ETV Bharat / bharat

Sagar Doctor जिंदादिल डॉक्टर बने युवाओं की मिसाल, बायपास सर्जरी के बाद भी 74 की उम्र में पावर लिफ्टिंग की दीवानगी

अगर जिंदगी जीने का जज्बा हो, तो उम्र और शारीरिक कमजोरी आड़े नहीं आती है. सागर के ऐसे जिंदादिल डॉक्टर, जिनकी उम्र 74 साल हो चुकी है और दिल के मरीज भी है, लेकिन उम्र के इस पड़ाव में बचपन के शौक को पूरा कर रहे हैं. दरअसल उन्हें बचपन में बॉडी बल्डिंग का शौक था. लेकिन डॉक्टर बन जाने के बाद वो अपना शौक पूरा नहीं कर सके. तो रिटायरमेंट के बाद उन्होंने पावर लिफ्टिंग शुरू कर दी. आज डॉ अरविंद मौर्य (Dr Arvind Maurya Sagar) 74 साल की उम्र में स्टेट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप (State Power Lifting Championship) में एक गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते हैं (Dr Arvind Maurya won gold and silver medals) और अब नेशनल चैंपियनशिप (National Championship) की तैयारी कर रहे हैं.

सागर डॉक्टर बने युवाओं के लिए मिसाल
Sagar Jindadil Doctor
author img

By

Published : Nov 4, 2022, 5:56 PM IST

सागर। ग्वालियर के कंपू इलाके के निवासी डॉ अरविंद मौर्य (Dr Arvind Maurya Sagar) पिछले 40 सालों से सागर में ही बस गए हैं. उन्होंने ग्वालियर मेडिकल कॉलेज (Gwalior Medical College) से एमबीबीएस किया और एमबीबीएस के बाद कई इलाकों में सेवाएं दी. सागर के डफरिन अस्पताल (Sager Dufferin Hospital) में सेवाएं देने के बाद सागर में ही स्वास्थ्य विभाग के उपसंचालक और संयुक्त संचालक पद पर अपनी सेवाएं दी है. रिटायरमेंट के बाद डॉ अरविंद मौर्य अपने उन शौक और सपनों को पूरा कर रहे हैं. जो बचपन और जवानी के दिनों में उन्होंने देखे थे, लेकिन डॉक्टर बनने के बाद व्यस्तता के चलते शौक पूरे नहीं कर पाए. अब डॉ. मौर्य पावरलफ्टिंग (Dr. Maurya Powerlifting) का लगातार अभ्यास कर रहे हैं और कहते हैं कि हार्ट की भले ही बाईपास सर्जरी हो जाए, (Sagar Bypass Surgery) लेकिन आदमी को उम्मीद नहीं छोड़ना चाहिए. लगातार एक्सरसाइज करना चाहिए, सक्रिय बने रहना चाहिए.

Sagar Jindadil Doctor

बचपन से था बॉडी बिल्डिंग का शौक: डॉ. अरविंद मौर्य बनाते हैं कि, जब वह ग्वालियर में रहते थे, तो उन्हें बॉडीबिल्डिंग और एक्सरसाइज का शौक था (body building hobby) लेकिन बाद में वह एमबीबीएस करने लगे और डॉक्टर बन गए. करीब 40 साल तक एक डॉक्टर के रूप में मरीजों की सेवा करने के बाद जब रिटायर हुए. तो उन्होंने अपने बचपन के शौक को फिर से पूरा करने की ठानी और रिटायरमेंट के बाद फिर से एक्सरसाइज और पावरलिफ्टिंग शुरू कर दी.

सागर डॉक्टर बने युवाओं के लिए मिसाल
Sagar Jindadil Doctor

Sagar Dr Harisingh Gour University: सागर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक की रिसर्च, जलस्त्रोतों को निगलने वाली जलकुंभी से बन सकता है बॉयोफ्यूल

पावर लिफ्टिंग स्टेट चैंपियनशिप में जीते सिल्वर और गोल्ड मेडल: वैसे तो 74 साल की उम्र में डॉ. अरविंद मौर्य ने अपने बचपन का शौक पूरा करने के लिए शौकिया तौर पर एक्सरसाइज और पावर लिफ्टिंग शुरू की थी, लेकिन उनके कुछ साथियों ने बताया कि, वह पावर लिफ्टिंग कंपटीशन में भी हिस्सा ले सकते हैं. तो उन्होंने जबलपुर में सितंबर माह में हुई स्टेट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और मास्टर- 4 कैटेगरी में बेंच प्रेस में पहला स्थान और ओव्हर ऑल पावर लिफ्टिंग में उन्हें सिल्वर मेडल हासिल हुआ. अब डॉ. अरविंद मौर्य नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप की तैयारी कर रहे हैं. जो आगामी जनवरी माह में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आयोजित की जाएगी.

सागर डॉक्टर बने युवाओं के लिए मिसाल
Sagar Jindadil Doctor

उम्र देखकर लोग देते हैं बैडमिंटन खेलने की सलाह: डॉ. अरविंद मौर्य बताते हैं कि मैं एक्सरसाइज और पावरलिफ्टिंग के बगैर नहीं रह सकता हूं. मेरा ये कहना है कि लगातार एक्सरसाइज करना चाहिए, हमेशा सक्रिय बने रहना चाहिए और मनोबल नहीं तोड़ना चाहिए. जब मैं जिम्नेशियम पहुंचता हूं, तो लोग ऐसे प्रतिक्रिया देते हैं कि जैसे मैं जिम्नेशियम में घूमने के लिए आया हूं. कई लोग मेरी उम्र देखकर बैडमिंटन खेलने की सलाह देते हैं.

