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अशोक गहलोत पर पायलट का पलटवार, बोले मेरी सिफारिश पर सीएम के बेटे को मिला था लोकसभा का टिकट

राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शांति बनी है मगर दोनों नेता गाहे-बगाहे एक-दूसरे पर तंज कसने का मौका नहीं छोड़ते. पिछले दिनों सीएम गहलोत ने दावा किया था कि उनकी सिफारिश पर सचिन पायलट को मनमोहन सरकार में मंत्री बनाया गया था. इसका जवाब सचिन पायलट ने दिया. उन्होंने कहा कि सीएम के बेटे वैभव गहलोत को उन्होंने लोकसभा का टिकट दिलाया था, मगर वह चुनाव हार गए.

Sachin Pilot hit back at Ashok Gehlot
Sachin Pilot hit back at Ashok Gehlot
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Published : Mar 23, 2022, 7:40 PM IST

जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहा शीतयुद्ध रह-रह कर सामने आ जाता है. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे (Pilot on Vaibhav Gehlot) वैभव को लोकसभा का टिकट दिलवाने के लिए उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी से बात की थी. हालांकि, वह बड़े अंतर से चुनाव हारे. माना जा रहा है कि पायलट का यह बयान सीएम गहलोत के उस बयान का जवाब है, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने ही सचिन पायलट को केंद्र में मंत्री बनवाया था.

9 मार्च को दिया गया अशोक गहलोत का बयान

महारानी कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान (Jaipur Maharani College Cultural Programme 2022) अपने संबोधन में पायलट ने कहा कि वे अपने आप को खुशकिस्मत मानते हैं कि उन्हें कम उम्र में सांसद बनने का मौका मिला. लेकिन यदि युवाओं को अपने अनुभव नहीं बता पाया तो इसका क्या फायदा. उन्होंने कहा कि राजनीति में जो लोग हैं, उनके मन में हमेशा एक असुरक्षा की भावना बनी रहती है कि इसको टिकट मिल गया तो मेरा क्या होगा. वह विधायक या प्रधान बन गया तो मेरी कुर्सी चली जाएगी. यह असुरक्षा नेताओं को नहीं पालनी चाहिए. लेकिन हकीकत यह है कि राजनीति में 90 फीसदी लोग असुरक्षित रहते हैं.

अशोक गहलोत की टिप्पणी पर सचिन पायलट का बयान.

महारानी कॉलेज के सभागार के रिनोवेशन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यदि यह सभागार मेरी उम्र से भी ज्यादा पुराना है तो निश्चित तौर पर इसे बदला जाना चाहिए. कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम हमारी उम्मीद के अनुरूप नहीं आए हैं. यह मुद्दा कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी उठा. पार्टी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. चुनाव के बाद कई सारी (Rajasthan Congress Politics) बातों और मुद्दों पर चर्चा व मंथन होगा और परिणाम भी सामने आएंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले समय कई राज्यों में चुनाव आएंगे. हम मजबूत रणनीति के दम पर भाजपा को हराएंगे. उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड भी इस बार कांग्रेस तोड़ेगी और सत्ता में वापसी करेगी.

वैभव गहलोत को टिकट दिलवाने के लिए मैंने सोनिया-राहुल से बात की : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत पर लगे आरोपों से जुड़े सवाल पर (Allegations on Vaibhav Gehlot) सचिन पायलट ने कहा कि जब वे पीसीसी अध्यक्ष थे तो वैभव उपाध्यक्ष थे. उन्होंने जब जोधपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई तो पार्टी इसके पक्ष में नहीं थी. लेकिन अध्यक्ष के नाते उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात की थी. हालांकि, कांग्रेस जोधपुर से जीत नहीं पाई. उन्होंने आगे कहा कि अपने ऊपर लगे आरोपों पर वैभव ने खुद जो कहना था कह दिया है. अब इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.

क्या कहा था सीएम गहलोत ने ? : 9 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह बयान दिया था कि उन्होंने ही सचिन पायलट को केंद्र में मंत्री बनवाया था तो आज 14 दिन बाद 23 मार्च को सचिन पायलट ने भी वैभव गहलोत के बहाने उस बयान का जवाब दे दिया. गहलोत ने 9 मार्च को कहा था कि 2009 में जब उनके मुख्यमंत्री रहते हुए राजस्थान में 25 में से 20 सांसद कांग्रेस के बने थे, तो सचिन पायलट को केंद्र में मंत्री बनाने के लिए उन्होंने ही कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को कहा था.

गहलोत ने कहा था कि बाद में सचिन पायलट का भी मेरे पास फोन आया था कि आप मंत्री बनने में मेरी मदद करो, तो मैंने उनसे कह दिया था कि तुम तो मुझे आज कह रहे हो, मैं तो तुम्हारा नाम कल ही दे आया. वहीं, आज 14 दिन बाद सचिन पायलट ने भी इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कार्यकाल में नए-नए मुख्यमंत्री बने थे तो वैभव गहलोत की टिकट के लिए कांग्रेस आलाकमान इच्छुक नहीं था. अशोक गहलोत कार्यकाल में नए-नए मुख्यमंत्री बने थे और उनका मनोबल कमजोर नहीं हो, इसी के चलते मैंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कहकर वैभव गहलोत को टिकट दिलवाया था. हालांकि, वह चुनाव हार गए, जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे चुनाव जीते थे.

