नई दिल्ली : राज्य सभा में लगातार दूसरे दिन भी इजराइली स्पाईवेयर पेगासस को लेकर हंगामा हुआ. संसद के मानसून सत्र में हो रहे हंगामे को लेकर पीएम मोदी ने चिंता जताई है. प्रधानमंत्री ने विपक्ष के रवैये पर बहुत चिंता व्यक्त करते हुए भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि सदन में सार्थक चर्चा होनी चाहिए. पीएम ने कहा है कि इसके लिए विपक्षी दलों को चर्चा में भाग लेना चाहिए.
इसी बीच आज एक दिलचस्प वाकये में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्य सभा के रूल 267 का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक यह नियम अस्तित्व में है, राज्य सभा में राष्ट्रीय महत्व और देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. इस पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि उनके पास दर्जनों नोटिस रूल 267 के तहत आए हैं. ऐसे में किस मुद्दे पर राज्य सभा में बहस की जाएगी, इसका फैसला सभापति करेंगे.
क्या है रूल 267
कोई भी सदस्य राज्य सभा के सभापति की सहमति से, यह प्रस्ताव कर सकेगा कि उस दिन राज्य सभा के समक्ष सूचीबद्ध कार्य से संबंधित किसी प्रस्ताव पर, किसी नियम का लागू होना निलंबित किया जाए. यदि राज्य सभा में सदस्य का प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है, तो संबंधित नियम उस समय के लिए निलंबित कर दिया जाएगा.
राज्य सभा की वेबसाइट पर प्रकाशित नियम के मुताबिक रूल 267 का नियम उस मामले में लागू नहीं होगा जहां नियमों के विशेष अध्याय के अधीन किसी नियम के निलंबन के लिए पहले ही कोई विशिष्ट उपबंध मौजूद है.
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उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को संसद का कामकाज बाधित हुआ था. यहां तक कि हंगामे के कारण प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद के सदस्यों का दोनों में से किसी सदन में परिचय नहीं करा पाए. बाद में उन्हें मंत्रियों की सूची को सदन के पटल पर रखना पड़ा.