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मनसुख हिरेन की हत्या में वाजे प्रमुख आरोपी, उसकी हिरासत मांगेंगे : एटीएस प्रमुख - महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख

महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख जयजीत सिंह ने कहा कि मनसुख हिरेन केस में सचिन वाजे शामिल था. उन्होंने कहा कि एनआईए से उसकी हिरासत लेने के लिए अदालत का रुख करेंगे.

महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख
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Published : Mar 23, 2021, 4:17 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 7:56 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में 'प्रमुख आरोपी' है और उसकी हिरासत मांगने के लिए यहां एनआईए अदालत से संपर्क किया जाएगा.

एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने यहां कहा कि मामले में और भी लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं.

मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक एसयूवी मिलने के मामले में गिरफ्तार वाजे 25 मार्च तक राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में है. उस वाहन में जिलेटिन की छड़ें थीं.

एटीएस ने हिरेन की हत्या के मामले में निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिन्दे तथा क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौड़ को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था.

सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'इन दोनों लोगों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने पाया कि वाजे मामले में प्रमुख आरोपी है और इसमें उसकी प्रमुख भूमिका थी.'

उन्होंने कहा, 'हमें उसकी (वाजे) हिरासत की आवश्यकता है और हम 25 मार्च को अदालत से संपर्क करेंगे.'

एटीएस प्रमुख ने कहा कि हिरेन की हत्या के मामले में आठ मार्च को वाजे का बयान दर्ज किया गया था और उस समय उसने अपराध में अपनी भूमिका होने से इनकार किया था, लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि वह झूठ बोल रहा था.

उन्होंने कहा कि यह वाजे था जिसने पैरोल पर जेल से बाहर आए शिन्दे की मदद ली थी.

एटीएस प्रमुख ने कहा कि गौड़ ने चौदह सिम कार्ड खरीदे थे और उनमें से कुछ को सक्रिय किया गया तथा अपराध में इनका इस्तेमाल किया गया.

आतंकवाद रोधी दस्ते के अनुसार शिन्दे ने चार मार्च की शाम खुद को अपराध शाखा में कार्यरत तावड़े बताकर हिरेन से संपर्क किया था और फिर ठाणे में एक क्रीक में हिरेन का शव मिला था.

अपराध में कई और लोग भी शामिल

एटीएस प्रमुख ने कहा, 'प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि शिन्दे अन्य लोगों के साथ शामिल था. संदेह है कि दमन से जब्त की गई वॉल्वो कार का इस्तेमाल अपराध में किया गया.'

उन्होंने कहा कि मुंबई के कालिना स्थित अपराध विज्ञान प्रयोगशाला में मंगलवार को कार की पड़ताल की गई.

आतंकवाद रोधी दस्ते ने पूर्व में कहा था कि लाखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी एवं जेल से पैरोल पर रिहा हुआ शिन्दे, वाजे के लगातार संपर्क में था और उसने 'अवैध गतिविधियों' में उसकी मदद की.

एटीएस प्रमुख ने कहा, 'अपराध में कई और लोग भी शामिल थे.'

पढ़ें- परमबीर-देशमुख प्रकरण में फडणवीस आक्रामक, कहा- पवार को नहीं मिली सही जानकारी

दमन से एटीएस ने सोमवार को महाराष्ट्र की पंजीकरण संख्या वाली एक वॉल्वो कार जब्त की थी. अंबानी के घर के बाहर मिली एसयूवी को कथित तौर पर हिरेन के पास से चुराया गया था.

हिरेन की पत्नी ने अपने पति की मौत के मामले में वाजे पर आरोप लगाया था.

मुंबई : महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में 'प्रमुख आरोपी' है और उसकी हिरासत मांगने के लिए यहां एनआईए अदालत से संपर्क किया जाएगा.

एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने यहां कहा कि मामले में और भी लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं.

मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक एसयूवी मिलने के मामले में गिरफ्तार वाजे 25 मार्च तक राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में है. उस वाहन में जिलेटिन की छड़ें थीं.

एटीएस ने हिरेन की हत्या के मामले में निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिन्दे तथा क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौड़ को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था.

सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'इन दोनों लोगों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने पाया कि वाजे मामले में प्रमुख आरोपी है और इसमें उसकी प्रमुख भूमिका थी.'

उन्होंने कहा, 'हमें उसकी (वाजे) हिरासत की आवश्यकता है और हम 25 मार्च को अदालत से संपर्क करेंगे.'

एटीएस प्रमुख ने कहा कि हिरेन की हत्या के मामले में आठ मार्च को वाजे का बयान दर्ज किया गया था और उस समय उसने अपराध में अपनी भूमिका होने से इनकार किया था, लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि वह झूठ बोल रहा था.

उन्होंने कहा कि यह वाजे था जिसने पैरोल पर जेल से बाहर आए शिन्दे की मदद ली थी.

एटीएस प्रमुख ने कहा कि गौड़ ने चौदह सिम कार्ड खरीदे थे और उनमें से कुछ को सक्रिय किया गया तथा अपराध में इनका इस्तेमाल किया गया.

आतंकवाद रोधी दस्ते के अनुसार शिन्दे ने चार मार्च की शाम खुद को अपराध शाखा में कार्यरत तावड़े बताकर हिरेन से संपर्क किया था और फिर ठाणे में एक क्रीक में हिरेन का शव मिला था.

अपराध में कई और लोग भी शामिल

एटीएस प्रमुख ने कहा, 'प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि शिन्दे अन्य लोगों के साथ शामिल था. संदेह है कि दमन से जब्त की गई वॉल्वो कार का इस्तेमाल अपराध में किया गया.'

उन्होंने कहा कि मुंबई के कालिना स्थित अपराध विज्ञान प्रयोगशाला में मंगलवार को कार की पड़ताल की गई.

आतंकवाद रोधी दस्ते ने पूर्व में कहा था कि लाखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी एवं जेल से पैरोल पर रिहा हुआ शिन्दे, वाजे के लगातार संपर्क में था और उसने 'अवैध गतिविधियों' में उसकी मदद की.

एटीएस प्रमुख ने कहा, 'अपराध में कई और लोग भी शामिल थे.'

पढ़ें- परमबीर-देशमुख प्रकरण में फडणवीस आक्रामक, कहा- पवार को नहीं मिली सही जानकारी

दमन से एटीएस ने सोमवार को महाराष्ट्र की पंजीकरण संख्या वाली एक वॉल्वो कार जब्त की थी. अंबानी के घर के बाहर मिली एसयूवी को कथित तौर पर हिरेन के पास से चुराया गया था.

हिरेन की पत्नी ने अपने पति की मौत के मामले में वाजे पर आरोप लगाया था.

Last Updated : Mar 23, 2021, 7:56 PM IST
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