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JEE 2021 में हेराफेरी करने वाले रूसी 'हैकर' को मिली जमानत

एक विशेष अदालत ने रूसी नागरिक मिखाइल शार्गन को जमानत दे दी है, जिसे सीबीआई ने कथित तौर पर पिछले साल जेईई परीक्षा सॉफ्टवेयर हैक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस शख्स की हैकिंग से 800 से अधिक उम्मीदवारों को फायदा हुआ था. 25 वर्षीय शार्गन, जिसे तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था, ने कथित तौर पर आईलियोन सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ की थी, जिस प्लेटफॉर्म पर जेईई (मेन) -2021 परीक्षा आयोजित हुई थी. वहीं, परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने में अन्य आरोपियों की भी मदद की थी.

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Published : Nov 2, 2022, 1:07 PM IST

Updated : Nov 2, 2022, 6:03 PM IST

नई दिल्ली : जेईई परीक्षा के सॉफ्टवेयर की कथित हैकिंग (manipulated JEE) के मामले में गिरफ्तार रूसी नागरिक मिखाइल शारगेन को एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शारगेन (25) को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. उसने कथित तौर पर आईलियोन सॉफ्टवेयर में सेंध लगाई थी जिस पर जेईई (मुख्य परीक्षा)-2021 की गयी थी और इससे 800 से अधिक उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाया गया. उसने कथित रूप से परीक्षा के दौरान संदिग्धों के कम्प्यूटर की हैकिंग में अन्य आरोपियों की मदद भी की थी.

अधिकारियों के मुताबिक विशेष सीबीआई अदालत ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि मामले में अन्य सभी सह-आरोपियों को जमानत दे दी गयी जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्होंने अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों से पैसा तथा दस्तावेज आदि लेने के लिए सीधे संपर्क किया. अदालत ने सीबीआई की इस दलील को खारिज कर दिया कि शारगेन की भूमिका अन्य आरोपियों से अलग थी क्योंकि वह सॉफ्टवेयर की हैकिंग में प्रमुखता से शामिल था. विशेष अदालत ने सीबीआई की इस दलील से भी इत्तेफाक नहीं जताया कि आरोपी और आवेदकों की सह-आरोपियों से मोबाइल पर हुई बातचीत के कुछ अंश जांच के दौरान सामने आये हैं.

विशेष अदालत ने जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए हाल में कहा था, "आवेदक विदेशी नागरिक है, केवल इसलिए उसे जमानत के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता. खासतौर पर तब भी जब उसके पासपोर्ट को जांच एजेंसी पहले ही जब्त कर चुकी है." अदालत ने शारगेन को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और जमानत शर्तों का पालन करने पर रिहा करने की अनुमति दे दी. उसे तीन अक्टूबर को कजाकिस्तान के अलमाती से यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर गिरफ्तार किया गया था.

एजेंसी ने परीक्षा में कथित छेड़छाड़ के मामले में पिछले साल सितंबर में एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और उसके तीन निदेशकों- सिद्धार्थ कृष्णा, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय के साथ ही अन्य बिचौलियों एवं सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : जेईई परीक्षा के सॉफ्टवेयर की कथित हैकिंग (manipulated JEE) के मामले में गिरफ्तार रूसी नागरिक मिखाइल शारगेन को एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शारगेन (25) को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. उसने कथित तौर पर आईलियोन सॉफ्टवेयर में सेंध लगाई थी जिस पर जेईई (मुख्य परीक्षा)-2021 की गयी थी और इससे 800 से अधिक उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाया गया. उसने कथित रूप से परीक्षा के दौरान संदिग्धों के कम्प्यूटर की हैकिंग में अन्य आरोपियों की मदद भी की थी.

अधिकारियों के मुताबिक विशेष सीबीआई अदालत ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि मामले में अन्य सभी सह-आरोपियों को जमानत दे दी गयी जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्होंने अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों से पैसा तथा दस्तावेज आदि लेने के लिए सीधे संपर्क किया. अदालत ने सीबीआई की इस दलील को खारिज कर दिया कि शारगेन की भूमिका अन्य आरोपियों से अलग थी क्योंकि वह सॉफ्टवेयर की हैकिंग में प्रमुखता से शामिल था. विशेष अदालत ने सीबीआई की इस दलील से भी इत्तेफाक नहीं जताया कि आरोपी और आवेदकों की सह-आरोपियों से मोबाइल पर हुई बातचीत के कुछ अंश जांच के दौरान सामने आये हैं.

विशेष अदालत ने जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए हाल में कहा था, "आवेदक विदेशी नागरिक है, केवल इसलिए उसे जमानत के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता. खासतौर पर तब भी जब उसके पासपोर्ट को जांच एजेंसी पहले ही जब्त कर चुकी है." अदालत ने शारगेन को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और जमानत शर्तों का पालन करने पर रिहा करने की अनुमति दे दी. उसे तीन अक्टूबर को कजाकिस्तान के अलमाती से यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर गिरफ्तार किया गया था.

एजेंसी ने परीक्षा में कथित छेड़छाड़ के मामले में पिछले साल सितंबर में एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और उसके तीन निदेशकों- सिद्धार्थ कृष्णा, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय के साथ ही अन्य बिचौलियों एवं सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 2, 2022, 6:03 PM IST
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