Under 23 World Wrestling Championship 2022 : अंकुश, मानसी और नितेश ने बढ़ाई भारत के मेडल की संख्या

एक्सरसाइज से खुल गए हार्ट ब्लॉकेज: डॉ. अरविंद मौर्य की 2010 में बाईपास सर्जरी हो चुकी है. उनके डॉक्टर उन्हें पावरलिफ्टिंग के लिए मना करते हैं. लेकिन जिंदादिल डॉक्टर अरविंद मौर्य का कहना है कि मेरे डॉक्टर का काम मना करना है और हमारा काम लगातार एक्सरसाइज करना है. मेरा मानना है कि लगातार एक्सरसाइज करने से मेरे हार्ट ब्लॉकेज खुल गए हैं और खुलते जा रहे हैं.

सागर। ग्वालियर के कंपू इलाके के निवासी डॉ अरविंद मौर्य (Dr Arvind Maurya Sagar) पिछले 40 सालों से सागर में ही बस गए हैं. उन्होंने ग्वालियर मेडिकल कॉलेज (Gwalior Medical College) से एमबीबीएस किया और एमबीबीएस के बाद कई इलाकों में सेवाएं दी. सागर के डफरिन अस्पताल (Sager Dufferin Hospital) में सेवाएं देने के बाद सागर में ही स्वास्थ्य विभाग के उपसंचालक और संयुक्त संचालक पद पर अपनी सेवाएं दी है. रिटायरमेंट के बाद डॉ अरविंद मौर्य अपने उन शौक और सपनों को पूरा कर रहे हैं. जो बचपन और जवानी के दिनों में उन्होंने देखे थे, लेकिन डॉक्टर बनने के बाद व्यस्तता के चलते शौक पूरे नहीं कर पाए. अब डॉ. मौर्य पावरलफ्टिंग (Dr. Maurya Powerlifting) का लगातार अभ्यास कर रहे हैं और कहते हैं कि हार्ट की भले ही बाईपास सर्जरी हो जाए, (Sagar Bypass Surgery) लेकिन आदमी को उम्मीद नहीं छोड़ना चाहिए. लगातार एक्सरसाइज करना चाहिए, सक्रिय बने रहना चाहिए.

Sagar Jindadil Doctor

बचपन से था बॉडी बिल्डिंग का शौक: डॉ. अरविंद मौर्य बनाते हैं कि, जब वह ग्वालियर में रहते थे, तो उन्हें बॉडीबिल्डिंग और एक्सरसाइज का शौक था (body building hobby) लेकिन बाद में वह एमबीबीएस करने लगे और डॉक्टर बन गए. करीब 40 साल तक एक डॉक्टर के रूप में मरीजों की सेवा करने के बाद जब रिटायर हुए. तो उन्होंने अपने बचपन के शौक को फिर से पूरा करने की ठानी और रिटायरमेंट के बाद फिर से एक्सरसाइज और पावरलिफ्टिंग शुरू कर दी.

सागर डॉक्टर बने युवाओं के लिए मिसाल
Sagar Jindadil Doctor

Sagar Dr Harisingh Gour University: सागर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक की रिसर्च, जलस्त्रोतों को निगलने वाली जलकुंभी से बन सकता है बॉयोफ्यूल

पावर लिफ्टिंग स्टेट चैंपियनशिप में जीते सिल्वर और गोल्ड मेडल: वैसे तो 74 साल की उम्र में डॉ. अरविंद मौर्य ने अपने बचपन का शौक पूरा करने के लिए शौकिया तौर पर एक्सरसाइज और पावर लिफ्टिंग शुरू की थी, लेकिन उनके कुछ साथियों ने बताया कि, वह पावर लिफ्टिंग कंपटीशन में भी हिस्सा ले सकते हैं. तो उन्होंने जबलपुर में सितंबर माह में हुई स्टेट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और मास्टर- 4 कैटेगरी में बेंच प्रेस में पहला स्थान और ओव्हर ऑल पावर लिफ्टिंग में उन्हें सिल्वर मेडल हासिल हुआ. अब डॉ. अरविंद मौर्य नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप की तैयारी कर रहे हैं. जो आगामी जनवरी माह में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आयोजित की जाएगी.

सागर डॉक्टर बने युवाओं के लिए मिसाल
Sagar Jindadil Doctor

उम्र देखकर लोग देते हैं बैडमिंटन खेलने की सलाह: डॉ. अरविंद मौर्य बताते हैं कि मैं एक्सरसाइज और पावरलिफ्टिंग के बगैर नहीं रह सकता हूं. मेरा ये कहना है कि लगातार एक्सरसाइज करना चाहिए, हमेशा सक्रिय बने रहना चाहिए और मनोबल नहीं तोड़ना चाहिए. जब मैं जिम्नेशियम पहुंचता हूं, तो लोग ऐसे प्रतिक्रिया देते हैं कि जैसे मैं जिम्नेशियम में घूमने के लिए आया हूं. कई लोग मेरी उम्र देखकर बैडमिंटन खेलने की सलाह देते हैं.

Under 23 World Wrestling Championship 2022 : अंकुश, मानसी और नितेश ने बढ़ाई भारत के मेडल की संख्या

एक्सरसाइज से खुल गए हार्ट ब्लॉकेज: डॉ. अरविंद मौर्य की 2010 में बाईपास सर्जरी हो चुकी है. उनके डॉक्टर उन्हें पावरलिफ्टिंग के लिए मना करते हैं. लेकिन जिंदादिल डॉक्टर अरविंद मौर्य का कहना है कि मेरे डॉक्टर का काम मना करना है और हमारा काम लगातार एक्सरसाइज करना है. मेरा मानना है कि लगातार एक्सरसाइज करने से मेरे हार्ट ब्लॉकेज खुल गए हैं और खुलते जा रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.