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वाजे और परमबीर ने क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वालों से काफी धन की उगाही की थी: पुलिस

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Published : Nov 6, 2021, 5:12 PM IST

मुंबई पुलिस ने पुलिस ने अदालत को बताया कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वालों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे ढेर सारे पैसे वसूल किये.

परमबीर वाजे
परमबीर वाजे

मुंबई : मुंबई पुलिस ने यहां एक अदालत में कहा कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वालों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे ढेर सारे पैसे वसूल किये. इसके साथ ही पुलिस ने वाजे की हिरासत बढ़ाने का भी अनुरोध किया. वाजे के विरुद्ध गोरेगांव पुलिस थाने में उगाही का एक मामला दर्ज है.

बिल्डर और होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल की ओर से दायर शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने एक नवंबर को वाजे को हिरासत में लिया था. इस मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह आरोपी हैं. वाजे को शनिवार को एक अदालत में पेश किया गया, क्योंकि उनकी हिरासत की अवधि समाप्त हो गई थी. पुलिस ने आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत मांगी, जिसे अदालत ने 13 नवंबर के लिए बढ़ा दिया.

पुलिस ने अदालत को बताया कि वाजे और वांछित आरोपी परमबीर सिंह ने क्रिकेट मैच में सट्टा लगाने वालों को गिरफ्तार करने का डर दिखाकर उनसे ढेर सारे पैसे की उगाही की. अदालत को बताया गया कि यह कैसे किया गया इसकी जांच की जानी है.

अपराध शाखा ने यह भी कहा कि वे इसकी भी जांच करना चाहते हैं कि क्या वाजे ने सिंह के नाम पर किसी से पैसा लिया और उगाही के लिए सिंह के अलावा किसने उसकी मदद की. अपराध शाखा ने कहा कि वह इसका पता लगाना चाहती है कि उगाही का धन किससे लिया गया और किसको दिया गया. पुलिस ने कहा कि अपराध शाखा इसकी जांच भी करना चाहती है कि आरोपी ने इस प्रकार और कितने अपराध किये.

पूछताछ करना चाहती है पुलिस
अदालत में पुलिस ने कहा कि वाजे परमबीर सिंह का करीबी है और अपराध शाखा उससे सिंह के बारे में पूछताछ करना चाहती है. पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता (अग्रवाल) की आवाज के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किये गए हैं. अदालत को बताया गया कि उगाही के तौर पर शिकायतकर्ता द्वारा सचिन वाजे को दिए गए मोबाइल फोन को भी जब्त किया गया है.

अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि उसके दो बार और रेस्तरां पर छापा न पड़े इसके लिए उससे नौ लाख रुपये की मांग की गई थी और 2.92 लाख रुपये के मोबाइल फोन मांगे गए थे. पुलिस के अनुसार घटना जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच हुई थी.

पढ़ें- महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : मुंबई पुलिस ने यहां एक अदालत में कहा कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वालों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे ढेर सारे पैसे वसूल किये. इसके साथ ही पुलिस ने वाजे की हिरासत बढ़ाने का भी अनुरोध किया. वाजे के विरुद्ध गोरेगांव पुलिस थाने में उगाही का एक मामला दर्ज है.

बिल्डर और होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल की ओर से दायर शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने एक नवंबर को वाजे को हिरासत में लिया था. इस मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह आरोपी हैं. वाजे को शनिवार को एक अदालत में पेश किया गया, क्योंकि उनकी हिरासत की अवधि समाप्त हो गई थी. पुलिस ने आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत मांगी, जिसे अदालत ने 13 नवंबर के लिए बढ़ा दिया.

पुलिस ने अदालत को बताया कि वाजे और वांछित आरोपी परमबीर सिंह ने क्रिकेट मैच में सट्टा लगाने वालों को गिरफ्तार करने का डर दिखाकर उनसे ढेर सारे पैसे की उगाही की. अदालत को बताया गया कि यह कैसे किया गया इसकी जांच की जानी है.

अपराध शाखा ने यह भी कहा कि वे इसकी भी जांच करना चाहते हैं कि क्या वाजे ने सिंह के नाम पर किसी से पैसा लिया और उगाही के लिए सिंह के अलावा किसने उसकी मदद की. अपराध शाखा ने कहा कि वह इसका पता लगाना चाहती है कि उगाही का धन किससे लिया गया और किसको दिया गया. पुलिस ने कहा कि अपराध शाखा इसकी जांच भी करना चाहती है कि आरोपी ने इस प्रकार और कितने अपराध किये.

पूछताछ करना चाहती है पुलिस
अदालत में पुलिस ने कहा कि वाजे परमबीर सिंह का करीबी है और अपराध शाखा उससे सिंह के बारे में पूछताछ करना चाहती है. पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता (अग्रवाल) की आवाज के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किये गए हैं. अदालत को बताया गया कि उगाही के तौर पर शिकायतकर्ता द्वारा सचिन वाजे को दिए गए मोबाइल फोन को भी जब्त किया गया है.

अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि उसके दो बार और रेस्तरां पर छापा न पड़े इसके लिए उससे नौ लाख रुपये की मांग की गई थी और 2.92 लाख रुपये के मोबाइल फोन मांगे गए थे. पुलिस के अनुसार घटना जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच हुई थी.

पढ़ें- महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

(पीटीआई-भाषा)

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