नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपनी कामयाबी से दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. चंद्रयान मिशन को मिली सफलता ने इसे नई ऊंचाई प्रदान कर दी. ऐसे में हम सब यह जानना चाहते हैं कि इसरो में किस तरह से बहाली होती है और एक बार जब भर्ती हो जाए, तो यहां पर आपको कितनी सैलरी मिल सकती है. वैसे, आप लोग अंदाजा लगा रहे होंगे कि चमत्कारिक सफलता हासिल करने वाले वैज्ञानिकों की सैलरी भी करोड़ों में न सही, लाखों में तो जरूर होगी. क्या है हकीकत, जानिए.
इसरो में बहाली की क्या प्रक्रिया है, इसके बारे में आप जानना चाहते हैं, तो हम आपको यहां विस्तार से बता रहे हैं. कुछ दिनों पहले इसरो में बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया था. इसमें सभी ग्रेड की भर्तियां थीं. वैज्ञानिकों की भर्ती से लेकर कर्मचारियों के लिए क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए, आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं.
इस एड के अनुसार अगर किसी सीनियर साइंटिस्ट की बहाली की जाती है, तो उन्हें शुरुआती तौर पर 75 हजार से 80 हजार के बीच प्रतिमाह सैलरी प्राप्त होती है. अगर आप एक इंजीनियर के तौर पर बहाल किए जाते हैं, तो आपको 37400 रु. से लेकर 67000 रुपये तक मासिक वेतन प्रदान किया जाता है. दोनों सैलरी बेसिक हैं. इसका मतलब यह हुआ कि उन्हें इसके अलावा भत्ते भी मिलेंगे. अगर इन भत्तों को जोड़ देंगे, तो उन्हें एक लाख या उससे थोड़ी अधिक रकम मिलेगी. अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
दरअसल, इसरो में काम करने के लिए योग्यता के अलावा भी अन्य चीजों का ख्याल रखा जाता है. क्योंकि यह देश का प्रीमियम संस्थान है, लिहाजा यहां पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों पर विशेष निगरानी रखी जाती है. उनके पास संवेदनशील जानकारियां होती हैं. इसलिए सरकार उन्हें सिक्योरिटी प्रदान करती है, उनके आने-जाने का विशेष ध्यान रखा जाता है. उन्हें आवास की सुविधा दी जाती है. ऐसी सुविधाएं आम तौर पर न तो प्राइवेट और न ही सरकारी कंपनियों में प्रदान की जाती हैं.
इसके अलावा उन्हें पेंशन योजना और डीए भी मिलता है. मेडिकल सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. उनके परिवार के सदस्यों को भी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं. कुछ खास पद होते हैं, जिन्हें थोड़ी बेहतर सैलरी मिलती है. जैसे डिस्टिंग्विश्ड वैज्ञानिक, आउटस्टैंडिंग वैज्ञानिक वगैरह. डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट को दो लाख पांच हजार का वेतनमान दिया जाता है. इसी तरह से आउटस्टैंडिंग साइंटिस्ट को उनसे थोड़ा कम एक लाख 82 हजार दो सौ रुपये सैलरी दी जाती है. दोनों ही सैलरी बेसिक हैं.
आम ग्रेजुएट जिनकी बहाली पर्सनल असिस्टेंट के तौर पर की जाती है, उनकी सैलरी 15600 रु से लेकर 39100 रुपये मासिक तक होती है. यह बेसिक सैलरी है. जूनियर पर्सनल असिस्टेंट की सैलरी तीन लाख सालाना से थोड़ी अधिक होती है.
ये भी पढ़ें : Chandrayaan-3 : इसरो के पूर्व प्रमुख माधवन नायर ने कहा, हमारे वैज्ञानिकों में कोई लखपति नहीं, सादा जीवन जीते हैं