नई दिल्लीः यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत (Beginning Of The War In Ukraine) के साथ, नई दिल्ली (Goverment Of India) के लिए सबसे बड़ी चिंता वहां फसे 20,000 भारतीय छात्रों की सुरक्षा है. इनमें ज्यादातर छात्र मेडिकल में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए मनप्रीत सिंह जिनका भतीजा इवानो में फंसा (Stucked In Ivano) है ने कहा कि संकट वास्तविक है. हम गहरी चिंता में हैं. कल, मेरे भतीजे के घर के पास एक मिसाइल गिराई गई थी. तब से हम उनसे संपर्क नहीं कर पाए हैं.
वहां की स्थिति बेहद खराब है और हम सभी बेहद सदमे में हैं. कोई हमारी मदद नहीं कर रहा है. न तो नई दिल्ली में यूक्रेनी दूतावास (Ukrainian Embassy in New Delhi) और न ही यूक्रेन में भारतीय दूतावास (Indian Embassy in Ukraine) हमारे संकट का वास्तविक समाधान खोजने में सक्षम है.
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वहां फंसे छात्रों के परिवार के सदस्य सुबह से नई दिल्ली में यूक्रेनी दूतावास के बाहर खड़े हैं और अधिकारियों से आश्वासन मांग रहे हैं. ओम मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए कि वह अपने भाई के लिए बेहद चिंतित हैं. उनसे आखिरी बार कल रात को बातचीत हुई थी. उन्होंने यह भी कहा कि वह और उनके दोस्त मेट्रो के बेसमेंट में छिपे हुए हैं और नेटवर्क की बड़ी समस्या है. उन्होंने आगे कहा कि कोई हमें सूचित नहीं कर रहा है.
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यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कल तीन एडवाइजरी जारी की और शांति का आह्वान किया और कहा कि छात्र को अभी अपने स्थानों पर रहना चाहिए. क्योंकि यूक्रेन में मार्शल लॉ लगा दिया गया है और एयर स्पेस को बंद कर दिया गया है. प्रधान मंत्री मोदी ने कल रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता यानी यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा से अवगत कराया.
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