भोपाल। सैफ अली खान की बहन सबा अली खान को मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की ओर से एक और नोटिस जारी किया गया है, यह तीसरा नोटिस मक्का मदीना में रुबातों में हाजियों के रुकने के संबंध में दिया गया है. इसका जवाब उन्हें जल्द से जल्द देना होगा. मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड का कार्यभार संभालने के बाद से ही नवनियुक्त अध्यक्ष डॉक्टर सनव्वर पटेल ने औकाफ-ए-शाही की मुतावल्ली सबा सुल्तान को वक्फ बोर्ड की ओर से फिर नोटिस जारी किया है.
सबा को तीसरा नोटिस: वक्फ बोर्ड की ओर से मई महीने में ही सबा सुल्तान को भेजा गया यह तीसरा नोटिस है. नोटिस में बोर्ड ने सवाल तलब किया है कि इस बार भोपाल रियासत के हाजियों को रूबात में ठहरने की सुविधा मिलेगी या नहीं. बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर सनव्वर पटेल ने बताया कि सबा सुल्तान को नोटिस भेजकर 3 दिन में जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि पहले भी उन्हें रुबात और प्रॉपर्टी के संबंध में जानकारी देने के लिए नोटिस दिए गए थे लेकिन सबा सुल्तान ने जवाब देने में अपनी रुचि नहीं दिखाई. हज जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषय पर भी सबा सुल्तान ने कोई जानकारी नहीं दी. नोटिस जारी होने के बावजूद की जा रही लापरवाही पर वक्फ बोर्ड भी खेदजनक है. पटेल ने हज यात्रियों के परेशान होने पर भी चिंता जाहिर की है.
शाही ओकाफ के सचिव का कहना है कि मक्का रबात के लिए 210 हाजियों का चयन लॉटरी सिस्टम से किया गया है. मदीने रूबात को लेकर कार्रवाई जारी है वहीं नोटिस के जवाब नहीं देने वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि पूर्व में बोर्ड द्वारा जारी किए गए नोटिस का शाही ओकाफ ने बिंदुवार जवाब दिया है जिसके प्रमाण उनके पास मौजूद है.
सौफ की बहन पर लापरवाही का आरोप: गौरतलब है कि सबा पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी की बेटी और फिल्म अभिनेता सैफ अली खान की बहन हैं. बोर्ड ने उन्हें 30 सिंतबर 2011 को नवाबों द्वारा वक्फ की गई शाही संपत्ति का प्रबंधनकर्ता नियुक्त किया था लेकिन बोर्ड की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस में उन पर अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही बरतने और काम में रूचि नहीं लेने के आरोप लगाए गए हैं बता दें कि 8 और 12 मई को भी वक्फ बोर्ड सबा सुल्तान को नोटिस जारी कर चुका है लेकिन उन्होंने अभी तक जवाब देने में किसी तरह की रुचि नहीं दिखाई है.
क्या है रुबात: रुबात उन धर्मशाला को कहा जाता है जो मक्का मदीना में है और जिन्हें नवाबों ने आवासीय रूप की इमारतों को खरीद कर वक्फ बोर्ड को दान में दिया है. यहां आने वाले हाजियों के रुकने की व्यवस्था की जाती है. ऐसे ही मक्का मदीना में पटौदी खानदान की रुबात हैं. जहां भोपाल से जाने वाले हाजियों के ठहरने की व्यवस्था की जाती है.
सबा ने मांगा था समय: इस मामले में वक्फ बोर्ड की ओर से 8 मई को भी एक नोटिस दिया गया था जिसमें एक हफ्ता के अंदर जवाब मांगा गया था जबकि सबा की ओर से 20 मई तक का समय मांगा गया था, लेकिन जवाब देने के लिए वह खुद नहीं आई. जिसको लेकर वक्फ बोर्ड ने इसे बोर्ड के आदेशों कि अवहेलना भी माना था इसके बाद 12 मई को पुनः दूसरा नोटिस वक्फ बोर्ड की ओर से भेजा गया था. जिसमें मक्का मदीना की रुबातों में सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर बात कही गई थी.