सांगली : महाराष्ट्र बोर्ड की ओर से 17 जून को दसवीं परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. इस साल कई छात्रों ने अच्छे अंक हासिल किये. उनमें से कई छात्रों ने अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की. विद्यार्थी की दिन रात जागने की तपस्या और पल-पल संघर्ष उन्हें सफलता की ऊंचाइयों में पहुंचा ही देती है. कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र के सांगली जिले के एक दूरस्थ क्षेत्र में रहने वाले हेमंत मुधे ने किया, जिसकी वजह से आज वह दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 91 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पाया है. हेमंत को रोजाना 10 किलोमीचर पैदल चलकर स्कूल आना-जाना करना पड़ता था. गांव से स्कूल तक न कोई सवारी मिलती और न ढंग की सड़क है. इसके बावजूद हेमंत दसवीं कक्षा तक रोजाना पैदल चलकर ही स्कूल जाता है.
जानकारी के मुताबिक, हेमंत अटपड़ी तालुका के शेंडगेवाडी का रहने वाला है. उसके पिता चरवाहा हैं और हेमंत शेंडगेवाडी से पांच किलोमीटर स्थित ज्ञानदीप विद्यामंदिर का छात्र है. उनका परिवार बकरियों और भेड़ों पर निर्भर करता है. ऐसी गरीबी में भी चरवाहे पिता ने अपने दोनों बेटे अंकुश और हेमंत को शिक्षित करने का फैसला किया और गरीबी के बावजूद उन्हें स्कूल भेजा. लेकिन गांव से दूर होने के कारण हेमंत को पैदल चलकर ही स्कूल जाना पड़ता था. कभी-कभी ही हेमंत साइकिल से स्कूल जाता, लेकिन अधिकांश समय उसे पैदल ही जाना पड़ता था.
हालांकि, रोजाना 10 किलोमीटर की कठिन यात्रा, हेमंत की शिक्षा के आड़े कभी नहीं आया. हेमंत ने इस दूरी को पार कर दसवीं कक्षा तक रोज स्कूल जाता और आज वह 91.80 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण हुआ है.
हेमंत की इस उल्लेखनीय सफलता की न केवल तालुका बल्कि, जिले भर में सराहना की जा रही है. भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और पूर्व कृषि राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर हेमंत की सराहना की है.