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देश के सबसे बुजुर्ग बाघ 'राजा' ने तोड़ा दम, ऐसे दी गई अंतिम विदाई

देश के सबसे बुजुर्ग बाघ ने सोमवार को दम तोड़ दिया. 'राजा' को मगरमच्छ ने काट लिया था. तब से वह दक्षिण खैरबारी में रॉयल बंगाल टाइगर रिहैबिलिटेशन सेंटर में था.

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Published : Jul 11, 2022, 8:46 PM IST

Royal Bengal Tiger dies
देश के सबसे बुजुर्ग बाघ की मौत

जलपाईगुड़ी : भारत के सबसे पुराने बाघों में से एक राजा की 25 साल और 10 महीने की उम्र में सोमवार की तड़के उत्तरी बंगाल के एक बचाव केंद्र में मृत्यु हो गई. रॉयल बंगाल टाइगर (Royal Bengal Tiger Raja dies) राजा सुंदरबन में मगरमच्छ के काटने से घायल हो गया था. राजा को सुंदरवन से जलदापारा वन प्रभाग के दक्षिण खैरबारी में रॉयल बंगाल टाइगर रिहैबिलिटेशन सेंटर लाया गया था. जहां उसने आज अंतिम सांस ली.

देखिए वीडियो

बाघ की मौत से वन कर्मियों में शोक : राजा जब सुंदरबन में मतला नदी पार कर रहा था तब उसकी बायीं टांग में मगरमच्छ ने काट लिया था. उसी समय से वन विभाग राजा को खैरबारी ले आया. 11 साल की उम्र में राजा को सुंदरवन से दक्षिण खैरबारी लाया गया था. राजा वनकर्मी पार्थसारथी सिन्हा की देखरेख में ठीक हो रहा था, लेकिन ज्यादा उम्र के कारण वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया. बाघ की मौत से वन कर्मियों में मातम छाया है. अलीपुरद्वार जिले के डीएम सुरेंद्र कुमार मीना और जलदापाड़ा वन विभाग के डीएफओ दीपक एम राजा उसे अंतिम विदाई देने के लिए दक्षिण खैरबारी पहुंचे. एसके मीणा ने कहा, 'रॉयल बंगाल टाइगर राजा को 2008 में एक मगरमच्छ के हमले के बाद सुंदरबन से बचाया गया था.वह बूढ़ा था और कुछ समय से बीमार था. उसकी मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है, लोग विशेष रूप से उसे देखने के लिए आते थे.'

इस बीच दार्जिलिंग में एक काले तेंदुए का शव बरामद किया गया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया. खबर मिलते ही दार्जिलिंग वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और काले बाघ की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी.

पढ़ें- रॉयल बंगाल टाइगर : असम चिड़ियाघर में बाघिन काजी ने जन्मे दो शावक

जलपाईगुड़ी : भारत के सबसे पुराने बाघों में से एक राजा की 25 साल और 10 महीने की उम्र में सोमवार की तड़के उत्तरी बंगाल के एक बचाव केंद्र में मृत्यु हो गई. रॉयल बंगाल टाइगर (Royal Bengal Tiger Raja dies) राजा सुंदरबन में मगरमच्छ के काटने से घायल हो गया था. राजा को सुंदरवन से जलदापारा वन प्रभाग के दक्षिण खैरबारी में रॉयल बंगाल टाइगर रिहैबिलिटेशन सेंटर लाया गया था. जहां उसने आज अंतिम सांस ली.

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बाघ की मौत से वन कर्मियों में शोक : राजा जब सुंदरबन में मतला नदी पार कर रहा था तब उसकी बायीं टांग में मगरमच्छ ने काट लिया था. उसी समय से वन विभाग राजा को खैरबारी ले आया. 11 साल की उम्र में राजा को सुंदरवन से दक्षिण खैरबारी लाया गया था. राजा वनकर्मी पार्थसारथी सिन्हा की देखरेख में ठीक हो रहा था, लेकिन ज्यादा उम्र के कारण वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया. बाघ की मौत से वन कर्मियों में मातम छाया है. अलीपुरद्वार जिले के डीएम सुरेंद्र कुमार मीना और जलदापाड़ा वन विभाग के डीएफओ दीपक एम राजा उसे अंतिम विदाई देने के लिए दक्षिण खैरबारी पहुंचे. एसके मीणा ने कहा, 'रॉयल बंगाल टाइगर राजा को 2008 में एक मगरमच्छ के हमले के बाद सुंदरबन से बचाया गया था.वह बूढ़ा था और कुछ समय से बीमार था. उसकी मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है, लोग विशेष रूप से उसे देखने के लिए आते थे.'

इस बीच दार्जिलिंग में एक काले तेंदुए का शव बरामद किया गया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया. खबर मिलते ही दार्जिलिंग वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और काले बाघ की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी.

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