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Resolution of Raipur Congress Session: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस तैयार, ये रहा मिशन 2024 का रोडमैप

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Published : Feb 26, 2023, 10:03 PM IST

रायपुर में कांग्रेस के तीन दिनी महाधिवेशन में वे सभी फैसले लिए गए, जो पार्टी को मजबूत करने के लिए जरूरी थे. कमियों को दूर करने के साथ ही बदलावों पर भी ध्यान दिया गया. पार्टी अध्यक्ष का कद बढ़ाने के साथ ही अधिकार भी बढ़ाया गया. पिछले चुनावों से सबक लेते हुए कांग्रेस अभी से मतदाताओं को साधने में जुट गई है. congress convention 2023

Resolution of Raipur Congress Session
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस तैयार

रायपुर: राष्ट्रीय अधिवेशन में 6 संकल्प प्रस्ताव पास कर कांग्रेस ने सियासी दंगल में उतरने की नए सिरे से तैयारी की है. मिशन 2024 का रोडमैप तैयार करते हुए कांग्रेस सियासी गलियारे में हलचल मचाने को बेताब है. आम लोगों तक पार्टी की पहुंच बढ़ाने और उनके मुद्दों को लगातार उठाते रहने की बात दोहराई गई. भारत जोड़ो यात्रा जैसे कार्यक्रम करने की लगातार जरूरत बताई गई तो वहीं अडाणी मुद्दे पर भी लड़ाई जारी रखने की बात दोहराई गई. कुल मिलाकर इन तीन दिनों में कांग्रेस मिशन 2024 का खाका खींचते हुए नए तेवर और कलेवर में आ चुकी है.

  • आज केंद्र में लोकतांत्र‍िक सरकार नहीं है।

    हमें सदन में गरीबों की, मह‍िलाओं की, अनुसूच‍ित जात‍ि-जनजाति की बात रखने की आजादी नहीं है।

    राज्‍यसभा में मेरा भाषण और लोकसभा में राहुल जी का भाषण हटा द‍िया गया। हमने कोई गलत शब्‍द नहीं बोला, हमने स‍िर्फ अडानी पर सवाल पूछा।

    :@kharge जी pic.twitter.com/SA5m2J0WqY

    — Congress (@INCIndia) February 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जैसे ही कांग्रेस खड़ी होगी, देश जुड़ जाएगा: राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष खड़गे से कार्ययोजना तैयार करने को कहा. उन्होंने कहा कि "हमें यह पता लगाना होगा कि कैसे अडानी मध्यम कारोबारी से इतने अमीर बने. अडानी मुद्दे पर हम लड़ाई लड़ेंगे और इस मुद्दे को पूरे देश के पास ले जाएंगे. हम तपस्या करने वाली पार्टी हैं. आपने देखा कि कैसे चार महीने की छोटी तपस्या ने हमारी पार्टी के अंदर जान फूंक दी. तपस्या बंद नहीं होनी चाहिए. कार्यक्रम चलते रहने चाहिए. ऐसे कार्यक्रम में हर कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भाग ले. हम सब खून पसीना बहाएं. मेहनत करें. जैसे ही कांग्रेस खड़ी होगी. देश जुड़ जाएगा."

  • मोदी जी, हम पूछते हैं..

    • आप अडानी के साथ दिल्ली आए या नहीं?
    • अडानी के साथ आप कितने देशों में घूमे?
    • आपके विदेश जाते ही अडानी कितने देशों में पहुंचा?
    • आपने अडानी को कितने देशों के मुखिया से मिलवाया?

    : कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/5LKZDq5EMB

    — Congress (@INCIndia) February 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस महाधिवेशन में इन प्रस्तावों पर हुई चर्चा:

1. राजनैतिक प्रस्ताव: महाधिवेशन ने साफ कर दिया कि बीजेपी आरएसएस के खिलाफ विचारधारा की लड़ाई तेज होगी. चुनावी मुकाबले तो होते रहेंगे पर कितना भी समय लगे और कितना भी संघर्ष हो, हम एकजुट होकर लड़ने को तैयार हैं.

