नई दिल्ली: यूक्रेन में युद्ध की अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है. संभवत: पहली बार वास्तविक युद्ध में रूस ने हाइपरसोनिक मिसाइल 'किंजल' (रूसी में 'डैगर') या ख -47 एम 2 (hypersonic missile ‘Kinzhal’ (‘dagger’ in Russian) or Kh-47M2) के इस्तेमाल की घोषणा की. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने शनिवार को कहा कि 18 मार्च को, हाइपरसोनिक एरोबॉलिस्टिक मिसाइलों के साथ किंजल एविएशन मिसाइल सिस्टम ने मिसाइलों के एक बड़े भूमिगत गोदाम को नष्ट कर दिया. साथ ही डेलियाटिन, इवानो-फ्रैंकिवस्क क्षेत्र के गांव में यूक्रेनी सैनिकों के विमानन गोला-बारूद को भी नष्ट कर दिया.
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▫️Destruction of a weapons depot of the Armed Forces of Ukraine by high-precision missile weapons strike. We can see the exact hit of an underground hangar with weapons and ammunition. pic.twitter.com/sKTF46Tdb0
— Минобороны России (@mod_russia) March 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इवानो-फ्रैंकिवस्क क्षेत्र पश्चिमी यूक्रेन में रोमानिया की सीमा पर स्थित है, जो नाटो का सदस्य है. अत्यधिक कुशल 'किंजल' का उपयोग जो माच 10 या ध्वनि की गति से दस गुना गति से यात्रा करता है. इसे मुख्य रूप से अमेरिका द्वारा भेजे जा रहे हथियारों की खेप के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है. अमेरिका ने यूक्रेन की सहायता के लिए नाटो बलों का नेतृत्व किया था और अभी भी जिन्हें काफिलों और शिपमेंट में हथियारों को भेज रहा है. इसे अमेरिका के नेतृत्व वाली नाटो सेनाओं के लिए भी एक संदेश के रूप में भी माना जा सकता है कि रूस युद्धग्रस्त यूक्रेन में अपनी इच्छा को लागू करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. और वह अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटेगा. भले ही युद्ध लंबा क्यों ना खिंच जाए.
इस हाइपसोनिक मिसाइल में सेंसर और रेडॉर सीकर लगे हैं जो उसे जमीन से लेकर समुद्र तक में सटीक हमला करने की बेजोड़ ताकत देते हैं. यही नहीं किंजल के नाटो देशों पर हमला करने में मात्र 7 से 10 मिनट लगेंगे. ऐसे में उन्हें इसे बर्बाद करने के लिए भी वक्त नहीं मिलेगा. 'किंजल' उच्च-सटीक एयरोबॉलिस्टिक एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल सिस्टम मिग -31 अपग्रेडेड इंटरसेप्टर जेट पर लगाया गया है. यह मिसाइल करीब 2000 किमी तक मार कर सकती है. किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल 3 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से हमला करने में सक्षम है. इसकी वजह से अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम भी इसके सामने फेल साबित होता है.
रूसी मीडिया के अनुसार, 'किंजल' प्रणाली से लैस पहली वायु इकाई ने 1 दिसंबर, 2017 से अपने लड़ाकू उपयोग के बुनियादी सिद्धांतों में महारत हासिल करने के लिए एयर अलर्ट उड़ानों का परीक्षण शुरू किया. मार्च 2018 में रूसी सेना में शामिल होने के दौरान, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि वायु प्रणाली के चालक दल ने लड़ाकू प्रशिक्षण योजना के तहत साल-दर-साल 250 से अधिक उड़ानें पूरी की हैं. वायु कर्मचारियों को विभिन्न मौसम स्थितियों में दिन-रात पूरे क्षेत्र में प्रशिक्षित किया गया है. अमेरिका और 30 सदस्यीय नाटो यूक्रेन में युद्ध के लिए कंधे से दागी जाने वाली मिसाइलें सहित भारी संख्या में हथियार और गोला-बारूद का परिवहन कर रहे हैं.
यूक्रेन को अमेरिकी हथियार जो पहले ही भेज दी गई है या रास्ते में हैं, उनमें 100 टैक्टिकल अनमैन्ड एरियल सिस्टम ('स्विचब्लेड' कामिकेज़ ड्रोन), 800 यूएस-निर्मित एफआईएम-92 स्टिंगर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 2,000 एफजीएम-148 जेवलिन, टैंक रोधी मिसाइलें, 6,000 AT4 एंटी-आर्मर रॉकेट लॉन्चर, 1,000 M72 LAW हल्के एंटी-आर्मर हथियार, 100 ग्रेनेड लॉन्चर, 5,000 राइफल, 1,000 पिस्तौल, 400 मशीनगन, 400 शॉटगन, 20 मिलियन राउंड गोला बारूद, 25,000 सेट बॉडी कवच और हेलमेट वगैरह शामिल हैं.