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राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव के करीबी अमित कात्याल की ED हिरासत छह दिन और बढ़ाई - तेजस्वी यादव

Land for Jobs Scam: RJD सुप्रीमो लालू यादव के करीबी अमित कात्याल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. गुरुवार को कोर्ट ने उसकी ED हिरासत को 6 दिन के लिए बढ़ा दिया.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 16, 2023, 7:21 PM IST

नई दिल्ली: जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल की ED हिरासत गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने छह दिन बढ़ा दी. कात्याल को 11 नवंबर को ED ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. आज ED की हिरासत खत्म होने पर कात्याल को फिर से कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद कोर्ट ने कात्याल को छह दिन की ईडी की हिरासत बढ़ाते हुए 22 नवंबर तक कर दी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कात्याल लालू यादव के करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ मामले में लाभार्थी कंपनी एके इन्फो सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक भी हैं. यह कंपनी साउथ दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक पते पर पंजीकृत है. लालू यादव के परिवार ने इस आवासीय इमारत का इस्तेमाल किया था. संपत्ति को कागज पर मैसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इन्फो सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है, लेकिन इसका प्रयोग विशेष रूप से तेजस्वी यादव द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः Explainer: क्या है आईआरसीटीसी और लैंड फॉर जॉब घोटाला, लालू यादव के परिवार की कैसे बढ़ी मुश्किलें, जानें

2004 से 2009 के बीच का है घोटालाः इस घोटाले में ईडी ने लालू यादव और राबड़ी देवी के बाद जुलाई में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी सप्पलीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. तेजस्वी जमानत पर हैं. उल्लेखनीय है कि लैंड फॉर जॉब घोटाला उस समय का है, जब 2004 से 2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे.

सीबीआई ने इस मामले में 2007 में केस दर्ज किया था. सीबीआई के अनुसार, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्सटीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया था तो उन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 105 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था.

लालू परिवार ने नकद पैसे देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई का आरोप है कि नौकरी के बदले जमीन दी गई थी. इस मामले में पैसे के लेनदेन को लेकर ईडी भी जांच कर रही है. मामले में रेलवे के अधिकारियों सहित कुल 17 लोगों को आरोपित बनाया गया है.

यह भी पढ़ेंः करोड़ों की जमीन के बदले कैसे दी गयीं रेलवे में नौकरी, लैंड फॉर जॉब घोटाला क्या है.. जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल की ED हिरासत गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने छह दिन बढ़ा दी. कात्याल को 11 नवंबर को ED ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. आज ED की हिरासत खत्म होने पर कात्याल को फिर से कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद कोर्ट ने कात्याल को छह दिन की ईडी की हिरासत बढ़ाते हुए 22 नवंबर तक कर दी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कात्याल लालू यादव के करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ मामले में लाभार्थी कंपनी एके इन्फो सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक भी हैं. यह कंपनी साउथ दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक पते पर पंजीकृत है. लालू यादव के परिवार ने इस आवासीय इमारत का इस्तेमाल किया था. संपत्ति को कागज पर मैसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इन्फो सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है, लेकिन इसका प्रयोग विशेष रूप से तेजस्वी यादव द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है.

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2004 से 2009 के बीच का है घोटालाः इस घोटाले में ईडी ने लालू यादव और राबड़ी देवी के बाद जुलाई में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी सप्पलीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. तेजस्वी जमानत पर हैं. उल्लेखनीय है कि लैंड फॉर जॉब घोटाला उस समय का है, जब 2004 से 2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे.

सीबीआई ने इस मामले में 2007 में केस दर्ज किया था. सीबीआई के अनुसार, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्सटीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया था तो उन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 105 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था.

लालू परिवार ने नकद पैसे देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई का आरोप है कि नौकरी के बदले जमीन दी गई थी. इस मामले में पैसे के लेनदेन को लेकर ईडी भी जांच कर रही है. मामले में रेलवे के अधिकारियों सहित कुल 17 लोगों को आरोपित बनाया गया है.

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