2. आर्थिक मोर्चे पर इन बिंदुओं पर चला मंथन: बढ़ती हुई आर्थिक विषमताएं, सार्वजनिक संपत्तियों का अंधा निजीकरण, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई हमारी सबसे बड़ी आर्थिक चुनौतियां है. हमें मिक्स इकोनाॅमी माॅडल पर चलना होगा. पब्लिक सेक्टर को नई शक्ति देनी होगी. हमें ‘मित्रवादी पूंजीवाद’ से देश को बचाना होगा.

3. किसान और खेत मजदूर के लिए जताई गई चिंता: किसान और खेत मजदूर हमारी आर्थिक नीति की प्राथमिकता होने चाहिए. ग्रीन रिवोल्यूशन और व्हाइट रिवोल्यूशन कांग्रेस सरकारों ने संभव कराया. इससे देश बदला. कृषि का निजीकरण हमारे देश के लिए नुकसानदेह होगा.

4. सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण को बताया जरूरी: जाति आधारित जनगणना कराना अनिवार्य बन गया है. यूपीए सरकार ने 2011-13 के बीच जाति जनगणना कराई थी. सरकार बदल जाने की वजह से सर्वे प्रकाशित नहीं हो पाए. नई जनगणना जरूरी है, जो कानूनी और संवैधानिक प्रावधान ‘सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण’ के लिए हैं, महत्वपूर्ण हैं.

5. युवाओं को लेकर चिंता के गिनाए कारण: हम न्यू एजुकेशन पाॅलिसी के खिलाफ हैं. ये हमारे देश और समाज को और पीछे ले जाएगा. प्रगतिशील और वैज्ञानिक मूल्यों को खत्म कर देगा. इतिहास को जिस तरह से तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, वो वर्तमान के लिए नहीं बल्कि आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी खतरनाक होगा.

6. विदेश नीति पर भी रहा असंतोष: चीन को क्लीनचिट देकर हमने अपने पांव पर कुल्हाड़ी मार ली है. जिन पड़ोसी मुल्कों से हमारे संबंध अच्छे थे, आज उन संबंधों पर एक विफल विदेश नीति का साया मंडरा रहा है.

  • एक मजबूत कांग्रेस से ही एक बुलंद भारत बन सकता है।

    मजबूत कांग्रेस... बुलंद भारत
    जय हिंद, जय कांग्रेस।

    : कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/sG7RNVR5KZ

    — Congress (@INCIndia) February 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़े: आजादी की लड़ाई ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ हुई, इतिहास रिपीट हो रहा, मोदी अडानी का रिश्ता क्या: राहुल गांधी

इस रणनीति के साथ जन जन तक पहुंचेंगे कांग्रेसी:

भाजपा की विचारधारा का विकल्प बनी पदयात्रा: कांग्रेस के मुताबिक "भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लाखों नागरिक और कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4 हजार किलोमीटर की पदयात्रा में शामिल हुए. यात्रा ने भारत की एक समावेशी और प्रगतिशील दृष्टि को आगे बढ़ाया है, जहां संवैधानिक मूल्य ही सर्वोपरि है. विविधता में एकता, समानता और भाईचारे का संदेश देकर पदयात्रा ने भाजपा की विचारधारा का एक स्पष्ट विकल्प लोगों को दिया है. कुछ ही महीनों में हम कांग्रेस सेवा दल की शताब्दी मनाई जाएगी, जिसके जरिए कांग्रेस जनसंपर्क कार्यक्रमों में नई जान फूंकेगी."

  • 138 साल के कांग्रेस के इतिहास में अब तक 85 महाधिवेशन हुए और उन सबमें देश की दिशा को बदलने वाले फैसले हुए।

    जनता के सरोकारों से जुड़ी देश की जितनी महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, उनमें कई ऐसी हैं जिनके मूल विचार हमारे अधिवेशनों से आए।

    - कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/hBgjGMoyX6

    — Congress (@INCIndia) February 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राजनीतिक तानाशाही का मजबूती से करेंगे सामना: दूसरे संकल्प के तहत कहा गया कि "कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने कभी भी भाजपा आरएसएस और उनकी नफरत भरी राजनीति से समझौता नहीं किया. हम हमेशा भाजपा की तानाशाही, सांप्रदायिक राजनीति और पक्षपातपूर्ण पूंजीवादी आक्रमण के खिलाफ अपने राजनीतिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे. हम समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ मिलकर राजनीतिक तानाशाही का मजबूती से सामना करेंगे."

