नई दिल्ली : दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के मामले के आरोपी लखबीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना के खिलाफ दर्ज एक और दूसरे मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक 17 सितंबर तक बढ़ा दिया है. एडिशनल सेशंस जज जगदीश कुमार ने 17 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया था. पिछले 26 अगस्त को कोर्ट ने लखबीर की गिरफ्तारी पर लगी रोक को 8 सितंबर तक बढ़ा दी थी और 29 जून को कोर्ट ने लक्खा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.
बता दें कि कोर्ट ने लक्खा को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था. इस मामले में लक्खा पर लाल किले पर हिंसा के दौरान बाहरी दिल्ली की सड़क को जाम करने और बैरिकेड को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. लक्खा पर आरोप है कि उसने पुलिस के आग्रह को भी नहीं माना और वो पुलिस अधिकारियों के शासकीय काम में बाधा डाल रहा था.
सुनवाई के बाद कोर्ट ने लक्खा को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था. पिछले 29 जुलाई को लालकिले पर हुई हिंसा के मामले में तीस हजारी कोर्ट लक्खा को जमानत दे चुका है. दिल्ली पुलिस ने लक्खा पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था.
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पिछले 19 जून को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में कहा गया है कि 26 जनवरी को लाल किला पर कब्जे की साजिश रची गई थी और लाल किला को विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी. गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश रची गई थी.
हिंसा के जरिए केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी. दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया, जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी. जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी उनमें, आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट शामिल हैं. पिछले 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था.