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मध्य प्रदेश : RSS प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे चित्रकुट, 'चिंतन शिविर' में लेंगे हिस्सा

आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) प्रमुख मोहन भागवत अपने 7 दिनी प्रवास पर आज सुबह चित्रकूट पहुंच गए हैं. संघ प्रमुख यहां 8 जुलाई से शुरू हो रहे संघ के चिंतन शिविर में हिस्सा लेंगे. इस दौरान को साधू-संतों से भी मुलाकात करेंगे.

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Published : Jul 6, 2021, 11:12 AM IST

मोहन भागवत
मोहन भागवत

चित्रकूट : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आठ दिवसीय दौरे में चित्रकूट पहुंचे हैं. आज सुबह 6 बजे से ही संघ समेत बीजेपी के बड़े नेता चित्रकूट रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहे. आरएसएस प्रमुख यहां 8 जुलाई से शुरू हो रहे चिंतन शिविर में भाग लेंगे. साथ ही कहा जा रहा है कि यहीं से संघ प्रमुख यूपी के योगी सरकार के कामकाज की समीक्षा भी करेंगे.

साधु संतों से करेंगे भेंट

बता दें कि आरएसएस का पांच दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर 8 जुलाई से चित्रकूट में होना है. संघ प्रमुख ने 2 दिन पहले से ही यहां पहुंच गए हैं. इस दौरान वह चित्रकूट के कई साधु संतों से भेंट करेंगे. मोहन भागवत का जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी से तुलसी पीठाधीश्वर आश्रम में मुलाकात का भी कार्यक्रम है. वह 13 जुलाई तक पंडित दीनदयाल शोध संस्थान आरोग्य धाम में ही रहेंगे.

सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम

13 जुलाई को शाम पांच बजे दीनदयाल शोध संस्थान आरोग्य धाम से सतना रेलवे स्टेशन के लिए सड़क मार्ग से रवाना होंगे. उनके दौरे को लेकर यूपी और एमपी प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम किए हैं.

योगी सरकार के कामकाज का आंकलन

कहा जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संघ प्रमुख यहां से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कामकाज का आंकलन करेंगे. इस दौरान वो उत्तर प्रदेश का मौजूदा मिजाज भी टटोलेंगे.

बयानों की वजह से चर्चा में

बता दें, हाल ही में दिए गए अपने हिन्दू-मुस्लिम एकता और लिंचिंग जैसे बयानों की वजह से RSS प्रमुख मोहन भागवत चर्चा में बने हुए हैं. हाल ही में भागवत राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा गाजियाबाद (यूपी) में 'हिन्दुस्तानी प्रथम, हिन्दुस्तान प्रथम' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. जिसमें उन्होंने कहा-

  • सभी भारतीयों का डीएनए एक है और मुसलमानों को डर के इस चक्र में नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है.
  • जो लोग मुसलमानों से देश छोड़ने को कहते हैं, वे खुद को हिंदू नहीं कह सकते.
  • लिंचिंग हिन्दुत्व के खिलाफ हैं. लेकिन लोगों के खिलाफ लिंचिंग के कुछ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं.
  • लोगों में इस आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता कि उनका पूजा करने का तरीका क्या है.

पढ़ें : हिंदू-मुस्लिम एकता पर संघ प्रमुख भागवत का बयान है चर्चा में, पहले भी कह चुके हैं ऐसा

हालांकि इन बयानों पर काफी राजनीति भी गरमाई. जिसपर उनके लिंचिंग के बयान को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है.

  • RSS के भागवत ने कहा "लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी"।इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे।ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है। 1/3

    — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक़ के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहाँ भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि "क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?" 2/3

    — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • कायरता, हिंसा और क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है।मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है। 3/3

    — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चित्रकूट : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आठ दिवसीय दौरे में चित्रकूट पहुंचे हैं. आज सुबह 6 बजे से ही संघ समेत बीजेपी के बड़े नेता चित्रकूट रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहे. आरएसएस प्रमुख यहां 8 जुलाई से शुरू हो रहे चिंतन शिविर में भाग लेंगे. साथ ही कहा जा रहा है कि यहीं से संघ प्रमुख यूपी के योगी सरकार के कामकाज की समीक्षा भी करेंगे.

साधु संतों से करेंगे भेंट

बता दें कि आरएसएस का पांच दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर 8 जुलाई से चित्रकूट में होना है. संघ प्रमुख ने 2 दिन पहले से ही यहां पहुंच गए हैं. इस दौरान वह चित्रकूट के कई साधु संतों से भेंट करेंगे. मोहन भागवत का जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी से तुलसी पीठाधीश्वर आश्रम में मुलाकात का भी कार्यक्रम है. वह 13 जुलाई तक पंडित दीनदयाल शोध संस्थान आरोग्य धाम में ही रहेंगे.

सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम

13 जुलाई को शाम पांच बजे दीनदयाल शोध संस्थान आरोग्य धाम से सतना रेलवे स्टेशन के लिए सड़क मार्ग से रवाना होंगे. उनके दौरे को लेकर यूपी और एमपी प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम किए हैं.

योगी सरकार के कामकाज का आंकलन

कहा जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संघ प्रमुख यहां से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कामकाज का आंकलन करेंगे. इस दौरान वो उत्तर प्रदेश का मौजूदा मिजाज भी टटोलेंगे.

बयानों की वजह से चर्चा में

बता दें, हाल ही में दिए गए अपने हिन्दू-मुस्लिम एकता और लिंचिंग जैसे बयानों की वजह से RSS प्रमुख मोहन भागवत चर्चा में बने हुए हैं. हाल ही में भागवत राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा गाजियाबाद (यूपी) में 'हिन्दुस्तानी प्रथम, हिन्दुस्तान प्रथम' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. जिसमें उन्होंने कहा-

  • सभी भारतीयों का डीएनए एक है और मुसलमानों को डर के इस चक्र में नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है.
  • जो लोग मुसलमानों से देश छोड़ने को कहते हैं, वे खुद को हिंदू नहीं कह सकते.
  • लिंचिंग हिन्दुत्व के खिलाफ हैं. लेकिन लोगों के खिलाफ लिंचिंग के कुछ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं.
  • लोगों में इस आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता कि उनका पूजा करने का तरीका क्या है.

पढ़ें : हिंदू-मुस्लिम एकता पर संघ प्रमुख भागवत का बयान है चर्चा में, पहले भी कह चुके हैं ऐसा

हालांकि इन बयानों पर काफी राजनीति भी गरमाई. जिसपर उनके लिंचिंग के बयान को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है.

  • RSS के भागवत ने कहा "लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी"।इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे।ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है। 1/3

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  • केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक़ के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहाँ भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि "क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?" 2/3

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  • कायरता, हिंसा और क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है।मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है। 3/3

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