुलिस और भीड़ भाई... भाई हैं : विपक्षी दल, शिक्षक, कार्यकर्ता, जनसंगठन और किसान अगर एक छोटा सा शांतिपूर्ण विरोध कार्यक्रम करते हैं, तो पुलिस उन पर गंभीर प्रतिबंध लगाती है और कुछ मिनटों में जगह खाली करवा लेती है. लेकिन अविनाश रेड्डी के अनुयायी, वाईएसआरसीपी के कार्यकर्ता और नेता कुरनूल के विश्वभारती अस्पताल में चार-पांच दिनों से पहरा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें बाहर नहीं निकालने में सहयोग कर रहे हैं. इसके अलावा, उनका समर्थन किया जा रहा है. पुलिस और दंगाई ऐसे बर्ताव कर रहे हैं जैसे भाई-भाई हों.

पढ़ें- AP News: सांसद अविनाश रेड्डी की गिरफ्तारी पर संस्पेंस बरकरार, समर्थकों ने मीडिया कर्मियों पर किया हमला

पढ़ें- AP News : सांसद अविनाश रेड्डी के समर्थकों ने मीडियाकर्मियों पर किया हमला, ईटीवी न्यूजमैन का पीछा किया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.