पढ़ें : भाजपा MCD चुनाव समय पर कराकर जीत हासिल करती है तो हम राजनीति छोड़ देंगे: केजरीवाल

जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहा शीतयुद्ध रह-रह कर सामने आ जाता है. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे (Pilot on Vaibhav Gehlot) वैभव को लोकसभा का टिकट दिलवाने के लिए उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी से बात की थी. हालांकि, वह बड़े अंतर से चुनाव हारे. माना जा रहा है कि पायलट का यह बयान सीएम गहलोत के उस बयान का जवाब है, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने ही सचिन पायलट को केंद्र में मंत्री बनवाया था.

9 मार्च को दिया गया अशोक गहलोत का बयान

महारानी कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान (Jaipur Maharani College Cultural Programme 2022) अपने संबोधन में पायलट ने कहा कि वे अपने आप को खुशकिस्मत मानते हैं कि उन्हें कम उम्र में सांसद बनने का मौका मिला. लेकिन यदि युवाओं को अपने अनुभव नहीं बता पाया तो इसका क्या फायदा. उन्होंने कहा कि राजनीति में जो लोग हैं, उनके मन में हमेशा एक असुरक्षा की भावना बनी रहती है कि इसको टिकट मिल गया तो मेरा क्या होगा. वह विधायक या प्रधान बन गया तो मेरी कुर्सी चली जाएगी. यह असुरक्षा नेताओं को नहीं पालनी चाहिए. लेकिन हकीकत यह है कि राजनीति में 90 फीसदी लोग असुरक्षित रहते हैं.

अशोक गहलोत की टिप्पणी पर सचिन पायलट का बयान.

महारानी कॉलेज के सभागार के रिनोवेशन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यदि यह सभागार मेरी उम्र से भी ज्यादा पुराना है तो निश्चित तौर पर इसे बदला जाना चाहिए. कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम हमारी उम्मीद के अनुरूप नहीं आए हैं. यह मुद्दा कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी उठा. पार्टी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. चुनाव के बाद कई सारी (Rajasthan Congress Politics) बातों और मुद्दों पर चर्चा व मंथन होगा और परिणाम भी सामने आएंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले समय कई राज्यों में चुनाव आएंगे. हम मजबूत रणनीति के दम पर भाजपा को हराएंगे. उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड भी इस बार कांग्रेस तोड़ेगी और सत्ता में वापसी करेगी.

वैभव गहलोत को टिकट दिलवाने के लिए मैंने सोनिया-राहुल से बात की : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत पर लगे आरोपों से जुड़े सवाल पर (Allegations on Vaibhav Gehlot) सचिन पायलट ने कहा कि जब वे पीसीसी अध्यक्ष थे तो वैभव उपाध्यक्ष थे. उन्होंने जब जोधपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई तो पार्टी इसके पक्ष में नहीं थी. लेकिन अध्यक्ष के नाते उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात की थी. हालांकि, कांग्रेस जोधपुर से जीत नहीं पाई. उन्होंने आगे कहा कि अपने ऊपर लगे आरोपों पर वैभव ने खुद जो कहना था कह दिया है. अब इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.

क्या कहा था सीएम गहलोत ने ? : 9 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह बयान दिया था कि उन्होंने ही सचिन पायलट को केंद्र में मंत्री बनवाया था तो आज 14 दिन बाद 23 मार्च को सचिन पायलट ने भी वैभव गहलोत के बहाने उस बयान का जवाब दे दिया. गहलोत ने 9 मार्च को कहा था कि 2009 में जब उनके मुख्यमंत्री रहते हुए राजस्थान में 25 में से 20 सांसद कांग्रेस के बने थे, तो सचिन पायलट को केंद्र में मंत्री बनाने के लिए उन्होंने ही कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को कहा था.

गहलोत ने कहा था कि बाद में सचिन पायलट का भी मेरे पास फोन आया था कि आप मंत्री बनने में मेरी मदद करो, तो मैंने उनसे कह दिया था कि तुम तो मुझे आज कह रहे हो, मैं तो तुम्हारा नाम कल ही दे आया. वहीं, आज 14 दिन बाद सचिन पायलट ने भी इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कार्यकाल में नए-नए मुख्यमंत्री बने थे तो वैभव गहलोत की टिकट के लिए कांग्रेस आलाकमान इच्छुक नहीं था. अशोक गहलोत कार्यकाल में नए-नए मुख्यमंत्री बने थे और उनका मनोबल कमजोर नहीं हो, इसी के चलते मैंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कहकर वैभव गहलोत को टिकट दिलवाया था. हालांकि, वह चुनाव हार गए, जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे चुनाव जीते थे.

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