नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व निदेशक डॉ. पी वेणुगोपाल का मंगलवार शाम साढ़े सात बजे निधन हो गया. 82 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोलियों से छलनी हालत में सर्जरी करने वाले डॉ. वेणुगोपाल उस समय एम्स के कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख थे. अगस्त 1994 में देश में पहला हृदय प्रत्यारोपण (हार्ट ट्रांसप्लांट) करने की उपलब्धि भी उन्हीं के नाम दर्ज है.
16 साल की उम्र में एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले डॉ. वेणुगोपाल एम्स टॉपर भी रहे थे. एम्स के पूर्व निदेशक की इंदिरा गांधी के इलाज से जुड़े संस्मरणों पर आधारित उनकी किताब का कुछ महीने पहले विमोचन किया गया था. हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में अग्रणी योगदान देने वाले डॉ वेणुगोपाल ने भारत का पहला हृदय प्रत्यारोपण तो किया ही था, इसके अलावा अपने कार्यकाल में 50 हजार से अधिक हार्ट सर्जरी भी की थी. वर्ष 2005 में उनके हार्ट की भी बायपास सर्जरी हुई थी.
डॉ. वेणुगोपाल का घर पर हुआ निधन: 8 अक्तूबर को डॉक्टर वेणुगोपाल का घर पर ही निधन हो गया. 9 अक्तूबर को दोपहर 3 बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उन्हें उनकी पत्नी प्रिया सरकार, उनकी बेटी सायंशा पनंगीपल्ली और उन रोगियों, परिवारों और चिकित्सा पेशेवरों द्वारा याद किया जाएगा, जिनके जीवन को उन्होंने अपने शानदार करियर के दौरान प्रभावित किया. उन्होंने और उनकी पत्नी ने संयुक्त रूप से 2023 में अपने संस्मरण, हार्टफेल्ट को प्रकाशित किया था.
देश व दुनिया भर में नाम कमाने वाले डॉ. वेणुगोपाल ने अपना इलाज विदेश के किसी अस्पताल में कराने की बजाय एम्स में कराया और अपने हार्ट का ऑपरेशन अपने ही जूनियर डॉक्टर से कराया था. उनका तर्क था कि इससे देश के संस्थान में लोगों का भरोसा और मजबूत होगा. चिकित्सा क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1998 में देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण देकर उन्हें सम्मानित किया था.