विधानसभा चुनावों के नतीजों से तय होगा 2024 का संग्राम: इस साल कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होंगे. इसलिए तीसरा संकल्प पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को अनुशासन, एकजुटता और पूरी एकता के साथ काम करने के लिए तैयार करना है, ताकि जीत सुनिश्चित हो. क्योंकि इन चुनावों के नतीजे 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे.

हिमाचल में तेजी से पूरे किए जाएंगे चुनावी वादे: कांग्रेस की छत्तीसगड़, राजस्थान और हिमाचल सरकार बाकी राज्यों कि लिए नजीर हैं. राजस्थान में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना दूसरों के लिए रोल माडल हैं. इसलिए चौथे संकल्प में हिमाचल की नवनिर्वाचित सरकार तेजी से चुनावी वादों को पूरा करके उदाहरण पेश करेगी.

कृषि नीतियों में सुधार से साथ जीडीपी ग्रोथ करेंगे सुनिश्चित: कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में 2004 से 2014 के बीच देश की जीडीपी ग्रोथ सबसे ज्यादा थी. वन अधिकार अधिनियम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और मनरेगा जैसे कई कानून बनाए गए. अब एक बार फिर से अर्थव्यवस्था को गति देने और देश के उत्पादकों को मजबूत करने का समय है. पांचवें संकल्प में बताया गया कि "सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, जो पिछले साढ़े आठ वर्षों में बर्बाद हो गए हैं, उन्हें नया जीवनदान देने की जरूरत है. कृषि नीतियों और सुधारों को नई दिशा देने के साथ ही कर्ज से राहत और एमएसपी जैसे उपाय करके किसान को सुरक्षित किया जाना चाहिए. सामाजिक न्याय की नींव को मज़बूत करने के लिए जाति जनगणना महत्वपूर्ण है और यह काम बिना देर किए होना चाहिए."

समाज को बांटने वाली ताकतों को हराएंगे: देश के लोग आज एक मजबूत कांग्रेस चाहते हैं, जो लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरे. छठवें संकल्प भाजपा और आरएसएस की विभाजनकारी ताकतों को हराना है. इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा की मुहीम को आगे बढ़ाएंगे. मित्रवादी और पूंजीवाद सरकार के खिलाफ जनजागृति अभियान चलाया जाएगा. एक मजबूत और एकजुट भारत के निर्माण के लिए नए संकल्प और साझा उद्देश्य के साथ रायपुर महाधिवेशन का संदेश जन-जन तक पहुंचाएंगे.

रायपुर: राष्ट्रीय अधिवेशन में 6 संकल्प प्रस्ताव पास कर कांग्रेस ने सियासी दंगल में उतरने की नए सिरे से तैयारी की है. मिशन 2024 का रोडमैप तैयार करते हुए कांग्रेस सियासी गलियारे में हलचल मचाने को बेताब है. आम लोगों तक पार्टी की पहुंच बढ़ाने और उनके मुद्दों को लगातार उठाते रहने की बात दोहराई गई. भारत जोड़ो यात्रा जैसे कार्यक्रम करने की लगातार जरूरत बताई गई तो वहीं अडाणी मुद्दे पर भी लड़ाई जारी रखने की बात दोहराई गई. कुल मिलाकर इन तीन दिनों में कांग्रेस मिशन 2024 का खाका खींचते हुए नए तेवर और कलेवर में आ चुकी है.

  • आज केंद्र में लोकतांत्र‍िक सरकार नहीं है।

    हमें सदन में गरीबों की, मह‍िलाओं की, अनुसूच‍ित जात‍ि-जनजाति की बात रखने की आजादी नहीं है।

    राज्‍यसभा में मेरा भाषण और लोकसभा में राहुल जी का भाषण हटा द‍िया गया। हमने कोई गलत शब्‍द नहीं बोला, हमने स‍िर्फ अडानी पर सवाल पूछा।

