चेन्नई : सीएम एमके स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु के मंत्री उदनिधि स्टालिन (Tamil Nadu Minister Udhayanidhi Stalin) ने मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) में सनातन धर्म विरोधी टिप्पणी के आरोपों को चुनौती दी है. इस संबंध में मंत्री उदयनिधि ने मद्रास हाई कोर्ट के सामने कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज कराने वाले याचिकाकर्ता को मामले में साक्ष्य पेश करना चाहिए.
साथ ही उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि कोर्ट उन्हें ऐसा कुछ भी करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती जो उनके संवैधानिक अधिकार के खिलाफ हो. मामले में जस्टिस अनीता सुमंत ने याचिकाकर्ता के आवेदन के जवाब में उदयनिधि की कानूनी टीम और महाधिवक्ता दोनों को जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई 7 नवंबर के लिए निर्धारित की है.
कार्यवाही के दौरान द्रमुक नेता की टीम ने भाजपा पर उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ मामले को राजनीतिक के रूप में प्रयोग करके ट्विटर राजनीति में शामिल होने का भी आरोप लगाया. वहीं उदयनिधि स्टालिन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील पी विल्सन ने जोर देकर कहा कि सबूत का बोझ याचिकाकर्ता पर है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा आवश्यक सूबत पेश करने में विफल होने की वजह से मामले को खारिज कर दिया जाना चाहिए. विल्सन ने इस बात पर जोर दिया कि कोर्ट ऐसे कार्यों के लिए बाध्य नहीं कर सकती.
ये भी पढ़ें - Sanatana Dharma row: सनातन धर्म विवाद मामले में उदयनिधि ने मद्रास HC में कहा- वैचारिक मतभेदों के कारण मेरे खिलाफ याचिका