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बिहार में फिर मिली 4 आंखों वाली मछली, अमेजन नदी में रहने वाली सकरमाउथ कैटफिश ने बढ़ाई चिंता

बगहा में एक बार फिर अमेरिका में पाई जाने वाली दुर्लभ प्रजाति की सकरमाउथ कैटफिश (Rare Species Of Fish) पाई गई है. इस मछली की चार आंखे हैं. दोबारा से इस मछली के मिलने से वैज्ञानिकों की चिंता और बढ़ गई है. पढ़ें.

रोहुआ नदी में मिली सकरमाउथ कैटफिश
रोहुआ नदी में मिली सकरमाउथ कैटफिश
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Published : Oct 4, 2022, 2:25 PM IST

बगहा: बिहार के बगहा में फिर अमेरिका की सकरमाउथ कैटफिश मिली है. पश्चिमी चंपारण जिले में बगहा प्रखंड के चंदरपुर-रतवल पंचायत की रोहुआ नदी ( Sucker mouth Catfish Found In Rohua River ) में सोमवार को मछली मारने गए मछुआरों को सकर माउथ कैटफिश मिली. लोगों के लिए यह दुर्लभ मछली कौतूहल का विषय बन गई है.

पढ़ें- बिहार में मिली 4 आंखों वाली मछली, अमेजन नदी में रहती है ये सकरमाउथ कैटफिश

बगहा में फिर मिली सकरमाउथ कैटफिश: अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाने वाली सकर माउथ कैटफिश को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. बताया जा रहा है कि यह मछली भारतीय नदियों के लिए खतरा है. यह मांसाहारी मछली होती है तो छोटे जलीय जीवों का भक्षण करके पारिस्थितिकी तंत्र को बिगाड़ देती है. गंडक से निकली छोटी सी रोहुआ नदी जो पतिलार से होकर गुजरती है, उसमें स्थानीय मछुआरों को यह मछली मिली.

"कल चार बजे शाम को ये मछली मिली. गंडक में जाल बिछाए थे उसमें ये मछली फंस गई थी. बहुत सुंदर लगी तो साथ ले आए और पानी में रखे हैं. लोग देखने के लिए आ रहे हैं."- शम्भू चौधरी, मछुआरा

"ये मछली अमेजन नदी में पाई जाती है. आश्चर्य है कि ये मछली हमारे यहां लगातार मिल रही है. इसको लेकर वैज्ञानिक भी चिंतित है. लगा था कि गलती से मछली आई होगी लेकिन लगातार मिलने से लग रहा है कि नदी में बहुतायत मात्रा में ये मछली है. इसपक संज्ञान लेने की जरूरत है."- अभय पांडेय, ग्रामीण

पहले भी बगहा में मिल चुकी है ये मछली: बता दें कि इस प्रकार की मछली अभी हाल ही के दिनों में बगहा थाना क्षेत्र के बड़गांव में मिली थी,जो काफी चर्चा का विषय बना हुआ था. यह मछली पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई थी. इस विचित्र मछली के चार आंख और एरोप्लेन जैसे पंख हैं.

मछली की चार आंखें और एरोप्लेन जैसे पंख: अजीब सी मुंह वाली मछली साउथ अमेरिका के अमेजन नदी में हजारों किलोमीटर दूर पाई जाती है. इन लोगों ने दावा किया है कि स्थानीय नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र का यह मछली विनाश कर सकती है. अब लोगों के अंदर सवाल उठ रहा है कि आखिर हजारों किलोमीटर दूर साउथ अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाने वाली यह मछली बिहार में कैसे पहुंच गई. इस बाबत कमलेश मौर्या ने बताया कि इस मछली की अपनी अलग पहचान है जिस वजह से लोग इसे एक्वेरियम में पालते हैं. लेकिन एक्वेरियम में काफी छोटी होती है, जबकि नदी में इसका आकार बढ़ गया है. हो सकता है कि किसी ने एक्वेरियम से इसे छोड़ा हो और इसका आकार धीरे-धीरे बढ़ गया हो.


