चंडीगढ़ : पंजाब सरकार जिन नेताओं का आयकर रिटर्न भर रही है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सहित कांग्रेस के नवनियुक्त प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हैं. यह खुलासा एक आरटीआई में हुआ है. पंजाब की जनता के खजाने से सरकार यह टैक्स भर रही है. वह भी ऐसे समय में जब पंजाब के खजाने की हालत बेहद खराब है.
पंजाब के तीन विधायक कुलजीत नागरा और बैंस भाइयों को छोड़कर हर विधायक सरकार पर टैक्स का बोझ डाल रहा है. आरटीआई के जरिए किए गए खुलासे से पता चलता है कि साल 2017-18 में विधायकों के टैक्स पर करीब 82 लाख 77 हजार 506 रुपये, 2018-19 में 65 लाख 95 हजार 264 रुपये और 2019-20 में 64 लाख 652 रुपये और 2021-22 में 62 लाख 54 हजार 952 रुपये टैक्स भरा गया है.
गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करीब चार साल पहले विधायकों से अपील की थी कि वे अपना आयकर दाखिल करें लेकिन केवल तीन विधायक ही ऐसा कर रहे हैं. इनमें कांग्रेस विधायक कुलजीत नागरा और लोक इंसाफ पार्टी के विधायक बलविंदर बैंस और सिमरजीत सिंह बैंस शामिल हैं.
सत्ता में आने से पहले ही कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि विधायक और कांग्रेस के मंत्री अपनी कमाई से आयकर का भुगतान करेंगे, जो अभी देखा जाना बाकी है. पंजाब विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा था कौन सी पार्टी के कितने विधायकों का टैक्स दे रही है. पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के 80 विधायकों में से 19 को कैबिनेट रैंक दिया गया है.
1 विधायक को छोड़कर बाकी विधायक खुद टैक्स नहीं देते हैं. इसके अलावा, शिरोमणि अकाली दल व आम आदमी पार्टी के 18 विधायक हैं. पार्टी के 14 विधायकों में से किसी ने भी विधानसभा को अपना आयकर भरने की सहमति नहीं दी है. राजकोष पर बोझ बनकर बैठे हैं.
विभिन्न दलों की राय
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि इसमें संशोधन किया जाना चाहिए और किसी भी पार्टी के किसी भी विधायक को अपना टैक्स खुद देना चाहिए. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह सब लंबे समय से चल रहा है.
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उन्होंने कहा कि विधायकों का वेतन 32,000 रुपये है और अन्य सभी भत्ते हैं. बलजिंदर कौर ने कहा कि आम आदमी पार्टी पंजाब में कभी सत्ता में नहीं आई और ये नियम आम आदमी पार्टी ने नहीं बनाए. तो इसका जवाब ज्यादातर शिरोमणि अकाली दल या कांग्रेस दे सकती है.