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RBI on Adani Group Episode : पूरे मामले पर आरबीआई ने बैंकिंग क्षेत्र को लेकर दिया स्पष्टीकरण

अडाणी ग्रुप की चल रही समस्याओं के बीच बैंकिंग क्षेत्र को लेकर रिजर्व बैंक ने बड़ा बयान दिया है. आरबीआई ने कहा कि वह बैंकिंग क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं.

rbi governor
आरबीआई गवर्नर
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Published : Feb 3, 2023, 6:57 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 7:56 PM IST

नई दिल्ली : संकट में फंसे अडाणी समूह को बैंकों के कर्ज को लेकर चिंता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर है. केंद्रीय बैंक ने साथ ही यह भी कहा कि वह ऋणदाताओं पर लगातार नजर बनाए हुए है. आरबीआई ने बयान में कहा कि एक ‘व्यावसायिक समूह’ को भारतीय बैंकों के कर्ज के बारे में चिंता जताने वाली मीडिया रिपोर्टों को संज्ञान में लेते हुए वह लगातार बैंकिंग क्षेत्र की निगरानी कर रहा है. हालांकि, आरबीआई ने अडाणी समूह का नाम नहीं लिया.

  • "As per current assessment, banking sector remains resilient and stable. Various parameters relating to capital adequacy, asset quality, liquidity, provision coverage and profitability are healthy. Banks also in compliance with Large Exposure Framework guidelines": RBI

    — ANI (@ANI) February 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आरबीआई ने कहा कि वर्तमान मूल्यांकन के अनुसार 'बैंकिंग क्षेत्र जुझारू और स्थिर बना हुआ है. पूंजी पर्याप्तता, संपत्ति की गुणवत्ता, नकदी, प्रावधान प्रसार और लाभप्रदता से संबंधित विभिन्न मानदंड अच्छी स्थिति में हैं.' केंद्रीय बैंक ने कहा, 'नियामक और पर्यवेक्षक के रूप में, आबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बैंकिंग क्षेत्र और प्रत्येक बैंक की लगातार निगरानी करता है. आरबीआई के पास बड़े ऋणों से संबंधित सूचनाओं का केंद्रीय संग्रह (सीआरआईएलसी) डेटाबेस प्रणाली है, जहां बैंक अपने पांच करोड़ और इससे अधिक के कर्ज की जानकारी देते हैं. इस जानकारी का इस्तेमाल निगरानी के लिए किया जाता है.'

बयान में कहा गया कि केंद्रीय बैंक सतर्क रहता है और लगातार भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता की निगरानी करता है. बयान में आगे कहा गया कि बैंक बड़े कर्ज के ढांचे (एलईएफ) के दिशानिर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक दिन पहले ऋणदाताओं यानी बैंकों से अडाणी समूह को दिए गए कर्ज का ब्योरा मांगा था. बैंकिंग सूत्रों ने यह जानकारी दी. स्विटजरलैंड के ऋणदाता क्रेडिट स्विस ने बुधवार को मार्जिन कर्ज देने के लिए अडाणी समूह की कंपनियों के बॉन्ड को गारंटी के रूप में स्वीकार करना बंद कर दिया था. इसके बाद अडाणी ने अपना एफपीओ वापस ले लिया.

विविध क्षेत्रों में काम करने वाले इस समूह को पिछले एक हफ्ते से मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है. इसकी शुरुआत अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के साथ हुई, जिसमें समूह के संचालन के बारे में कई आरोप लगाए हैं. वैसे, अहमदाबाद मुख्यालय वाले समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है, लेकिन विश्लेषकों और निवेशकों को अपनी बात समझाने में विफल रहा है.

बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि बड़े ऋण संबंधी आंकड़ों की जानकारी के तहत आरबीआई नियमित रूप से बैंकों के बड़े कॉरपोरेट उधारकर्ताओं का ब्योरा लेता है. कई बार बैंक गिरवी रखी गई प्रतिभूतियों के बदले उधार देते हैं और अडाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों के इक्विटी शेयरों की कीमत में भारी गिरावट के चलते गिरवी रखी गई प्रतिभूतियों की कीमत भी घट सकती है.