क्या है प्लीकॉस्टमस कैटफिश?: यह मछली दक्षिण अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है. यह मांसाहारी है. इसे एक्वेरियम में रखा जाता है. लेकिन अगर नदी में छोड़ा जाए तो इसका आकार काफी बड़ा हो जाता है. प्लीकॉस्टमस कैटफिश परिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है क्योंकि यह मछली मांसाहारी है और आसपास के जीव-जंतुओं को खाकर जिंदा रहती है.

बगहा: बिहार के बगहा में फिर अमेरिका की सकरमाउथ कैटफिश मिली है. पश्चिमी चंपारण जिले में बगहा प्रखंड के चंदरपुर-रतवल पंचायत की रोहुआ नदी ( Sucker mouth Catfish Found In Rohua River ) में सोमवार को मछली मारने गए मछुआरों को सकर माउथ कैटफिश मिली. लोगों के लिए यह दुर्लभ मछली कौतूहल का विषय बन गई है.

पढ़ें- बिहार में मिली 4 आंखों वाली मछली, अमेजन नदी में रहती है ये सकरमाउथ कैटफिश

बगहा में फिर मिली सकरमाउथ कैटफिश: अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाने वाली सकर माउथ कैटफिश को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. बताया जा रहा है कि यह मछली भारतीय नदियों के लिए खतरा है. यह मांसाहारी मछली होती है तो छोटे जलीय जीवों का भक्षण करके पारिस्थितिकी तंत्र को बिगाड़ देती है. गंडक से निकली छोटी सी रोहुआ नदी जो पतिलार से होकर गुजरती है, उसमें स्थानीय मछुआरों को यह मछली मिली.

"कल चार बजे शाम को ये मछली मिली. गंडक में जाल बिछाए थे उसमें ये मछली फंस गई थी. बहुत सुंदर लगी तो साथ ले आए और पानी में रखे हैं. लोग देखने के लिए आ रहे हैं."- शम्भू चौधरी, मछुआरा

"ये मछली अमेजन नदी में पाई जाती है. आश्चर्य है कि ये मछली हमारे यहां लगातार मिल रही है. इसको लेकर वैज्ञानिक भी चिंतित है. लगा था कि गलती से मछली आई होगी लेकिन लगातार मिलने से लग रहा है कि नदी में बहुतायत मात्रा में ये मछली है. इसपक संज्ञान लेने की जरूरत है."- अभय पांडेय, ग्रामीण

पहले भी बगहा में मिल चुकी है ये मछली: बता दें कि इस प्रकार की मछली अभी हाल ही के दिनों में बगहा थाना क्षेत्र के बड़गांव में मिली थी,जो काफी चर्चा का विषय बना हुआ था. यह मछली पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई थी. इस विचित्र मछली के चार आंख और एरोप्लेन जैसे पंख हैं.

मछली की चार आंखें और एरोप्लेन जैसे पंख: अजीब सी मुंह वाली मछली साउथ अमेरिका के अमेजन नदी में हजारों किलोमीटर दूर पाई जाती है. इन लोगों ने दावा किया है कि स्थानीय नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र का यह मछली विनाश कर सकती है. अब लोगों के अंदर सवाल उठ रहा है कि आखिर हजारों किलोमीटर दूर साउथ अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाने वाली यह मछली बिहार में कैसे पहुंच गई. इस बाबत कमलेश मौर्या ने बताया कि इस मछली की अपनी अलग पहचान है जिस वजह से लोग इसे एक्वेरियम में पालते हैं. लेकिन एक्वेरियम में काफी छोटी होती है, जबकि नदी में इसका आकार बढ़ गया है. हो सकता है कि किसी ने एक्वेरियम से इसे छोड़ा हो और इसका आकार धीरे-धीरे बढ़ गया हो.


क्या है प्लीकॉस्टमस कैटफिश?: यह मछली दक्षिण अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है. यह मांसाहारी है. इसे एक्वेरियम में रखा जाता है. लेकिन अगर नदी में छोड़ा जाए तो इसका आकार काफी बड़ा हो जाता है. प्लीकॉस्टमस कैटफिश परिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है क्योंकि यह मछली मांसाहारी है और आसपास के जीव-जंतुओं को खाकर जिंदा रहती है.

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