औरंगाबाद : महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिला में किसी भी सर्जरी से पहले मरीजों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है. इसकी जानकारी मंगलवार को जिला आपदा प्रबंधन के एक अधिकारी ने दी. औरंगाबाद कलेक्टर सुनील चव्हाण ने एक विज्ञप्ति में कहा, औरंगाबाद में अस्पताल के अधिकारियों को भी मरीज के सीओवीआईडी -19 टीकाकरण की स्थिति की जांच करने के लिए कहा गया है, हालांकि इन फैसलों का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है. यह फैसला महामारी की स्थिति में चिकित्सा सुविधाओं की समीक्षा बैठक के बाद लिया गया है. जिला कलेक्टर ने कहा कि मरीज के टीकाकरण की स्थिति को उसके केस पेपर पर नोट करने के लिए कहा गया है, जिसे स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा ऑपरेशन से पूर्व जांचा जाएगा.
कलेक्टर की विज्ञप्ति के अनुसार औरंगाबाद ने सोमवार को कोविड-19 नए कोई नया केस नहीं आया है. जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि अब तक औरंगाबाद में केवल एक एक्टिव कोबिड-19 का मामला है और वो मरीज घर से अलग रह रहा है. जिला प्रशासन ने कोरोना टीकाकरण की कम प्रतिशत पर 10 स्वास्थ्य केंद्रों के प्रमुखों को कारण बताओ नोटिस (show cause notice) जारी करने का आदेश भी दिया है. जिला प्रशासन नागरिकों को कोरोनो वायरस से लड़ने के लिए टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करने जा रहा है.
जिले में अब तक 83.39 प्रतिशत लोगों ने COVID-19 टीके की पहली खुराक ली है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वैक्सीन और उनमें से 62.02 प्रतिशत लोगों ने टीके की दोनों खुराक ली है. सोमवार को, महाराष्ट्र में कोरोना के 92 नए मामले मिले हैं, जिनमें से अधिकांश मुंबई सर्कल में थे. एक अन्य की मौत के साथ राज्य में कोरोना से हुए कुल मौत की संख्या 1,47, 844 पहुची और कुल मरीजों की संख्या 78,77,993 पहुंची.
यह भी पढ़ें-आरटी-पीसीआर टेस्ट वायरस डिटेक्ट करने में 20 फीसदी नाकाम
पीटीआई