    :@kharge जी pic.twitter.com/SA5m2J0WqY

    — Congress (@INCIndia) February 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जैसे ही कांग्रेस खड़ी होगी, देश जुड़ जाएगा: राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष खड़गे से कार्ययोजना तैयार करने को कहा. उन्होंने कहा कि "हमें यह पता लगाना होगा कि कैसे अडानी मध्यम कारोबारी से इतने अमीर बने. अडानी मुद्दे पर हम लड़ाई लड़ेंगे और इस मुद्दे को पूरे देश के पास ले जाएंगे. हम तपस्या करने वाली पार्टी हैं. आपने देखा कि कैसे चार महीने की छोटी तपस्या ने हमारी पार्टी के अंदर जान फूंक दी. तपस्या बंद नहीं होनी चाहिए. कार्यक्रम चलते रहने चाहिए. ऐसे कार्यक्रम में हर कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भाग ले. हम सब खून पसीना बहाएं. मेहनत करें. जैसे ही कांग्रेस खड़ी होगी. देश जुड़ जाएगा."

  • मोदी जी, हम पूछते हैं..

    • आप अडानी के साथ दिल्ली आए या नहीं?
    • अडानी के साथ आप कितने देशों में घूमे?
    • आपके विदेश जाते ही अडानी कितने देशों में पहुंचा?
    • आपने अडानी को कितने देशों के मुखिया से मिलवाया?

    : कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/5LKZDq5EMB

    — Congress (@INCIndia) February 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस महाधिवेशन में इन प्रस्तावों पर हुई चर्चा:

1. राजनैतिक प्रस्ताव: महाधिवेशन ने साफ कर दिया कि बीजेपी आरएसएस के खिलाफ विचारधारा की लड़ाई तेज होगी. चुनावी मुकाबले तो होते रहेंगे पर कितना भी समय लगे और कितना भी संघर्ष हो, हम एकजुट होकर लड़ने को तैयार हैं.

2. आर्थिक मोर्चे पर इन बिंदुओं पर चला मंथन: बढ़ती हुई आर्थिक विषमताएं, सार्वजनिक संपत्तियों का अंधा निजीकरण, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई हमारी सबसे बड़ी आर्थिक चुनौतियां है. हमें मिक्स इकोनाॅमी माॅडल पर चलना होगा. पब्लिक सेक्टर को नई शक्ति देनी होगी. हमें ‘मित्रवादी पूंजीवाद’ से देश को बचाना होगा.

3. किसान और खेत मजदूर के लिए जताई गई चिंता: किसान और खेत मजदूर हमारी आर्थिक नीति की प्राथमिकता होने चाहिए. ग्रीन रिवोल्यूशन और व्हाइट रिवोल्यूशन कांग्रेस सरकारों ने संभव कराया. इससे देश बदला. कृषि का निजीकरण हमारे देश के लिए नुकसानदेह होगा.

4. सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण को बताया जरूरी: जाति आधारित जनगणना कराना अनिवार्य बन गया है. यूपीए सरकार ने 2011-13 के बीच जाति जनगणना कराई थी. सरकार बदल जाने की वजह से सर्वे प्रकाशित नहीं हो पाए. नई जनगणना जरूरी है, जो कानूनी और संवैधानिक प्रावधान ‘सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण’ के लिए हैं, महत्वपूर्ण हैं.

5. युवाओं को लेकर चिंता के गिनाए कारण: हम न्यू एजुकेशन पाॅलिसी के खिलाफ हैं. ये हमारे देश और समाज को और पीछे ले जाएगा. प्रगतिशील और वैज्ञानिक मूल्यों को खत्म कर देगा. इतिहास को जिस तरह से तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, वो वर्तमान के लिए नहीं बल्कि आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी खतरनाक होगा.

6. विदेश नीति पर भी रहा असंतोष: चीन को क्लीनचिट देकर हमने अपने पांव पर कुल्हाड़ी मार ली है. जिन पड़ोसी मुल्कों से हमारे संबंध अच्छे थे, आज उन संबंधों पर एक विफल विदेश नीति का साया मंडरा रहा है.

