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अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे पर विपक्ष का सवाल- घाटी के हालात में हो रहा सुधार, तो नागरिक हताहत क्यों? - reactions on amit shah jammu and kashmir visit

गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद कई नेताओं ने अनुच्छेद 370 के हटाए जाने और घाटी में आम लोगों की हत्या को लेकर प्रतिक्रिया दी है.

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Published : Oct 26, 2021, 10:51 AM IST

श्रीनगर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि अगर अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हो रहा है, तो नागरिक हताहत क्यों हो रहे. इन नेताओं ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 हमारी आंतरिक संप्रभुता का प्रतीक है जिससे समझौता नहीं किया जा सकता है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज

बता दें कि सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे का आखिरी दिन था. अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान अमित शाह ने क्षेत्र में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. जम्मू और श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कुछ दावे किए.

एक बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि घाटी में स्थिति में सुधार हुआ है और वह पाकिस्तान के बजाय कश्मीर के लोगों से बात करना चाहेंगे, जिस पर नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता इमरान डार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, यदि आप पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करना चाहते हैं, तो क्या आप लड़ना चाहते हैं?

इमरान डार ने कहा कि अगले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की एक बैठक होगी जिसमें भारत ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को भी आमंत्रित किया था. मुझे समझ नहीं आता कि वे यहां क्यों आते हैं और इस तरह के बयान देते हैं.

पढ़ें :- अमित शाह ने पुलवामा हमले में शहीद हुए CRPF जवानों को दी श्रद्धांजलि

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज के विचार डार के विचार से अलग नहीं हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का विचार था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से क्षेत्र में विकास होगा, जो पूरी तरह से गलत है और एक काल्पनिक प्लेग (imaginary plague) के समान है.

साथ ही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता हरबख्श सिंह ने कहा कि एक ही बात बार-बार दोहराई जा रही है, उन्होंने (अमित शाह) विकास कार्यों की बात नहीं की.

श्रीनगर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि अगर अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हो रहा है, तो नागरिक हताहत क्यों हो रहे. इन नेताओं ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 हमारी आंतरिक संप्रभुता का प्रतीक है जिससे समझौता नहीं किया जा सकता है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज

बता दें कि सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे का आखिरी दिन था. अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान अमित शाह ने क्षेत्र में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. जम्मू और श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कुछ दावे किए.

एक बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि घाटी में स्थिति में सुधार हुआ है और वह पाकिस्तान के बजाय कश्मीर के लोगों से बात करना चाहेंगे, जिस पर नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता इमरान डार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, यदि आप पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करना चाहते हैं, तो क्या आप लड़ना चाहते हैं?

इमरान डार ने कहा कि अगले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की एक बैठक होगी जिसमें भारत ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को भी आमंत्रित किया था. मुझे समझ नहीं आता कि वे यहां क्यों आते हैं और इस तरह के बयान देते हैं.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज के विचार डार के विचार से अलग नहीं हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का विचार था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से क्षेत्र में विकास होगा, जो पूरी तरह से गलत है और एक काल्पनिक प्लेग (imaginary plague) के समान है.

साथ ही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता हरबख्श सिंह ने कहा कि एक ही बात बार-बार दोहराई जा रही है, उन्होंने (अमित शाह) विकास कार्यों की बात नहीं की.

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