नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा को राहत देते हुए शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया जिसमें एक निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी गई थी जिसमें उन्हें मानहानि के मामले में एक कंपनी को दो करोड़ रुपये देने को कहा गया था.
हालांकि, शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया कि प्रभावशाली सार्वजनिक हस्तियों द्वारा कॉर्पोरेट संस्थाओं के खिलाफ दिए गए बयान उनकी प्रतिष्ठा, प्रतिभूतियों की कीमतों और निवेश को प्रभावित करते हैं. निचली अदालत ने देवेगौड़ा को 10 साल पहले एक टेलीविजन साक्षात्कार में कंपनी के खिलाफ दिए गए उनके 'मानहानिकारक बयान' को लेकर 17 जून, 2021 को नंदी इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर एंटरप्राइजेज (एनआईसीई) को नुकसान के रूप में दो करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था.
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निचली अदालत के इस आदेश पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कंपनी की अपील पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.