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अयोध्या जमीन विवाद : आप नेता संजय सिंह ने फिर फोड़ा बम! इस बार चंपत राय निशाने पर

राम मंदिर जमीन खरीद मामले (Ram temple land purchase case) को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार भाजपा और मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर हमलावर है. इसी कड़ी में पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को इस मामले में एक और नया खुलासा किया है. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जो जमीन साढ़े 18 करोड़ में खरीदी गई है, उसके ठीक बगल की जमीन ट्रस्ट द्वारा ही 8 करोड़ रुपये में खरीदी गई है.

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Published : Jun 17, 2021, 9:48 PM IST

नई दिल्ली : गुरुवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि कल मैंने इसे लेकर सवाल किया था कि भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और रविमोहन तिवारी के बीच क्या सम्बंध है. संजय सिंह ने गुरुवार को इसका जवाब देते हुए कहा कि दरअसल, भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के समधी का साला है रविमोहन तिवारी. संजय सिंह ने आज इस मामले में एक और खुलासा किया.

'चंपत राय करते रहे हैं मुझसे सवाल'

संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता और चंपत राय मुझसे सवाल करते रहे हैं कि उस जमीन के आस-पास की जमीनों की कीमत बताइए, लेकिन उन्हें पता है कि जो जमीन साढ़े 18 करोड़ की खरीदी गई है, उसके ठीक बगल की जमीन 8 करोड़ में खरीदी गई है और यह खरीद भी चंपत राय ने ही की है. इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी देते हुए संजय सिंह ने बताया कि दोनों जमीनें आस-पास की हैं, लेकिन कीमत में बड़ा अंतर देखा जा सकता है.

अयोध्या जमीन विवाद में एक और खुलासा करने का दावा.
'अगल बगल की जमीन, कीमत में बड़ा अंतर'
सांसद संजय सिंह ने बताया कि दोनों ही जमीनों की रजिस्ट्री 18 मार्च को हुई है. 242 गाटा संख्या की ज़मीन जिसका क्षेत्रफल 10,370 वर्ग मीटर है और रेट 4800 रुपए प्रति वर्ग मीटर है, वो 8 करोड़ रुपये में खरीदी गई. वहीं उसके ठीक बगल की 243, 244 और 246 गाटा संख्या की ज़मीन, जिसका क्षेत्रफल 12,080 वर्ग मीटर है और रेट 4800 रुपये प्रति वर्ग मीटर ही है, वो साढ़े 18 हजार करोड़ में खरीदी गई. संजय सिंह ने इसे लेकर चंपत राय पर सवाल उठाया.'क्या चंपत राय इतने में अपने लिए खरीदते ज़मीन'चंपत रात को कठघरे में खड़ा करते हुए संजय सिंह ने कहा कि अगर उन्हें अपने पैसे से ये ज़मीन खरीदनी होती, तो क्या वे 8 करोड़ कीमत की जमीन के बगल वाली जमीन के लिए साढ़े 18 करोड़ रुपये देते. इसके अलावा, संजय सिंह ने एक और जमीन की खरीद का जिक्र किया और इसे लेकर सवाल उठाया. इस जमीन की खरीद मंदिर निर्माण के लिए हुई खरीद मामले में गवाह भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे द्वारा हुई है.'मेयर के भतीजे ने खरीदी एक करोड़ 90 लाख की ज़मीन'

संजय सिंह ने कहा कि सात जून को मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय के नाम पर 1 करोड़ 90 लाख की जमीन खरीदी गई है और इसमें भी गवाह रविमोहन तिवारी ही हैं. संजय सिंह ने मांग की कि ऋषिकेश उपाध्याय और उनके भतीजे के खाते की जांच की जाए कि उनके पास कहां से इतने पैसे आए. उनके आय के स्रोतों की भी जांच होनी चाहिए. संजय सिंह ने कहा कि 18 मार्च 2021 की तारीख काले अक्षरों में दर्ज की जाएगी.

'भाजपा का नारा है, सुल्तान अंसारी हमारा है'

संजय सिंह ने कहा कि आज भाजपा का नारा है, सुल्तान अंसारी हमारा है. सुल्तान अंसारी के पीछे आज भाजपा के सभी नेता छुपे हुए हैं. संजय सिंह ने यह भी सवाल किया कि पांच करोड़ से ज्यादा की खरीद पर रजिस्ट्री विभाग इनकम टैक्स विभाग को सूचित करता है. इस मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ. इसे लेकर जगद्गुरु शंकराचार्य, स्वामी स्वरूपानंद, रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी और निर्मोही अखाड़ा द्वारा उठाए जा रहे सवालों का भी संजय सिंह ने जिक्र किया और पूछा कि क्या ये सब प्रभु श्रीराम के खिलाफ हैं.

'मुख्य रामलला परिसर में नहीं है ये ज़मीन'

भाजपा को निशाने पर लेते हुए संजय सिंह ने कहा कि अपनी चोरी को बचाने के लिए दूसरों पर आरोप लगाना बंद करो. संजय सिंह ने यह भी कहा कि जिस जमीन की खरीद (Ram temple land purchase case) में यह पूरा घोटाला हुआ है वह जमीन मुख्य रामलला परिसर में या उसके आस-पास भी नहीं है. संजय सिंह ने कहा कि यह ज़मीन मुख्य रामभूमि परिसर से ढाई-तीन किमी दूर एक अमरूद का बाग है. संजय सिंह ने कहा कि आज कुछ भी गड़बड़ी हो तो, उसके लिए विपक्ष पर आरोप लगता है, भाजपा केवल चंदा चोरी का काम कर रही है.

