रीवा: राज निवास भवन में हुई दुष्कर्म की घटना में दोषी बनाए गए अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी और सह आरोपी अंशुल मिश्रा की जमानत याचिका को जिला न्यायालय ने नामंजूर कर दिया. जिसके बाद आरोपी पक्ष के वकील ने हाई कोर्ट जाने की दलील दी है. बताया जा रहा है कि आरोपी संजय त्रिपाठी पर पूर्व में कई मामले दर्ज हैं जिसकी वजह से जिला न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को नामंजूर किया है. वहीं, घटना में शामिल फरार दो आरोपियों मोनू मिश्रा और पप्पू शुक्ला को भी गिरफ्तार किया गया.
सह आरोपियों के जमानत याचिका खारिज: रीवा के राज निवास भवन में हुए बहुचर्चित रेप कांड में नया मोड़ सामने आया है. 2 आरोपियों को यह कहकर उनकी जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया कि उनपर कई मामले थाने में दर्ज हैं. संजय त्रिपाठी (Sanjay Tripathi) पर घटना के मुख्य आरोपी महंत सीताराम को वाहन उपलब्ध कराने और अपने घर में शरण देने के आरोप लगे हैं. जबकि उनके भांजे अंशुल मिश्रा पर राज निवास भवन में रूम बुक कराने का आरोप था. दोनों ने कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी.
राजनिवास में संत सीताराम ने किया था नाबालिक से रेप: 28 मार्च की रात रीवा सर्किट हाउस (Rewa Circuit House ) के रूम नं. 4 में सतना (Satna) जिले की रहने वाली किशोरी के साथ कथावाचक संत सीताराम ने दुष्कर्म किया था. जिसमें पुलिस ने महंत सीताराम के साथ ही एक अन्य आरोपी विनोद पांडे को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. तथा बाद में सह आरोपी के तौर पर उनके दो मददगारों को गिरफ्तार किया था.
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दो अन्य आरोपी भी पकड़े: रेप की घटना में शामिल फरार चल रहे अन्य दो आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मोनू मिश्रा घटना के वक्त मौके पर मौजूद था तथा एक अन्य आरोपी पप्पू शुक्ला जिसने फॉर्च्यूनर वाहन से आरोपी महंत सीताराम को सर्किट हाउस संजय त्रिपाठी के घर पहुंचाया था. दोनों ही आरोपियों को थाना सिविल लाइन में रखा गया है, जिन्हें आज शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा.(Rewa Circuit House rape case)