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Diwali 2023: इस दिवाली पर 3.75 लाख करोड़ रुपए का बिजनेस, देश में बने सामान की रिकार्ड तोड़ खरीदारी

Diwali 2023: दिल्ली में कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस साल दिवाली पर देश में बने सामान का रिकॉर्ड तोड़ व्यापार होने की जानकारी दी है. उनका कहना है कि इस साल देश भर के बाजारों में 3.75 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजनेस हुआ. इस पूरे सीजन में अभी और 50 हजार करोड़ के व्यापार होने की संभावना है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2023, 5:02 PM IST

Updated : Nov 13, 2023, 5:14 PM IST

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने जारी किया बयान.

नई दिल्ली: इस साल दिवाली में देश भर के बाजारों में 3.75 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का रिकॉर्ड तोड़ व्यापार हुआ. भारतीय वस्तुओं की जमकर खरीदारी हुई. जबकि, अभी गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा और तुलसी विवाह त्योहार शेष हैं. इनमें लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के और व्यापार होने की संभावना है. यह जानकारी सोमवार को कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने दी.

उन्होंने बताया कि इस बार चीन को दिवाली पर्व पर लगभग 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के व्यापार का बड़ा नुकसान हुआ है. पहले दिवाली त्योहारों पर चीन में बनी वस्तुओं की लगभग 70% खरीदारी होती थी, जो इस बार बिल्कुल भी नहीं हुई है. देश में किसी भी व्यापारी ने इस वर्ष चीन से दिवाली से संबंधित किसी भी वस्तु का कोई इंपोर्ट नहीं किया है.

ये भी पढ़ें :Diwali 2023: दिवाली पर दिल्ली के बाजार हुए गुलजार, लोकल फॉर वोकल की रही धूम

“ भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद” अभियान का असरः कैट ने इस दिवाली देश भर में “ भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद” अभियान चलाया, जो बेहद सफल रहा. इसको देश भर में ग्राहकों का बड़ा समर्थन मिला. वहीं, इस दिवाली पर देश भर में पैकिंग कारोबार को भी एक बड़ा बाजार मिला है. यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान का असर है.

बता दें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिवाली पर लोकल बनी वस्तुएं खरीदने का आह्वान किया था. देश के सभी शहरों के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाये गये उत्पादों की भारी मात्रा में बिक्री हुई. जिससे आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दिवाली पर्व के जरिए देश और दुनिया को दिखाई गई .

भरतिया व खंडेलवाल ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार 3.5 लाख करोड़ के त्योहारों के व्यापार में लगभग

  1. 13% खाद्य एवं किराना में
  2. 9% ज्वेलरी में
  3. 12% वस्त्र एवं गारमेंट
  4. 4% ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन
  5. 3% घर की साज सज्जा
  6. 6% कास्मेटिक्स
  7. 8% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल
  8. 3% पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं
  9. 3% बर्तन तथा रसोई उपकरण
  10. 2% कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी
  11. 8% गिफ्ट आइटम्स
  12. 4% फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर
  13. एवं शेष पर 20%

ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं और सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए गए.

ये भी पढ़ें :Diwali 2023: दिल्ली में गुलजार हुआ फूलों का कारोबार, दुकानदार के चेहरों पर खुशी

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने जारी किया बयान.

नई दिल्ली: इस साल दिवाली में देश भर के बाजारों में 3.75 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का रिकॉर्ड तोड़ व्यापार हुआ. भारतीय वस्तुओं की जमकर खरीदारी हुई. जबकि, अभी गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा और तुलसी विवाह त्योहार शेष हैं. इनमें लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के और व्यापार होने की संभावना है. यह जानकारी सोमवार को कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने दी.

उन्होंने बताया कि इस बार चीन को दिवाली पर्व पर लगभग 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के व्यापार का बड़ा नुकसान हुआ है. पहले दिवाली त्योहारों पर चीन में बनी वस्तुओं की लगभग 70% खरीदारी होती थी, जो इस बार बिल्कुल भी नहीं हुई है. देश में किसी भी व्यापारी ने इस वर्ष चीन से दिवाली से संबंधित किसी भी वस्तु का कोई इंपोर्ट नहीं किया है.

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“ भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद” अभियान का असरः कैट ने इस दिवाली देश भर में “ भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद” अभियान चलाया, जो बेहद सफल रहा. इसको देश भर में ग्राहकों का बड़ा समर्थन मिला. वहीं, इस दिवाली पर देश भर में पैकिंग कारोबार को भी एक बड़ा बाजार मिला है. यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान का असर है.

बता दें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिवाली पर लोकल बनी वस्तुएं खरीदने का आह्वान किया था. देश के सभी शहरों के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाये गये उत्पादों की भारी मात्रा में बिक्री हुई. जिससे आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दिवाली पर्व के जरिए देश और दुनिया को दिखाई गई .

भरतिया व खंडेलवाल ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार 3.5 लाख करोड़ के त्योहारों के व्यापार में लगभग

  1. 13% खाद्य एवं किराना में
  2. 9% ज्वेलरी में
  3. 12% वस्त्र एवं गारमेंट
  4. 4% ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन
  5. 3% घर की साज सज्जा
  6. 6% कास्मेटिक्स
  7. 8% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल
  8. 3% पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं
  9. 3% बर्तन तथा रसोई उपकरण
  10. 2% कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी
  11. 8% गिफ्ट आइटम्स
  12. 4% फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर
  13. एवं शेष पर 20%

ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं और सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए गए.

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Last Updated : Nov 13, 2023, 5:14 PM IST
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