  • एक मजबूत कांग्रेस से ही एक बुलंद भारत बन सकता है।

    मजबूत कांग्रेस... बुलंद भारत
    जय हिंद, जय कांग्रेस।

    : कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/sG7RNVR5KZ

    — Congress (@INCIndia) February 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़े: आजादी की लड़ाई ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ हुई, इतिहास रिपीट हो रहा, मोदी अडानी का रिश्ता क्या: राहुल गांधी

इस रणनीति के साथ जन जन तक पहुंचेंगे कांग्रेसी:

भाजपा की विचारधारा का विकल्प बनी पदयात्रा: कांग्रेस के मुताबिक "भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लाखों नागरिक और कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4 हजार किलोमीटर की पदयात्रा में शामिल हुए. यात्रा ने भारत की एक समावेशी और प्रगतिशील दृष्टि को आगे बढ़ाया है, जहां संवैधानिक मूल्य ही सर्वोपरि है. विविधता में एकता, समानता और भाईचारे का संदेश देकर पदयात्रा ने भाजपा की विचारधारा का एक स्पष्ट विकल्प लोगों को दिया है. कुछ ही महीनों में हम कांग्रेस सेवा दल की शताब्दी मनाई जाएगी, जिसके जरिए कांग्रेस जनसंपर्क कार्यक्रमों में नई जान फूंकेगी."

  • 138 साल के कांग्रेस के इतिहास में अब तक 85 महाधिवेशन हुए और उन सबमें देश की दिशा को बदलने वाले फैसले हुए।

    जनता के सरोकारों से जुड़ी देश की जितनी महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, उनमें कई ऐसी हैं जिनके मूल विचार हमारे अधिवेशनों से आए।

    - कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/hBgjGMoyX6

    — Congress (@INCIndia) February 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राजनीतिक तानाशाही का मजबूती से करेंगे सामना: दूसरे संकल्प के तहत कहा गया कि "कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने कभी भी भाजपा आरएसएस और उनकी नफरत भरी राजनीति से समझौता नहीं किया. हम हमेशा भाजपा की तानाशाही, सांप्रदायिक राजनीति और पक्षपातपूर्ण पूंजीवादी आक्रमण के खिलाफ अपने राजनीतिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे. हम समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ मिलकर राजनीतिक तानाशाही का मजबूती से सामना करेंगे."

विधानसभा चुनावों के नतीजों से तय होगा 2024 का संग्राम: इस साल कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होंगे. इसलिए तीसरा संकल्प पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को अनुशासन, एकजुटता और पूरी एकता के साथ काम करने के लिए तैयार करना है, ताकि जीत सुनिश्चित हो. क्योंकि इन चुनावों के नतीजे 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे.

हिमाचल में तेजी से पूरे किए जाएंगे चुनावी वादे: कांग्रेस की छत्तीसगड़, राजस्थान और हिमाचल सरकार बाकी राज्यों कि लिए नजीर हैं. राजस्थान में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना दूसरों के लिए रोल माडल हैं. इसलिए चौथे संकल्प में हिमाचल की नवनिर्वाचित सरकार तेजी से चुनावी वादों को पूरा करके उदाहरण पेश करेगी.

कृषि नीतियों में सुधार से साथ जीडीपी ग्रोथ करेंगे सुनिश्चित: कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में 2004 से 2014 के बीच देश की जीडीपी ग्रोथ सबसे ज्यादा थी. वन अधिकार अधिनियम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और मनरेगा जैसे कई कानून बनाए गए. अब एक बार फिर से अर्थव्यवस्था को गति देने और देश के उत्पादकों को मजबूत करने का समय है. पांचवें संकल्प में बताया गया कि "सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, जो पिछले साढ़े आठ वर्षों में बर्बाद हो गए हैं, उन्हें नया जीवनदान देने की जरूरत है. कृषि नीतियों और सुधारों को नई दिशा देने के साथ ही कर्ज से राहत और एमएसपी जैसे उपाय करके किसान को सुरक्षित किया जाना चाहिए. सामाजिक न्याय की नींव को मज़बूत करने के लिए जाति जनगणना महत्वपूर्ण है और यह काम बिना देर किए होना चाहिए."

समाज को बांटने वाली ताकतों को हराएंगे: देश के लोग आज एक मजबूत कांग्रेस चाहते हैं, जो लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरे. छठवें संकल्प भाजपा और आरएसएस की विभाजनकारी ताकतों को हराना है. इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा की मुहीम को आगे बढ़ाएंगे. मित्रवादी और पूंजीवाद सरकार के खिलाफ जनजागृति अभियान चलाया जाएगा. एक मजबूत और एकजुट भारत के निर्माण के लिए नए संकल्प और साझा उद्देश्य के साथ रायपुर महाधिवेशन का संदेश जन-जन तक पहुंचाएंगे.

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