तिरुनेलवेली : कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (केकेएनपीपी) के तीसरे और चौथे रिएक्टर का निर्माण कर रहे रूसी दल के प्रमुख क्लिनिंको वादिम (55) की रात करीब साढ़े नौ बजे मौत हो गई. बताया गया कि उनकी मौत सोमवार को आये कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई. सूत्रों के मुताबिक, क्लिनिंको वादिम कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना में रूसी वैज्ञानिकों के दल का नेतृत्व कर रहे थे. वह पांच साल से यहां काम कर रहे थे.
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जानकारी के मुताबिक, वादिन को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें नागरकोइल के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. वहां उनकी जांच करने वाले डॉक्टरों ने वादिन को मृत घोषित कर दिया. उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए असरीपल्लम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजा गया. वादिम परमाणु पार्क के परिसर में मरने वाले पहले रूसी हैं. केकेएनपीपी की शुरुआत मार्च 2002 में हुई थी. परियोजना के अनुसार इस परियोजना के अंतगर्त सितंबर 2027 तक 6 X 1,000 मेगावाट वीवीईआर रिएक्टरों का निर्माण करेगा.
केकेएनपीपी के एक सूत्र ने कहा कि वादिम जैसे विशेषज्ञ को खोना रूसी टीम और पूरे केकेएनपीपी के लिए भी बहुत बड़ी क्षति है. बताया गया कि रूसी वाणिज्य दूतावास और रूसी दूतावास को सूचित कर दिया गया है. वे वादिम के पार्थिव शरीर को उनके देश भेजने की व्यवस्था करेंगे. कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (या कुडनकुलम एनपीपी या केकेएनपीपी) तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में कुडनकुलम में स्थित भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा केंद्र है. केकेएनपीपी के पास 6,000 मेगावाट बिजली की स्थापित क्षमता के साथ रूसी राज्य कंपनी और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के सहयोग से निर्मित छह वीवीईआर-1000 रिएक्टर हैं.