ये भी पढ़ें : Adani Group Share Falls down : अडाणी ग्रुप की अधिकांश कंपनियों पर लगा लोअर सर्किट, एनएसई का भी एक्शन

(एक्स्ट्रा इनपुट- पीटीआई)

नई दिल्ली : संकट में फंसे अडाणी समूह को बैंकों के कर्ज को लेकर चिंता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर है. केंद्रीय बैंक ने साथ ही यह भी कहा कि वह ऋणदाताओं पर लगातार नजर बनाए हुए है. आरबीआई ने बयान में कहा कि एक ‘व्यावसायिक समूह’ को भारतीय बैंकों के कर्ज के बारे में चिंता जताने वाली मीडिया रिपोर्टों को संज्ञान में लेते हुए वह लगातार बैंकिंग क्षेत्र की निगरानी कर रहा है. हालांकि, आरबीआई ने अडाणी समूह का नाम नहीं लिया.

  • "As per current assessment, banking sector remains resilient and stable. Various parameters relating to capital adequacy, asset quality, liquidity, provision coverage and profitability are healthy. Banks also in compliance with Large Exposure Framework guidelines": RBI

    — ANI (@ANI) February 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आरबीआई ने कहा कि वर्तमान मूल्यांकन के अनुसार 'बैंकिंग क्षेत्र जुझारू और स्थिर बना हुआ है. पूंजी पर्याप्तता, संपत्ति की गुणवत्ता, नकदी, प्रावधान प्रसार और लाभप्रदता से संबंधित विभिन्न मानदंड अच्छी स्थिति में हैं.' केंद्रीय बैंक ने कहा, 'नियामक और पर्यवेक्षक के रूप में, आबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बैंकिंग क्षेत्र और प्रत्येक बैंक की लगातार निगरानी करता है. आरबीआई के पास बड़े ऋणों से संबंधित सूचनाओं का केंद्रीय संग्रह (सीआरआईएलसी) डेटाबेस प्रणाली है, जहां बैंक अपने पांच करोड़ और इससे अधिक के कर्ज की जानकारी देते हैं. इस जानकारी का इस्तेमाल निगरानी के लिए किया जाता है.'

बयान में कहा गया कि केंद्रीय बैंक सतर्क रहता है और लगातार भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता की निगरानी करता है. बयान में आगे कहा गया कि बैंक बड़े कर्ज के ढांचे (एलईएफ) के दिशानिर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक दिन पहले ऋणदाताओं यानी बैंकों से अडाणी समूह को दिए गए कर्ज का ब्योरा मांगा था. बैंकिंग सूत्रों ने यह जानकारी दी. स्विटजरलैंड के ऋणदाता क्रेडिट स्विस ने बुधवार को मार्जिन कर्ज देने के लिए अडाणी समूह की कंपनियों के बॉन्ड को गारंटी के रूप में स्वीकार करना बंद कर दिया था. इसके बाद अडाणी ने अपना एफपीओ वापस ले लिया.

विविध क्षेत्रों में काम करने वाले इस समूह को पिछले एक हफ्ते से मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है. इसकी शुरुआत अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के साथ हुई, जिसमें समूह के संचालन के बारे में कई आरोप लगाए हैं. वैसे, अहमदाबाद मुख्यालय वाले समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है, लेकिन विश्लेषकों और निवेशकों को अपनी बात समझाने में विफल रहा है.

बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि बड़े ऋण संबंधी आंकड़ों की जानकारी के तहत आरबीआई नियमित रूप से बैंकों के बड़े कॉरपोरेट उधारकर्ताओं का ब्योरा लेता है. कई बार बैंक गिरवी रखी गई प्रतिभूतियों के बदले उधार देते हैं और अडाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों के इक्विटी शेयरों की कीमत में भारी गिरावट के चलते गिरवी रखी गई प्रतिभूतियों की कीमत भी घट सकती है.

ये भी पढ़ें : Adani Group Share Falls down : अडाणी ग्रुप की अधिकांश कंपनियों पर लगा लोअर सर्किट, एनएसई का भी एक्शन

(एक्स्ट्रा इनपुट- पीटीआई)

Last Updated : Feb 3, 2023, 7:56 PM IST
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