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UP: फीस नहीं जमा करने पर प्रिंसिपल ने दो छात्राओं को दी कड़ी सजा, एक की हालत बिगड़ी

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Published : Aug 2, 2022, 7:15 PM IST

यूपी के मेरठ में फीस नहीं जमा कर पाने पर स्कूल के प्रिंसिपल ने दो छात्राओं को कड़ी सजा दी. लगभग डेढ़ घंटे तक धूप में खड़ा करने से एक छात्रा की हालत बिगड़ गई.

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मेरठः जिले में छात्र-छात्राओं से फीस लेने के लिए स्कूल प्रबंधन किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है. ऐसा ही एक मामला सोमवार को सदर थाना क्षेत्र स्थित ऋषभ एकेडमी से सामने आया है. स्कूल फीस समय से न जमा करने के कारण प्रिंसिपल के कहने पर अध्यापिकाओं ने दो छात्राओं को कड़ी धूप में खड़ा कर दिया. जिससे एक छात्रा की हालत बिगड़ गई. दोनों छात्राएं सगी बहनें हैं.

मेरठ कैंट में तोपखाना मोहल्ला निवासी शैली ने अपनी दोनों बेटियों के साथ डीएम कार्यालय पहुंचकर स्कूल प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दी. शैली ने रो-रोकर डीएम से अपनी बेटियों के साथ हुई घटना के बारे में बताया. शैली ने डीएम को दिए गए शिकायती पत्र के माध्यम से बताया कि उनके पति विशाल शर्मा का कुछ साल पहले देहांत हो गया था. इसके बाद से वह ही दोनों बच्चियों के पालन-पोषण का जिम्मा उठाती हैं. ऐसे में स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्राओं की पढ़ाई में सहयोग करने के बजाय उन्हें फीस के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बेटी स्वर्णिमा कक्षा 10 और छोटी बेटी नंदिनी कक्षा 7 की छात्रा है. दोनों कई वर्ष से ऋषभ एकेडमी में पढ़ाई कर रही हैं.

पीड़ित छात्रा की मां

पढ़ेंः 11 करोड़ का मिड डे मील डकार गया शिक्षक, 6 बैंक ने मिलकर किया घोटाला, मुकदमा दर्ज

शैली ने बताया कि इस साल एक अप्रैल से सत्र शुरू हुआ तो स्कूल प्रबंधन ने समय से फीस भरने का दबाव बनाया. आर्थिक तंगी के कारण बच्चियों की फीस समय से नहीं भर पाईं. सोमवार को जब छात्राएं स्कूल पहुंची, तो प्रधानाचार्य ने उन्हें अपने केबिन में बुलाकर डांट लगाई और फिर मैदान में कड़ी धूप में खड़ा कर दिया. शैली ने डीएम दीपक मीणा के दफ्तर में लिखित में शिकायती पत्र देकर बताया कि उनकी बेटियों का उत्पीड़न किया गया है. इसलिए स्कूल प्रधानाचार्य पर रिपोर्ट दर्ज कर कड़ी कार्रवाई कराई जाए.

वहीं, छात्रा स्वर्णिमा ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने बिना कुछ बताए ही करीब डेढ़ घंटे तक उसे और उसकी छोटी बहन को मैदान में खड़ा रखा. इस दौरान वाशरूम तक नहीं जाने दिया गया. छात्रा ने बताया कि उसकी बहन की तबीयत बिगड़ने लगी तो उसने जबरदस्ती रिसेप्शन से अपनी मां को फोन किया. इस पर मेरी मां ने डीएम को फोन किया तब स्कूल प्रबंधन ने उन्हें क्लास में जाने दिया. इस मामले में डीएम दीपक मीणा ने बताया कि छात्राओं की मां की शिकायत पर जांच कराई जा रही है. जांच के बाद स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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मेरठः जिले में छात्र-छात्राओं से फीस लेने के लिए स्कूल प्रबंधन किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है. ऐसा ही एक मामला सोमवार को सदर थाना क्षेत्र स्थित ऋषभ एकेडमी से सामने आया है. स्कूल फीस समय से न जमा करने के कारण प्रिंसिपल के कहने पर अध्यापिकाओं ने दो छात्राओं को कड़ी धूप में खड़ा कर दिया. जिससे एक छात्रा की हालत बिगड़ गई. दोनों छात्राएं सगी बहनें हैं.

मेरठ कैंट में तोपखाना मोहल्ला निवासी शैली ने अपनी दोनों बेटियों के साथ डीएम कार्यालय पहुंचकर स्कूल प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दी. शैली ने रो-रोकर डीएम से अपनी बेटियों के साथ हुई घटना के बारे में बताया. शैली ने डीएम को दिए गए शिकायती पत्र के माध्यम से बताया कि उनके पति विशाल शर्मा का कुछ साल पहले देहांत हो गया था. इसके बाद से वह ही दोनों बच्चियों के पालन-पोषण का जिम्मा उठाती हैं. ऐसे में स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्राओं की पढ़ाई में सहयोग करने के बजाय उन्हें फीस के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बेटी स्वर्णिमा कक्षा 10 और छोटी बेटी नंदिनी कक्षा 7 की छात्रा है. दोनों कई वर्ष से ऋषभ एकेडमी में पढ़ाई कर रही हैं.

पीड़ित छात्रा की मां

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शैली ने बताया कि इस साल एक अप्रैल से सत्र शुरू हुआ तो स्कूल प्रबंधन ने समय से फीस भरने का दबाव बनाया. आर्थिक तंगी के कारण बच्चियों की फीस समय से नहीं भर पाईं. सोमवार को जब छात्राएं स्कूल पहुंची, तो प्रधानाचार्य ने उन्हें अपने केबिन में बुलाकर डांट लगाई और फिर मैदान में कड़ी धूप में खड़ा कर दिया. शैली ने डीएम दीपक मीणा के दफ्तर में लिखित में शिकायती पत्र देकर बताया कि उनकी बेटियों का उत्पीड़न किया गया है. इसलिए स्कूल प्रधानाचार्य पर रिपोर्ट दर्ज कर कड़ी कार्रवाई कराई जाए.

वहीं, छात्रा स्वर्णिमा ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने बिना कुछ बताए ही करीब डेढ़ घंटे तक उसे और उसकी छोटी बहन को मैदान में खड़ा रखा. इस दौरान वाशरूम तक नहीं जाने दिया गया. छात्रा ने बताया कि उसकी बहन की तबीयत बिगड़ने लगी तो उसने जबरदस्ती रिसेप्शन से अपनी मां को फोन किया. इस पर मेरी मां ने डीएम को फोन किया तब स्कूल प्रबंधन ने उन्हें क्लास में जाने दिया. इस मामले में डीएम दीपक मीणा ने बताया कि छात्राओं की मां की शिकायत पर जांच कराई जा रही है. जांच के बाद स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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