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त्रिपुरा: तिपारालैंड के लिए तेज किया जाएगाा आंदोलन

इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने अपने राजनीतिक हित साधने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में दबदबा रखने वाले प्रमुख राजनीतिक दल टिपरा मोथा के साथ हाथ मिलाने करने की प्रक्रिया शुरू की है. ताकि वह फिर से इस क्षेत्र में राजनीतिक लाभ ले सके.

Tripura_politics
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Published : Oct 17, 2021, 2:05 PM IST

अगरतला: इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने अपना राजनीतिक हित साधने को आदिवासी क्षेत्रों में दबदबा रखने वाले प्रमुख राजनीतिक दल टिपरा मोथा से हाथ मिलाने करने की प्रक्रिया शुरू की है. ताकि वह फिर से इस क्षेत्र में राजनीतिक लाभ ले सके. उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुए टीटीएएडीसी चुनावों में दोनों दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, जिससे दोनों दल एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी बन गए. हालांकि आईपीएफटी अपने घरेलू मैदान में खाता खोलने से भी वंचित रह गया. वहीं, तिपारालैंड के लिए आंदोलन तेज करने की बात कही गई है.

सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल आईपीएफटी के महासचिव मेवार कुमार जमातिया ने शनिवार को तिपारा मोथा, आईपीएफटी(तिपारा) के साथ एक मेराथन बैठक का आयोजन किया. बैठक में आईपीएफटी विचाराधार रखनेवाले अन्य दलों और एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. जैसा कि पहले से ही आशंका थी बैठक में तिपारा मोथा के चेयरमैन प्रद्योद किशेर माणिक्य और पार्टी के प्रेसिडेंट बीके हरांगख्वाल के अलावा अन्य जनजातीय दलों के प्रमख नेता शामिल हुए. बैठक ने आईपीएफटी की भाजपा के प्रति वफादारी के बारे में नई अटकलों को हवा दी है क्योंकि आईपीएफटी ने गठबंधन में शामिल भाजपा को कई बार आईना दिखा चुकी है और फिर बाद में भाजपा को अपना समर्थन दे दिया.

प्रद्योत देबबर्मा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इसमें जनजातीय दलों के नेताओं ने तिपारालैंड को लेकर अपना समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि चार घंटे चली बैठक के बाद हम लोगों ने तिपारालैंड के लिए एक ज्वाइंट मूवमेंट कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी आकार में छोटी होगी और इसका गठन जल्द कर लिया जाएगा जिससे तिपारालैंड आंदोलन को तेज किया जाएगा.

दूसरी तरफ तिपरा मोथा के प्रमुख ने कहा कि पार्टी जल्द ही दिल्ली के जंतर- मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में ग्रेटर तिपारालैंड की आवाज को बुलंद करने के लिए 1000 युवाओं को ट्रेन से ले जाया जाएगा जिसके लिए टिकट बुक कर लिया गया है. हमलोग 23/24 अक्टूबर को अगरतला से रवाना होंगे.

उधर श्री प्रद्योद ने यह भी कहा कि इस संबंध में ज्ञापन प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री को सौंपा जाएगा, उस पर ज्वाइंट मूवमेंट कमेटी (जेएमसी) के बदले टिपरासा द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आईपीएफटी जल्द ही इसी मांग पर दिल्ली में अपनी गतिविधि बढ़ाने की योजना बनाएगी. हमें उम्मीद है कि सभी टिपरासा की आवाज एक जैसी होनी चाहिए.

अगरतला: इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने अपना राजनीतिक हित साधने को आदिवासी क्षेत्रों में दबदबा रखने वाले प्रमुख राजनीतिक दल टिपरा मोथा से हाथ मिलाने करने की प्रक्रिया शुरू की है. ताकि वह फिर से इस क्षेत्र में राजनीतिक लाभ ले सके. उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुए टीटीएएडीसी चुनावों में दोनों दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, जिससे दोनों दल एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी बन गए. हालांकि आईपीएफटी अपने घरेलू मैदान में खाता खोलने से भी वंचित रह गया. वहीं, तिपारालैंड के लिए आंदोलन तेज करने की बात कही गई है.

सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल आईपीएफटी के महासचिव मेवार कुमार जमातिया ने शनिवार को तिपारा मोथा, आईपीएफटी(तिपारा) के साथ एक मेराथन बैठक का आयोजन किया. बैठक में आईपीएफटी विचाराधार रखनेवाले अन्य दलों और एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. जैसा कि पहले से ही आशंका थी बैठक में तिपारा मोथा के चेयरमैन प्रद्योद किशेर माणिक्य और पार्टी के प्रेसिडेंट बीके हरांगख्वाल के अलावा अन्य जनजातीय दलों के प्रमख नेता शामिल हुए. बैठक ने आईपीएफटी की भाजपा के प्रति वफादारी के बारे में नई अटकलों को हवा दी है क्योंकि आईपीएफटी ने गठबंधन में शामिल भाजपा को कई बार आईना दिखा चुकी है और फिर बाद में भाजपा को अपना समर्थन दे दिया.

प्रद्योत देबबर्मा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इसमें जनजातीय दलों के नेताओं ने तिपारालैंड को लेकर अपना समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि चार घंटे चली बैठक के बाद हम लोगों ने तिपारालैंड के लिए एक ज्वाइंट मूवमेंट कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी आकार में छोटी होगी और इसका गठन जल्द कर लिया जाएगा जिससे तिपारालैंड आंदोलन को तेज किया जाएगा.

दूसरी तरफ तिपरा मोथा के प्रमुख ने कहा कि पार्टी जल्द ही दिल्ली के जंतर- मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में ग्रेटर तिपारालैंड की आवाज को बुलंद करने के लिए 1000 युवाओं को ट्रेन से ले जाया जाएगा जिसके लिए टिकट बुक कर लिया गया है. हमलोग 23/24 अक्टूबर को अगरतला से रवाना होंगे.

उधर श्री प्रद्योद ने यह भी कहा कि इस संबंध में ज्ञापन प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री को सौंपा जाएगा, उस पर ज्वाइंट मूवमेंट कमेटी (जेएमसी) के बदले टिपरासा द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आईपीएफटी जल्द ही इसी मांग पर दिल्ली में अपनी गतिविधि बढ़ाने की योजना बनाएगी. हमें उम्मीद है कि सभी टिपरासा की आवाज एक जैसी होनी चाहिए.

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