नैनीताल: तमन्ना अगर कुछ कर गुजरने की हो तो पूरी जरूर होती है, ऐसा ही कुछ 70 वर्षीय रिटायर्ड कर्नल डॉ गिरिजा शंकर मुंगली (Retired Colonel Girija Shankar Mungali) ने कर दिखाया है. रिटायर्ड कर्नल डॉ गिरिजा शंकर मुंगली ने 70 साल की उम्र में 16000 फीट की ऊंचाई से पैरा जंपिंग (Para jumping from 1600 feet at the age of 70) कर एक नया कीर्तिमान हासिल किया है. बता दें कि, डॉ गिरिजा शंकर मुंगली मूल रूप से नैनीताल निवासी हैं. हालांकि, वो परिवार सहित फिलहाल महाराष्ट्र के पुणे में रहते हैं.
डॉ गिरिजा शंकर मुंगली (Retired Colonel Girija Shankar Mungali) वर्तमान में एशियाई फुटबॉल परिसंघ के टास्क फोर्स के सदस्य हैं. वायु सेना के पैराशूट ब्रिगेड महोत्सव के रियूनियन-2022 के दौरान बीते 15 अक्टूबर को आगरा में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने वायु सेना के प्रशिक्षण विमान से 16000 फीट की ऊंचाई से पैराजंपिंग की, इसमें उनके साथ 35 अन्य लोग भी शामिल थे, जो टीम में सबसे उम्रदराज थे. उन्होंने बताया प्लेन से कूदने के बाद जमीन पर सुरक्षित लैंड करने में बहुत खतरा होता है. जब तक आपका पैराशूट पूरी तरह से खुल नहीं जाता, तब तक सब कुछ ठीक नहीं होता.
बता दें कि गिरिजा शंकर मुंगली (Retired Colonel Girija Shankar Mungali) बीते 25 साल से महाराष्ट्र के पुणे में रह रहे हैं. वो मूल रूप से नैनीताल के निवासी हैं. नैनीताल में दो भाई सतीश और अनिल अपने परिवार के साथ रहते हैं और इनके बच्चे विदेश में हैं. 2002 में सेना से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया था. उनके इस अद्भुत कारनामे के बाद नैनीताल में उनके परिचितों में खुशी का माहौल है.
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भारतीय सेना से कर्नल के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद डॉ गिरिजा शंकर मुंगली सेना के साहसिक विभाग के प्रमुख थे. उन्होंने सेना में कई अहम भूमिका निभाकर मिशन पूरे किए हैं. वह भारत और बांग्लादेश के बीच संयुक्त राफ्टिंग अभियान में शामिल रहे. सेना में रहते हुए साहसिक विभाग के प्रमुख होने के नाते उन्होंने हिमालय में कई ऊंची चोटियों का आरोहण और उनके अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया.