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मुनव्वर राणा जैसे 'तालिबान समर्थकों' को मिल रहा जवाब, हमारे आम मुसलमान नहीं हैं तालिबान समर्थक : आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार

भारत के आम मुसलमान तालिबान के समर्थक नहीं हैं और न ही वे इस्लाम के उस स्वरूप को स्वीकार करते हैं, जिसका प्रचार तालिबान करते हैं. यह कहना है आरएएस नेता इंद्रेश कुमार का. उन्होंने कहा कि मुनव्वर राणा और शफीक उर रहमान बर्क जैसे नेताओं का विरोध यहां के मुसलमान ही मुखर होकर कर रहे हैं. पढ़ें पूरा इंटरव्यू.

इंद्रेश कुमार
इंद्रेश कुमार
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Published : Aug 30, 2021, 9:51 PM IST

लखनऊ : आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने कहा है कि इस्लाम शांति और सुरक्षा का संदेश देता है. उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमान शांति से रहना चाहते हैं, वे तालिबान जैसा इस्लाम नहीं चाहते.

लखनऊ में ईटीवी भारत से बात करते हुए आरएसएस के राष्ट्रीय नेता इंद्रेश कुमार ने तालिबान के अफगानिस्तान के अधिग्रहण के बाद भारत में तालिबान समर्थक आवाजों (pro-Taliban voices) पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश में मुनव्वर राणा (Munawar Rana), शफीक-उर-रहमान बर्क (Shafiq-ur- Rehman Barq) और सज्जाद नोमानी (Sajjad Nomani) जैसे लोगों ने तालिबान के समर्थन में बात की थी, तो भारत के मुसलमान क्रोधित हो गए और इस संबंध में उनके खिलाफ आवाज उठाई.

उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति और सुरक्षा का संदेश (message of peace and security) देता है. उन्होंने कहा, 'भारत में मुसलमान शांति से रहना चाहते हैं, वे तालिबान जैसा इस्लाम (Taliban style Islam) नहीं चाहते.'

'अफगानिस्तान में अफगान मुसलमान (Afghan Muslims in Afghanistan ) शिक्षा और विकास (education and development) के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन तालिबान का उत्पीड़न महिलाओं के अधिकारों (women's rights) का हनन करता है.' तालिबान इस्लाम का गलत चेहरा पेश करता है, जो भारत के मुसलमानों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आएगा.

ईटीवी भारत से बात करते इंद्रेश कुमार

उत्तर प्रदेश में 5,000 मदरसों को बंद करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश वह मदरसे बंद होने जा रहे हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं नहीं है और जब सरकार ने इन मदरसों का विवरण मांगा, तो नहीं दिखा सके.

उन्होंने कहा कि जब हम देवबंद गए, तो हमने भी सभी मदरसों के नेताओं से बच्चों को शिक्षित करने की अपील की.मदरसा चलाना है तो सरकार की ओर से मांगी गई सभी मांगो को भी पूरा किया जाए.

मैं उन मदरसों के प्रमुख से, जहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, तहे दिल से अनुरोध करता हूं कि सभी दस्तावेजों को पूरा करने के लिए और सरकार को विवरण प्रदान करें ताकि बच्चों और उन मदरसों की शिक्षा और प्रशिक्षण पर कोई प्रभाव न पड़े, जो फर्जी तरीके से चल रहे थे.

पढ़ें- तालिबान की वापसी से अफगानिस्तान में महिलाओं का जीवन और दुश्वार होने का खतरा

भारत के विभिन्न हिस्सों में हो रही मॉब लिंचिंग पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि चाहे भारत में ह्यूमन लिंचिंग हो या जानवरों में. इसे पूरी तरह बंद कर देना चाहिए. मॉब लिंचिंग (Mob lynching) एक बहुत बड़ा अपराध है सरकार को भी मॉब लिंचिंग को खत्म करने के लिए कानून बनाना चाहिए ताकि भारत से मॉब लिंचिंग को खत्म किया जा सके.

उन्होंने कहा कि धर्म, भाषा, नस्ल और सभी लोगों के एक साथ चलने से आपसी प्रेम और स्नेह से जीने में ही प्रगति होती है.

लखनऊ : आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने कहा है कि इस्लाम शांति और सुरक्षा का संदेश देता है. उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमान शांति से रहना चाहते हैं, वे तालिबान जैसा इस्लाम नहीं चाहते.

लखनऊ में ईटीवी भारत से बात करते हुए आरएसएस के राष्ट्रीय नेता इंद्रेश कुमार ने तालिबान के अफगानिस्तान के अधिग्रहण के बाद भारत में तालिबान समर्थक आवाजों (pro-Taliban voices) पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश में मुनव्वर राणा (Munawar Rana), शफीक-उर-रहमान बर्क (Shafiq-ur- Rehman Barq) और सज्जाद नोमानी (Sajjad Nomani) जैसे लोगों ने तालिबान के समर्थन में बात की थी, तो भारत के मुसलमान क्रोधित हो गए और इस संबंध में उनके खिलाफ आवाज उठाई.

उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति और सुरक्षा का संदेश (message of peace and security) देता है. उन्होंने कहा, 'भारत में मुसलमान शांति से रहना चाहते हैं, वे तालिबान जैसा इस्लाम (Taliban style Islam) नहीं चाहते.'

'अफगानिस्तान में अफगान मुसलमान (Afghan Muslims in Afghanistan ) शिक्षा और विकास (education and development) के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन तालिबान का उत्पीड़न महिलाओं के अधिकारों (women's rights) का हनन करता है.' तालिबान इस्लाम का गलत चेहरा पेश करता है, जो भारत के मुसलमानों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आएगा.

ईटीवी भारत से बात करते इंद्रेश कुमार

उत्तर प्रदेश में 5,000 मदरसों को बंद करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश वह मदरसे बंद होने जा रहे हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं नहीं है और जब सरकार ने इन मदरसों का विवरण मांगा, तो नहीं दिखा सके.

उन्होंने कहा कि जब हम देवबंद गए, तो हमने भी सभी मदरसों के नेताओं से बच्चों को शिक्षित करने की अपील की.मदरसा चलाना है तो सरकार की ओर से मांगी गई सभी मांगो को भी पूरा किया जाए.

मैं उन मदरसों के प्रमुख से, जहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, तहे दिल से अनुरोध करता हूं कि सभी दस्तावेजों को पूरा करने के लिए और सरकार को विवरण प्रदान करें ताकि बच्चों और उन मदरसों की शिक्षा और प्रशिक्षण पर कोई प्रभाव न पड़े, जो फर्जी तरीके से चल रहे थे.

पढ़ें- तालिबान की वापसी से अफगानिस्तान में महिलाओं का जीवन और दुश्वार होने का खतरा

भारत के विभिन्न हिस्सों में हो रही मॉब लिंचिंग पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि चाहे भारत में ह्यूमन लिंचिंग हो या जानवरों में. इसे पूरी तरह बंद कर देना चाहिए. मॉब लिंचिंग (Mob lynching) एक बहुत बड़ा अपराध है सरकार को भी मॉब लिंचिंग को खत्म करने के लिए कानून बनाना चाहिए ताकि भारत से मॉब लिंचिंग को खत्म किया जा सके.

उन्होंने कहा कि धर्म, भाषा, नस्ल और सभी लोगों के एक साथ चलने से आपसी प्रेम और स्नेह से जीने में ही प्रगति होती है.

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