पढ़ेंः किसान आंदोलन : एक शख्स को जलाया जिंदा, शराब पीने के बाद हुआ था विवाद

नई दिल्ली : गुरुवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि कल मैंने इसे लेकर सवाल किया था कि भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और रविमोहन तिवारी के बीच क्या सम्बंध है. संजय सिंह ने गुरुवार को इसका जवाब देते हुए कहा कि दरअसल, भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के समधी का साला है रविमोहन तिवारी. संजय सिंह ने आज इस मामले में एक और खुलासा किया.

'चंपत राय करते रहे हैं मुझसे सवाल'

संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता और चंपत राय मुझसे सवाल करते रहे हैं कि उस जमीन के आस-पास की जमीनों की कीमत बताइए, लेकिन उन्हें पता है कि जो जमीन साढ़े 18 करोड़ की खरीदी गई है, उसके ठीक बगल की जमीन 8 करोड़ में खरीदी गई है और यह खरीद भी चंपत राय ने ही की है. इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी देते हुए संजय सिंह ने बताया कि दोनों जमीनें आस-पास की हैं, लेकिन कीमत में बड़ा अंतर देखा जा सकता है.

अयोध्या जमीन विवाद में एक और खुलासा करने का दावा.
'अगल बगल की जमीन, कीमत में बड़ा अंतर'सांसद संजय सिंह ने बताया कि दोनों ही जमीनों की रजिस्ट्री 18 मार्च को हुई है. 242 गाटा संख्या की ज़मीन जिसका क्षेत्रफल 10,370 वर्ग मीटर है और रेट 4800 रुपए प्रति वर्ग मीटर है, वो 8 करोड़ रुपये में खरीदी गई. वहीं उसके ठीक बगल की 243, 244 और 246 गाटा संख्या की ज़मीन, जिसका क्षेत्रफल 12,080 वर्ग मीटर है और रेट 4800 रुपये प्रति वर्ग मीटर ही है, वो साढ़े 18 हजार करोड़ में खरीदी गई. संजय सिंह ने इसे लेकर चंपत राय पर सवाल उठाया.'क्या चंपत राय इतने में अपने लिए खरीदते ज़मीन'चंपत रात को कठघरे में खड़ा करते हुए संजय सिंह ने कहा कि अगर उन्हें अपने पैसे से ये ज़मीन खरीदनी होती, तो क्या वे 8 करोड़ कीमत की जमीन के बगल वाली जमीन के लिए साढ़े 18 करोड़ रुपये देते. इसके अलावा, संजय सिंह ने एक और जमीन की खरीद का जिक्र किया और इसे लेकर सवाल उठाया. इस जमीन की खरीद मंदिर निर्माण के लिए हुई खरीद मामले में गवाह भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे द्वारा हुई है.'मेयर के भतीजे ने खरीदी एक करोड़ 90 लाख की ज़मीन'

संजय सिंह ने कहा कि सात जून को मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय के नाम पर 1 करोड़ 90 लाख की जमीन खरीदी गई है और इसमें भी गवाह रविमोहन तिवारी ही हैं. संजय सिंह ने मांग की कि ऋषिकेश उपाध्याय और उनके भतीजे के खाते की जांच की जाए कि उनके पास कहां से इतने पैसे आए. उनके आय के स्रोतों की भी जांच होनी चाहिए. संजय सिंह ने कहा कि 18 मार्च 2021 की तारीख काले अक्षरों में दर्ज की जाएगी.

'भाजपा का नारा है, सुल्तान अंसारी हमारा है'

संजय सिंह ने कहा कि आज भाजपा का नारा है, सुल्तान अंसारी हमारा है. सुल्तान अंसारी के पीछे आज भाजपा के सभी नेता छुपे हुए हैं. संजय सिंह ने यह भी सवाल किया कि पांच करोड़ से ज्यादा की खरीद पर रजिस्ट्री विभाग इनकम टैक्स विभाग को सूचित करता है. इस मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ. इसे लेकर जगद्गुरु शंकराचार्य, स्वामी स्वरूपानंद, रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी और निर्मोही अखाड़ा द्वारा उठाए जा रहे सवालों का भी संजय सिंह ने जिक्र किया और पूछा कि क्या ये सब प्रभु श्रीराम के खिलाफ हैं.

'मुख्य रामलला परिसर में नहीं है ये ज़मीन'

भाजपा को निशाने पर लेते हुए संजय सिंह ने कहा कि अपनी चोरी को बचाने के लिए दूसरों पर आरोप लगाना बंद करो. संजय सिंह ने यह भी कहा कि जिस जमीन की खरीद (Ram temple land purchase case) में यह पूरा घोटाला हुआ है वह जमीन मुख्य रामलला परिसर में या उसके आस-पास भी नहीं है. संजय सिंह ने कहा कि यह ज़मीन मुख्य रामभूमि परिसर से ढाई-तीन किमी दूर एक अमरूद का बाग है. संजय सिंह ने कहा कि आज कुछ भी गड़बड़ी हो तो, उसके लिए विपक्ष पर आरोप लगता है, भाजपा केवल चंदा चोरी का काम कर रही है.

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