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मेघालय में फंसे खनिकों तक पहुंचने के लिए बचावकर्मी हुक, रस्सियों, क्रेन का उपयोग कर रहे हैं

मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में डायनामाइट विस्फोट के बाद बाढ़ आने से एक अवैध कोयला खदान के अंदर तीन दिनों से फंसे पांच खनिकों तक बचावकर्मियों ने बुधवार को हुक, रस्सियों और एक क्रेन की मदद से पहुंचने की कोशिश की.

कोयला खदान
कोयला खदान
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Published : Jun 2, 2021, 10:35 PM IST

उम्पलेंग (मेघालय) : मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में डायनामाइट विस्फोट के बाद बाढ़ आने से एक अवैध कोयला खदान के अंदर पिछले तीन दिनों से फंसे पांच खनिकों तक बचावकर्मियों ने बुधवार को हुक, रस्सियों और एक क्रेन की मदद से पहुंचने की कोशिश की.

उपायुक्त ई खारमलकी ने कहा कि खनिकों को गड्ढे के नीचे से सुरक्षित निकालने के प्रयास किए गए, लेकिन प्रयास व्यर्थ गए. उन्होंने कहा, 'आज हमारी टीम हुक और रस्सियों के साथ गड्ढे के नीचे तक पहुंचने में कामयाब रही. खनिक कोयला निकालने के लिए खोदे गए कई खड्डों में फंसे हो सकते हैं.' उम्पलेंग में दुर्घटना स्थल पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के जिला मुख्यालय खलीहरियात से लगभग 20 किलोमीटर दूर है.

घटनास्थल पर मौजूद एक मजिस्ट्रेट ने बताया कि एसडीआरएफ और दमकल सेवा के कर्मियों सहित बचाव दल एक क्रेन का उपयोग करके जल स्तर की गहराई का पता लगाने के लिए सुबह-सुबह गड्ढे में उतरे.

पढ़ें - बिहार डीजीपी का फरमान, ड्यूटी पर फोन नहीं चलाएंगे पुलिस के जवान

जिलाधिकारी ने कहा, 'हमने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को उम्पलेंग में कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बचाने में हमारी सहायता करने की का आग्रह किया है. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और दमकल सेवा की एक टीम ने सोमवार से अभियान शुरू कर दिया है.' हालांकि सुबह में बूंदाबांदी हो रही थी, लेकिन बाद में दिन में धूप निकली और अभियान चलाया जा सका.

टीम के एक लीडर ने बताया कि एसडीआरएफ और दमकल सेवा के कर्मियों ने पता लगाया कि गड्ढे के अंदर पानी की गहराई लगभग 152 फुट है. जिला प्रशासन ने गड्ढे की गहराई 500 फुट से अधिक होने का अनुमान लगाया है.

जिला प्रशासन ने कम से कम पांच खनिकों की पहचान की है, जिनमें चार असम से और एक त्रिपुरा से हैं, जो खदान में कहीं फंसे हुए हैं.

पीटीआई (भाषा)

उम्पलेंग (मेघालय) : मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में डायनामाइट विस्फोट के बाद बाढ़ आने से एक अवैध कोयला खदान के अंदर पिछले तीन दिनों से फंसे पांच खनिकों तक बचावकर्मियों ने बुधवार को हुक, रस्सियों और एक क्रेन की मदद से पहुंचने की कोशिश की.

उपायुक्त ई खारमलकी ने कहा कि खनिकों को गड्ढे के नीचे से सुरक्षित निकालने के प्रयास किए गए, लेकिन प्रयास व्यर्थ गए. उन्होंने कहा, 'आज हमारी टीम हुक और रस्सियों के साथ गड्ढे के नीचे तक पहुंचने में कामयाब रही. खनिक कोयला निकालने के लिए खोदे गए कई खड्डों में फंसे हो सकते हैं.' उम्पलेंग में दुर्घटना स्थल पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के जिला मुख्यालय खलीहरियात से लगभग 20 किलोमीटर दूर है.

घटनास्थल पर मौजूद एक मजिस्ट्रेट ने बताया कि एसडीआरएफ और दमकल सेवा के कर्मियों सहित बचाव दल एक क्रेन का उपयोग करके जल स्तर की गहराई का पता लगाने के लिए सुबह-सुबह गड्ढे में उतरे.

पढ़ें - बिहार डीजीपी का फरमान, ड्यूटी पर फोन नहीं चलाएंगे पुलिस के जवान

जिलाधिकारी ने कहा, 'हमने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को उम्पलेंग में कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बचाने में हमारी सहायता करने की का आग्रह किया है. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और दमकल सेवा की एक टीम ने सोमवार से अभियान शुरू कर दिया है.' हालांकि सुबह में बूंदाबांदी हो रही थी, लेकिन बाद में दिन में धूप निकली और अभियान चलाया जा सका.

टीम के एक लीडर ने बताया कि एसडीआरएफ और दमकल सेवा के कर्मियों ने पता लगाया कि गड्ढे के अंदर पानी की गहराई लगभग 152 फुट है. जिला प्रशासन ने गड्ढे की गहराई 500 फुट से अधिक होने का अनुमान लगाया है.

जिला प्रशासन ने कम से कम पांच खनिकों की पहचान की है, जिनमें चार असम से और एक त्रिपुरा से हैं, जो खदान में कहीं फंसे हुए हैं.

पीटीआई (भाषा)

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